New Delhi, 12 अक्टूबर . महिला प्रजनन तंत्र एक जैविक प्रणाली है, जो संतान पैदा करने में सहायक होती है. ये दो भागों- बाह्य जनन अंग और आंतरिक जनन अंग में बंटी होती है. ये अंग सिर्फ बच्चे पैदा करने में ही सहायक नहीं होते, बल्कि महिलाओं की ओवरऑल हेल्थ को बनाए रखने में मदद करते हैं.
महिला प्रजनन तंत्र महिलाओं में हॉर्मोन संतुलन, यौन परिपक्वता, मानसिक स्थिरता और हड्डियों की मजबूती को बनाए रखता है. अगर इसमें किसी भी तरह की कोई परेशानी होती है तो महिला का पूरा शरीर प्रभावित होता है.
आयुर्वेद में महिला प्रजनन तंत्र को शक्ति और प्रकृति दोनों से जोड़ा गया है. इसी तंत्र की वजह से महिला को सृष्टि की सृजनकर्ता कहा गया है, जो नई शक्ति को जन्म देती है. महिला प्रजनन तंत्र में अंडाशय, फैलोपियन ट्यूब, गर्भाशय ग्रीवा और योनि के अलावा कई बाह्य जनन अंग भी होते हैं. ये सभी छोटे अंग मिलकर महिला की ओवरऑलहेल्थ को सामान्य बनाने में मदद करते हैं. अगर इनमें से किसी भी अंग में परेशानी होती है तो महिला को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.
महिला प्रजनन तंत्र को स्वस्थ रखने के लिए आयुर्वेद में कई जड़ी-बूटियों के बारे में बताया गया है. शतावरी इसमें बहुत बड़ी भागीदारी निभाती है. शतावरी में पॉलीसैकेराइड्स, म्यूसिलेज, फोलिक एसिड, और सार्सासापोजेनिन जैसे यौगिक पाए जाते हैं, जो हार्मोन को संतुलित बनाते हैं और तनाव को कम करते हैं. दालचीनी भी महिला प्रजनन तंत्र के लिए अच्छी होती है.
दालचीनी में टेरपेनॉइड्स और फ्लेवोनॉइड्स जैसे यौगिक होते हैं, जो सूजन को कम करने का काम करते हैं और गर्भाशय में होने वाले संकुचन में आराम देते हैं. बता दें कि सिर्फ महिला का गर्भाशय हर महीने पीरियड के समय संकुचन करता है और बहुत तनाव महसूस करता है. ऐसे में दालचीनी का सेवन अच्छा रहेगा.
अशोकारिष्ट महिलाओं के महिला प्रजनन तंत्र के लिए काफी अच्छा रहता है. इसमें अशोक वृक्ष की छाल का काढ़ा होता है, जो बहुत प्रभावी होता है. इसके सेवन से महिला को पीरियड से जुड़ी समस्या में आराम मिलता है और हार्मोन संतुलित बना रहता है.
इसके अलावा फल घृत भी फायदेमंद होता है. इसे आप घर पर बना सकते हैं. इसमें गिर गौ घृत, मंजीठ, मुलेठी, कूठ, हर्रे, बहेड़ा, आंवला, अजवायन, हल्दी, दारुहल्दी, हींग, श्वेतकमल फूल, और शतावर जैसे तत्व होते हैं. ये सभी जड़ी-बूटियां मिलकर गर्भाशय, फैलोपियन ट्यूब और अंडाशय को सही तरीके से काम करने में मदद करती हैं.
इसके अलावा अश्वगंधा, लोध्र, योग और ध्यान की मदद से भी महिला प्रजनन तंत्र को स्वस्थ्य रखा जा सकता है.
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पीएस/वीसी
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