New Delhi, 15 अक्टूबर . भारतीय सेना ने छात्रों के लिए ‘India रणभूमि दर्शन’ की एक विशेष पहल की है. ‘India रणभूमि दर्शन’ पहल को भारतीय सेना ने 76वें सेना दिवस पर आरंभ किया था. इसका उद्देश्य India की समृद्ध सैन्य विरासत, ऐतिहासिक युद्ध स्थलों एवं रणभूमियों के बारे में जन-जागरूकता बढ़ाना, ‘बैटलफील्ड टूरिज्म’ को प्रोत्साहन देना और इन स्थलों को राष्ट्रीय पर्यटन परिदृश्य में एकीकृत करना है.
दिल्ली में भारतीय सेना ने Wednesday को ‘India रणभूमि दर्शन’ के अंतर्गत ‘India रणभूमि दर्शन इंटर-स्कूल क्विज’ का आयोजन किया. यह आयोजन यूनाइटेड सर्विस इंस्टीट्यूशन ऑफ इंडिया (यूएसआई) ने किया. यूएसआई देश का सबसे पुराना सैन्य थिंक टैंक है और इसकी स्थापना वर्ष 1870 में हुई थी. युवा वर्ग तक इस पहल के संदेश को पहुंचाने के लिए, यूएसआई, जो नोडल कोऑर्डिनेटिंग एजेंसी के रूप में कार्य कर रही है, ने कक्षा 9 से 12 तक के विद्यार्थियों के लिए ‘India रणभूमि दर्शन इंटर-स्कूल क्विज’ का आयोजन किया.
इस प्रतियोगिता में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के 18 प्रमुख विद्यालयों ने भाग लिया, जो India की सैन्य परंपराओं, इतिहास और राष्ट्रीय गौरव के प्रति छात्रों की बढ़ती रुचि का प्रतीक है.
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि लेफ्टिनेंट जनरल अजय रामदेव, महानिदेशक (एकीकृत प्रशिक्षण) रहे. उन्होंने विजेता टीमों को पुरस्कार प्रदान किए तथा छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए उनके ज्ञान, उत्साह और देशभक्ति की सराहना की. क्विज का संचालन के.एस. नायर ने किया, जो एक प्रसिद्ध सैन्य इतिहासकार एवं लेखक हैं और भारतीय सशस्त्र बलों पर कई प्रसिद्ध पुस्तकें लिख चुके हैं. उनके ज्ञानवर्धक एवं रोचक प्रश्नों ने विद्यार्थियों को India के सैन्य इतिहास से जोड़ते हुए कार्यक्रम को जीवंत बना दिया.
प्रतियोगिता में आर्मी पब्लिक स्कूल, धौला कुआं की टीम विजेता रही, जबकि एयर फोर्स स्कूल, सुब्रोतो पार्क ने दूसरा स्थान प्राप्त किया और समर्स फील्ड स्कूल, कैलाश कॉलोनी तीसरे स्थान पर रहा. जीडी गोयनका स्कूल और इंद्रप्रस्थ इंटरनेशनल स्कूल के प्रदर्शन को भी विशेष प्रशंसा मिली.
सभी प्रतिभागी छात्रों को उनके उत्साह एवं प्रयास की सराहना में प्रमाणपत्र प्रदान किए गए. यह आयोजन भारतीय सेना और यूएसआई के उस सतत प्रयास का प्रतीक है, जिसके तहत देश के युवाओं में India की सैन्य विरासत, गौरवशाली परंपराओं और राष्ट्रीय इतिहास के प्रति जागरूकता, शोध भावना और गर्व की भावना विकसित की जा रही है.
सेना के मुताबिक, यह कार्यक्रम ‘India रणभूमि दर्शन’ पहल के अंतर्गत युवाओं को प्रेरित करने और राष्ट्र की वीर गाथाओं से जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम सिद्ध हुआ.
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जीसीबी/डीकेपी
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