नई दिल्ली, 1 जून . यदि आप अपनी रोजाना की दिनचर्या में कब्ज, गैस, एसिडिटी की परेशानी से जूझ रहे हैं और तमाम कोशिशों के बावजूद भी इन परेशानियों से छुटकारा पाने में विफल हो रहे हैं तो आप ‘पवनमुक्तासन’ आसन करना शुरू करें. यह आपके लिए वरदान साबित हो सकता है. अगर नियमित रूप से पवनमुक्तासन योग किया जाए तो पाचनतंत्र मजबूत बनता है और गैस, कब्ज और एसिडिटी की समस्या से छुटकारा मिलता है.
पवनमुक्तासन योगासनों में एक आसन है. जिसे वायु मुक्ति आसन या ‘गैस रिलीज पोज’ भी कहा जाता है. यह आसन पेट में जमा गैस को बाहर निकालने और पाचन तंत्र को बेहतर बनाने में मददगार साबित होता है. चलिए इस आसन के बारे में विस्तार से समझते हैं.
भारत सरकार के आयुष मंत्रालय की ओर से यूट्यूब चैनल पर पवनमुक्तासन आसन के बारे में विस्तार से बताया गया है. पवनमुक्तासन वात से भी राहत दिलाता है और पेट को बढ़ने से रोकता है. इससे पेट पर आंतरिक दबाव पड़ता है जिससे आसन पाचन क्रिया में सहायक होता है. पाचन क्रिया के अलावा यह पेल्विक रीजन की मांसपेशियों, लिगामेंट्स और टेंडन्स के लिए बहुत लाभदायक होता है.
इस आसन को करने के लिए पहले योग मैट पर पीठ के बल लेट जाएं. दोनों पैर सीधे और हाथ शरीर के पास आराम से रखें. गहरी सांस लें और दाहिने घुटने को छाती की ओर लाएं. दोनों हाथों से घुटने को पकड़ें और हल्का दबाव डालें. सिर को ऊपर उठाएं और ठोड़ी को घुटने की ओर लाने की कोशिश करें.
इस दौरान बायां पैर सीधा रहे. इस मुद्रा में 10-20 सेकंड तक सामान्य श्वास लें. धीरे से दाहिना पैर सीधा करें और यही प्रक्रिया बाएं पैर के साथ दोहराएं. दोनों घुटनों को एक साथ छाती की ओर लाएं, हाथों से पकड़ें और सिर को घुटनों की ओर लाएं. 20-30 सेकंड तक रुकें. धीरे से पैरों को नीचे लाएं और सामान्य स्थिति में लौटें. इस आसन को करने से यकीनन आपको जल्द ही इसका लाभ भी दिखेगा.
हालांकि, इस आसन को करने से पहले कुछ सावधानियां भी बतरनी पड़ती है जैसे कि पेट, कमर या रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोट या सर्जरी हुई है तो इस आसन को करने से बचे. गर्भवती महिलाओं को यह आसन नहीं करना चाहिए. उच्च रक्तचाप या हर्निया के रोगियों को चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए.
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डीकेएम/एएस
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