कोलकाता, 31 मई . कोलकाता की एक अदालत ने शनिवार को एक विशेष समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में कानून की छात्रा शर्मिष्ठा पनोली को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया.
कोलकाता पुलिस ने 22 वर्षीय लॉ छात्रा को हरियाणा के गुरुग्राम से दिन में ही गिरफ्तार कर लिया था और ट्रांजिट रिमांड पर वापस कोलकाता लाया गया. उसे शनिवार दोपहर कोलकाता के सिटी कोर्ट में पेश किया गया. मामले में विस्तृत सुनवाई के बाद आखिरकार उसे 13 जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.
इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट करने के लिए 15 मई को गार्डन रीच पुलिस स्टेशन में उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. इसमें उसने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर कुछ टिप्पणियां की थीं, जिससे कथित तौर पर एक विशेष समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची थी.
कड़ी आलोचनाओं के बाद उसने वह वीडियो हटा दिया और मामले में सार्वजनिक रूप से माफी भी मांगी. हालांकि, दर्ज एफआईआर के आधार पर पुलिस ने पहले उसे नोटिस भेजा.
इसके बाद उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया और आखिरकार उसे गुरुग्राम में गिरफ्तार कर लिया गया. पनोली (22) पुणे में कानून की पढ़ाई कर रही है.
शनिवार को जब उसे सिटी कोर्ट में पेश किया गया, तो सरकारी वकील ने उसकी पुलिस हिरासत की मांग की. सरकारी वकील ने दलील दी, “पुलिस के लिए यह जानना जरूरी है कि उसने किस इरादे से सोशल मीडिया पर ऐसा पोस्ट किया. इसलिए उसे पुलिस हिरासत में लेकर पूछताछ की जानी चाहिए. यह जानना जरूरी है कि उसकी इस हरकत के पीछे कोई और भी था या नहीं.”
हालांकि, उसके वकील ने किसी भी हालत में उसे जमानत देने की गुहार लगाई. उसके वकील ने दलील दी, “मेरी मुवक्किल ने अपनी टिप्पणियों के लिए पहले ही माफी मांग ली है. उसके बाद भी उसे धमकी भरे फोन आ रहे हैं. वह कानून की छात्रा है. पुलिस ने उसका लैपटॉप और मोबाइल फोन पहले ही जब्त कर लिया है. उसके बयान दर्ज किए जा चुके हैं, इसलिए उसे किसी भी हालत में जमानत मिलनी चाहिए. मेरी मुवक्किल जांच प्रक्रिया में सहयोग करेगी.”
हालांकि, आखिरकार उसे 13 जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.
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एससीएच/एकेजे
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