नई दिल्ली, 31 मई . देश के विभिन्न सीमावर्ती राज्यों और शहरों में शनिवार को ‘ऑपरेशन शील्ड’ के तहत एक व्यापक मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया. इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य युद्ध जैसी आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए नागरिक प्रशासन, सुरक्षा एजेंसियों और आम जनता की तैयारियों का आकलन करना था. कई शहरों में रात के समय ब्लैकआउट का भी अभ्यास किया गया, ताकि युद्ध की स्थिति में रोशनी को नियंत्रित कर दुश्मन के हमलों से बचा जा सके.
पंजाब के सीमावर्ती जिलों फाजिल्का और फिरोजपुर में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद ‘ऑपरेशन शील्ड’ के तहत मॉक ड्रिल की गई. जिला प्रशासन ने नागरिकों को युद्ध के माहौल में खुद को सुरक्षित रखने और आवश्यक नियमों का पालन करने के बारे में जागरूक किया. फिरोजपुर में यह ड्रिल शाम 6:30 बजे से 7:30 बजे तक और रात 9:00 बजे से 9:30 बजे तक ब्लैकआउट के साथ हुई.
अमृतसर के रंजीत एवेन्यू दशहरा ग्राउंड में भी ‘ऑपरेशन शील्ड’ के तहत मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया. एडीसी मेजर अमित सरीन ने बताया कि यह अभ्यास लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और प्रशासन की तैयारियों को परखने के लिए किया गया है. उन्होंने रात 8:00 बजे से 8:30 बजे तक होने वाले ब्लैकआउट के दौरान नागरिकों से सहयोग की अपील की थी. जिला कमांडर पंजाब होम गार्ड मनप्रीत सिंह ने बताया कि इस ड्रिल में एनसीसी, एनएसएस और सिविल डिफेंस की टुकड़ियों ने भाग लिया.
पठानकोट में भी ‘ऑपरेशन शील्ड’ के तहत मॉक ड्रिल हुई. शाम 6 बजे रेलवे स्टेशन पर हूटर बजते ही प्रशासन हरकत में आ गया. एसडीएम अर्शदीप सिंह ने बताया कि यह अभ्यास युद्ध या अन्य घटनाओं से निपटने के लिए किया गया है और लोगों को घबराने की आवश्यकता नहीं है. वहां रात 8 बजे ब्लैकआउट का अभ्यास किया गया.
जम्मू-कश्मीर के सांबा के गवर्नमेंट मॉडल हायर सेकेंडरी स्कूल बॉयज में युद्ध जैसी आपात स्थितियों से निपटने के लिए एक व्यापक मॉक ड्रिल की गई. इसमें एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सिविल डिफेंस और जम्मू-कश्मीर पुलिस के विशेष दस्तों ने हिस्सा लिया. जिला उपायुक्त (डीसी) सांबा राजेश शर्मा ने बताया कि यह अभ्यास सुरक्षा बलों और आम नागरिकों दोनों के लिए महत्वपूर्ण है.
भारत-पाक सीमा से सटे मेंढर और अखनूर में भी मॉक ड्रिल आयोजित की गई. मेंढर में एसडीआरएफ और सिविल डिफेंस ने हिस्सा लिया, जबकि अखनूर में जम्मू-कश्मीर पुलिस, एसडीआरएफ, सिविल डिफेंस, फायर ब्रिगेड और स्वास्थ्य विभाग की टीमें शामिल रहीं. इन ड्रिल्स का मकसद आपातकाल या युद्ध जैसी स्थिति में आम नागरिकों की सुरक्षा और बचाव के तरीकों को लेकर जागरूकता फैलाना था.
‘ऑपरेशन शील्ड’ के अंतर्गत रियासी और डोडा में भी मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया. रियासी में एसडीआरएफ, पुलिस, सेना, सिविल डिफेंस और जिला प्रशासन के अधिकारियों ने भाग लिया, जबकि डोडा में सिविल प्रशासन, जम्मू-कश्मीर पुलिस, एसडीआरएफ और फायर एंड इमरजेंसी सर्विस ने गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में अभ्यास किया.
