रोहतक, 7 सितंबर . Haryana के पूर्व Chief Minister भूपेंद्र हुड्डा ने Sunday को लगातार दूसरे दिन बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और लोगों की समस्याएं सुनीं. इस दौरान उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों को प्राथमिकता के आधार पर लोगों को राहत पहुंचाने के निर्देश दिए.
उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि State government की विफलता के कारण राज्य में बाढ़ और जलभराव की स्थिति गंभीर बनी हुई है.
उन्होंने कहा, “लोगों को तत्काल मदद और मुआवजे की जरूरत है, लेकिन नुकसान के बजाय सरकार ने एक बार फिर लोगों को पोर्टल के हवाले कर दिया है.”
उन्होंने कहा, “पिछले कई सालों से सरकार मुआवजा देने के बजाय पोर्टल का खेल खेल रही है. इस व्यवस्था के कारण किसी भी आपदा से पीड़ित 90 प्रतिशत लोगों को मुआवजा नहीं मिल पाता. यहां तक कि कुछ किसानों को जो मुआवजा मिलता है, उसमें भी कई महीने लग जाते हैं, इसीलिए कांग्रेस मांग करती रही है कि किसानों को सीधे आर्थिक मदद दी जाए.”
भूपेंद्र हुड्डा ने किसानों के साथ ट्रैक्टर चलाकर महम और कलानौर विधानसभा क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया. उन्होंने कहा कि खेतों में खड़ी फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई है.
उन्होंने कहा, “जलभराव को देखते हुए आगामी फसल की कोई उम्मीद नहीं है, इसलिए किसानों को कम से कम 60-70 हजार रुपए प्रति एकड़ का मुआवजा मिलना चाहिए. साथ ही, सरकार को घरों, दुकानों और अन्य इमारतों को हुए नुकसान का मुआवजा भी देना चाहिए. केंद्र सरकार को बाढ़ प्रभावित Haryana, पंजाब और Himachal Pradesh के लिए राहत पैकेज की भी घोषणा करनी चाहिए.”
हुड्डा ने कहा कि जब 1995 में ऐसी ही बाढ़ आई थी तो मैं खुद तत्कालीन कृषि मंत्री बलराम जाखड़ को लेकर Haryana आया था. उस समय कांग्रेस सरकार ने किसानों को खेत खलिहान, ट्यूबवेल, सभी मकान-दुकानों के साथ-साथ फसलों समेत हर नुकसान का मुआवजा दिया था, लेकिन मौजूदा सरकार में जब मुआवजा देने की बात आती है तो किसानों को पोर्टल के हवाले कर दिया जाता है.
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एकेएस/डीकेपी
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