अयोध्या, 5 अक्टूबर . उत्तर प्रदेश की Governor आनंदीबेन पटेल ने कहा कि जब महिलाएं कृषि, तकनीक और नवाचार की धारा से जुड़ेंगी, तभी आत्मनिर्भर India का स्वप्न साकार होगा. वे Sunday को आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कुमारगंज, अयोध्या के 27वें दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रही थीं.
Governor आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में आयोजित दीक्षांत समारोह में विद्यार्थियों को कुल 735 उपाधियां और 28 पदक प्रदान किए गए. इस अवसर पर आंगनबाड़ी केंद्रों को 300 किटें भी दी गईं. Governor की प्रेरणा से अयोध्या जिला प्रशासन द्वारा बेटियों के स्वास्थ्य संरक्षण के लिए एचपीवी टीकाकरण अभियान शुरू किया गया, जिसके तहत एक सप्ताह में 1000 बेटियों को टीके लगाए जाएंगे. Governor ने विद्यार्थियों से कहा कि यह उपाधि केवल सम्मान नहीं, बल्कि उत्तरदायित्व का प्रतीक है. उन्होंने कहा, “हमारे वैज्ञानिक और शोधार्थी विश्व को बताएं कि भारतीय खेती कितनी वैज्ञानिक है और इसकी तकनीक को वैश्विक पहचान दिलाएं.”
उन्होंने विद्यार्थियों से समाज और किसानों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने की दिशा में कार्य करने का आह्वान किया. Governor ने कहा कि सीमांत किसान हमारी कृषि अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं, और शिक्षा का सर्वोत्तम प्रयोग उनके जीवन सुधार में होना चाहिए. उन्होंने कहा कि ‘जय जवान, जय किसान’ केवल नारा नहीं, बल्कि India की आत्मा का उद्घोष है. समारोह में उन्होंने महिलाओं के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि आज प्रदेश की महिलाएं घर के साथ-साथ कृषि, नवाचार और उद्यमिता में अग्रणी भूमिका निभा रही हैं. उन्होंने Prime Minister मोदी की “ड्रोन दीदी” योजना को महिलाओं के लिए आत्मनिर्भरता का नया मार्ग बताया.
Governor ने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों की सराहना करते हुए कहा कि यह देश का पहला कृषि विश्वविद्यालय है जिसने नैकमें ए++ ग्रेड हासिल किया है और अब इसे विश्व रैंकिंग की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए. उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय ने अब तक 202 फसलों की नई प्रजातियां विकसित की हैं और वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी तथा थाईलैंड के किंग मोंगकुट इंस्टीट्यूट से अंतरराष्ट्रीय सहयोग स्थापित किया है.
इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय आलू केंद्र, पेरू के महानिदेशक डॉ. साइमन हेक ने India को अगली कृषि क्रांति का नेतृत्वकर्ता बताया, वहीं कृषि राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख ने जैविक खेती और सूक्ष्म सिंचाई के प्रसार पर बल दिया. कुलपति डॉ. बिजेंद्र सिंह ने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया.
–
एमएस/डीकेपी
You may also like
चाणक्य नीति: किन लोगों की मदद से बचना चाहिए?
जहरीले सांप होते हैं ये 3 लोग,` ये मर भी रहे हो तो इनकी मदद मत करना
Stocks to Buy: आज Atlantaa और V-Mart Retail समेत इन शेयरों से होगी कमाई, तेजी के संकेत
आज का मेष राशिफल, 6 अक्टूबर 2025 : कार्यक्षेत्र में प्रयासों से मिलेगा लाभ, आर्थिक स्थिति होगी बेहतर
मप्र के इंदौर में डेढ़ लाख स्वयंसेवकों ने दिखाया अनुशासन और एकता का अद्भुत दृश्य