राजस्थान के सीकर में ‘ऑपरेशन शील्ड’ के तहत श्री कल्याण मेडिकल कॉलेज में एक बड़ी मॉक ड्रिल की गई, जिसमें एयर स्ट्राइक की काल्पनिक सूचना पर आपात टीमें मौके पर पहुंचीं. जिला कलेक्टर मुकुल शर्मा ने बताया कि ड्रिल में 25 घायल और तीन मृत दिखाए गए, और कॉलेज के छात्र-छात्राएं तथा आम जनता भी इसे देखने के लिए जमा हुई.
वहीं, हरियाणा के चरखी दादरी में भी आपात स्थिति से निपटने के लिए मॉक ड्रिल की गई. डीएसपी हेडक्वार्टर धीरज कुमार की अगुवाई में हुई इस ड्रिल में सायरन बजाकर हमलों से बचने की ट्रेनिंग दी गई. शाम 8 बजे से 15 मिनट का ब्लैकआउट भी हुआ. साथ ही, नूंह बस अड्डा परिसर में ‘ऑपरेशन शील्ड’ के तहत मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया. सायरन बजते ही लोग खुले मैदान की तरफ भागे और कानों पर हाथ रखकर जमीन पर लेट गए. हवाई हमले में चोटिल लोगों को प्राथमिक उपचार दिया गया. एसडीएम नूंह अश्विनी कुमार ने बताया कि यह ड्रिल गृह मंत्रालय के निर्देशों पर की गई है.
हिसार में भी सिविल डिफेंस एक्सरसाइज (ऑपरेशन शील्ड) का अभ्यास किया गया, जिसमें एयरक्राफ्ट, मिसाइल और ड्रोन हमलों की परिस्थितियों भी दर्शाई गई. एसडीएम ज्योति मित्तल ने बताया कि मॉक ड्रिल में 35 कैजुअलिटी दर्शाई गई थी और इसमें सिविल डिफेंस, एनसीसी, एनएसएस, नेहरू युवा केंद्र व एसडीआर की टीमों ने भाग लिया. रात 8 बजे से 8:15 तक शहर में पूरी तरह ब्लैकआउट रहा.
गुजरात के कच्छ में ‘ऑपरेशनल सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल’ और ‘ऑपरेशन शील्ड’ के तहत भुज स्थित आर्मी स्टेशन पर मॉक ड्रोन हमले का अभ्यास किया गया. इसमें घायल लोगों को उपचार उपलब्ध कराने और आग लगने की स्थिति में पीड़ितों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने का प्रशिक्षण दिया गया. रात 8 बजे से 8:30 बजे के बीच कच्छ में ब्लैकआउट रहा.
राजकोट में ‘ऑपरेशन शील्ड’ के तहत माधापर चौराहे के पास स्थित तालुका स्कूल में एक मॉक ड्रिल हुई. इसमें बम विस्फोट की काल्पनिक स्थिति में लगभग 20 लोगों के घायल होने पर पुलिस, रेस्क्यू टीम, एंबुलेंस और एनएसजी की टीम ने मिलकर अभ्यास किया. कलेक्टर प्रभव जोशी ने बताया कि यह मॉक ड्रिल संभावित घटना के दौरान प्रशासन की प्रतिक्रिया तैयारियों को परखने के लिए की गई थी.
जूनागढ़ के केशोद एयरपोर्ट पर ‘ऑपरेशन शील्ड’ के तहत एयर स्ट्राइक मॉक ड्रिल आयोजित की गई. इस दौरान एयरपोर्ट के विभिन्न स्थानों को निशाना बनाया गया और राजस्व विभाग, आपदा प्रबंधन, पुलिस विभाग, अग्निशमन दल, स्वास्थ्य दल आदि को सूचित किया गया. डी.कलेक्टर वंदना मीना ने बताया कि 20 लोगों को बचाया गया, जिनमें से पांच को सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया.
चंडीगढ़ के किशनगढ़ और आईटी पार्क एरिया में पुलिस की तरफ से 10 मिनट का पूरी तरह से ब्लैकआउट रखा गया, जिसमें गाड़ियों की लाइटें भी बंद करवाई गईं.
ये सभी मॉक ड्रिल्स देश की सुरक्षा तैयारियों को मजबूत करने और किसी भी आपात स्थिति में बेहतर ढंग से प्रतिक्रिया देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम हैं.
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डीएससी/एकेजे
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