कोलकाता, 9 सितंबर . नेपाल में जेन-जी आंदोलन के दौरान हुई हिंसा में 19 से अधिक लोगों की मौत और कई लोग घायल हो गए हैं. इसके बाद पश्चिम बंगाल स्थित भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. सूत्रों के अनुसार, कम से कम 100 भारतीय ट्रक चालक और पर्यटक नेपाल सीमा पर फंसे हुए हैं.
दार्जिलिंग जिला पुलिस ने फंसे हुए भारतीयों के लिए 24 घंटे का कंट्रोल रूम शुरू किया है.
दार्जिलिंग के पुलिस अधीक्षक प्रवीन प्रकाश सुबह से पनितांकी सीमा की स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं. उन्होंने बताया, “हमने सीमा क्षेत्र में घर-घर तलाशी शुरू कर दी है. यहां फिलहाल किसी अशांति की खबर नहीं है, लेकिन हम पूरी तरह सतर्क हैं. नेपाल पुलिस के साथ लगातार संपर्क रखा जा रहा है. सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) भी चौकन्ना है. यदि किसी भारतीय को नेपाल में कोई समस्या होती है तो दार्जिलिंग जिला पुलिस हेल्पलाइन पर संपर्क करें, हम हरसंभव मदद करेंगे.”
हालांकि आधिकारिक रूप से घोषणा नहीं हुई है, लेकिन उत्तर बंगाल के सिलीगुड़ी के पास पनितांकी सीमा से वाहनों की आवाजाही रोक दी गई है.
केंद्र और State government मिलकर सीमा क्षेत्रों में निगरानी बढ़ाने और सुरक्षा चूक से बचने के लिए कदम उठा रही हैं. पनितांकी क्षेत्र में तनाव का माहौल है. यहां तक कि दुकानें भी बंद हो गई हैं. पश्चिम बंगाल सरकार हालात पर लगातार नजर रख रही है.
Tuesday को नेपाल सीमा पार प्रदर्शनकारियों ने टायर जलाए और वहां दो लोगों की मौत की खबर है.
सूत्रों के मुताबिक, भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा दोगुनी कर दी गई है और अतिरिक्त सुरक्षाबल तैनात किए गए हैं. रक्षा मंत्रालय ने हाई अलर्ट जारी किया है. सीमा पर हर वाहन की तलाशी ली जा रही है और डॉग स्क्वॉड भी तैनात हैं.
पुलिस वाहन चालकों और यात्रियों का नाम-पता और अन्य जानकारी एकत्र कर रही है. लेकिन वाहन आवाजाही बंद होने से सैकड़ों ट्रक दोनों ओर फंसे हुए हैं.
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डीएससी/
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