Lucknow, 17 सितंबर . उत्तर प्रदेश के Chief Minister योगी आदित्यनाथ ने भगवान विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर ‘विश्वकर्मा एक्सपो-2025’ का शुभारंभ किया. इस अवसर पर उन्होंने घोषणा की कि परंपरागत 11 कारीगर ट्रेड्स के साथ अब 12 नए ट्रेड्स को जोड़ा गया है. इनमें मोबाइल रिपेयरिंग, ऑटोमोबाइल रिपेयरिंग, इलेक्ट्रॉनिक गुड्स रिपेयरिंग, इलेक्ट्रिकल गुड्स रिपेयरिंग, प्लंबर, कंप्यूटर रिपेयरिंग, सोलर पैनल रिपेयरिंग, डिजिटल फोटोग्राफी, ब्यूटी एंड वेलनेस सहित अन्य शामिल हैं.
सीएम योगी ने कहा कि इन नए क्षेत्रों को जोड़कर युवाओं को आत्मनिर्भरता, आधुनिक तकनीक और वैश्विक बाजार से जोड़ा जाएगा. Chief Minister ने कहा कि बीते साढ़े आठ साल में हमारे कारीगरों, शिल्पकारों ने यूपी को बीमारू राज्य से बाहर निकालकर इसे विकास का ग्रोथ इंजन बना दिया है. अब कोई मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति ही इसे बीमारू राज्य कहता होगा, अन्यथा पूरे देश की धारणा उत्तर प्रदेश को लेकर बदल चुकी है. यूपी अब अनलिमिटेड पोटेंशियल वाला प्रदेश हो चुका है. कार्यक्रम में प्रदेशभर के कारीगरों, शिल्पकारों और उद्यमियों के लिए बैंकों द्वारा ₹1,32,000 करोड़ का ऋण वितरण किया गया.
Chief Minister ने कहा कि यह राशि कई राज्यों के वार्षिक बजट से भी अधिक है. मंच से सीएम योगी ने सीतापुर की शशि देवी को ₹2 लाख और Lucknow की अंशु शर्मा को ₹9.5 लाख का ऋण प्रदान किया. विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के अंतर्गत प्रदेशभर के 12,000 कारीगरों को टूलकिट वितरण किया गया. इनमें Lucknow के ऋत्विक कनौजिया और प्रियंका कुमारी को मंच से टूलकिट प्रदान कर Chief Minister ने सम्मानित किया. Chief Minister ने कहा कि यूपी अब बीमारू प्रदेश नहीं, बल्कि देश का ग्रोथ इंजन बन चुका है. 2017 में जहां 100 रुपये जमा पर केवल 44 रुपये का ऋण मिलता था, वहीं आज यह अनुपात 62 प्रतिशत हो गया है. लक्ष्य है कि अगले वित्तीय वर्ष तक इसे 75 प्रतिशत तक पहुंचाया जाए.
उन्होंने कहा कि Government युवाओं को जॉब सीकर नहीं, बल्कि जॉब प्रोवाइडर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है. Chief Minister ने कहा कि परंपरागत उद्यमों को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ओडीओपी) योजना अब पूरे देश के लिए मॉडल बन गई है. इस योजना ने यूपी को 1 लाख 86 हजार करोड़ रुपये का निर्यात करने वाला राज्य बना दिया है. इससे लाखों युवाओं को रोजगार और प्रदेश को नई पहचान मिली है. उन्होंने कहा कि हमारे कारीगरों के पास सबकुछ है. आज क्रिकेट और फुटबॉल दुनियाभर में खेला जाता है, मगर उसकी सामग्री तैयार होती है मेरठ में. चमड़े का कार्य आगरा में होता है. कार्पेट में वाराणसी, मिर्जापुर और भदोही के कारीगरों का हुनर पूरी दुनिया में पसंद किया जाता है.
इस अवसर पर विभिन्न कंपनियों और संगठनों के साथ तीन महत्वपूर्ण एमओयू साइन किए गए. इन कंपनियों में रेलटेल इंडिया, जीएमआर, शाही एक्सपोर्ट्स, यदुपति, ऊषा इंटरनेशनल, लक्मे, मिस्टर ब्राउन, राधेलाल, धोबीलाइट, मेसर्स ऐप्टेक, लाउंड्री लेजेंड, समाधान, महेश नमकीन, मिंडा सिल्का, केयर स्किल एकेडमी, अपैरल ट्रेनिंग एंड डिजाइन सेंटर, रॉयल इम्पैक्ट, विजय इंडस्ट्रीज, श्याम सन्स, अजिमुत बिजनेस ऑन व्हील्स, जेडी वेलफेयर, ब्लैक पॉटरी फाउंडेशन, एचसीएल फाउंडेशन, इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया के सीए चरनजीत सिंह नंदा, सीए ज्ञानचंद मिश्रा मौजूद रहे. ये कंपनियां परंपरागत कारीगरों को नई तकनीक से प्रशिक्षित करेंगी. प्रदेश के 111 कनिष्ठ सहायकों को नियुक्ति पत्र भी प्रदान किए गए. Chief Minister ने मंच से 11 अभ्यर्थियों को स्वयं नियुक्ति पत्र सौंपा.
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विकेटी/एएस
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