न्यूयॉर्क, 23 सितंबर . अमेरिकी President डोनाल्ड ट्रंप Tuesday को संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करेंगे. संयुक्त राष्ट्र की 80वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में इस हफ्ते दुनिया भर के कई नेता न्यूयॉर्क में एकत्रित हुए हैं.
अपने भाषण के बाद, ट्रंप संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस और यूक्रेन, अर्जेंटीना और यूरोपीय संघ के नेताओं के साथ आमने-सामने की बैठक करेंगे. व्हाइट हाउस की प्रवक्ता ने एक ब्रीफिंग में संकेत दिया है कि ट्रंप “वैश्विक संस्थाओं” की निंदा करते हुए एक आक्रामक भाषण दे सकते हैं.
अमेरिकी President कतर, सऊदी अरब, इंडोनेशिया, तुर्की, Pakistan, मिस्र, संयुक्त अरब अमीरात और जॉर्डन के अधिकारियों के साथ एक सामूहिक बैठक भी करेंगे.
इस बैठक के दौरान, ट्रंप कई विषयों पर चर्चा कर सकते हैं, जिसमें हमास की भागीदारी के बिना गाजा में युद्ध के बाद का शासन कैसा हो सकता है, इसे लेकर नीति भी शामिल हो सकती है.
संयुक्त राष्ट्र महासभा में उनके हरेक बयान पर सबकी नजर रहेगी. इसलिए भी क्योंकि ट्रंप अपने कार्यकाल के पहले आठ महीनों में ही यूएन के खिलाफ बिगुल फूंक चुके हैं. सपोर्ट को काफी हद तक कम कर दिया है. अपने पहले कार्यकाल में भी, वे संयुक्त राष्ट्र समर्थित बहुपक्षवाद के विरोध में ही थे.
इस वर्ष शपथग्रहण के बाद, उन्होंने पहले ही दिन एक कार्यकारी आदेश जारी कर अमेरिका को विश्व स्वास्थ्य संगठन से अलग कर लिया था. इसके बाद उन्होंने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में अमेरिका की भागीदारी समाप्त करने का कदम उठाया और सैकड़ों अंतर-Governmentी संगठनों में अमेरिकी सदस्यता की समीक्षा का आदेश दिया, जिसका उद्देश्य यह निर्धारित करना था कि क्या वे उनके ‘अमेरिका फर्स्ट’ एजेंडे की प्राथमिकताओं के अनुरूप हैं?
पिछले हफ्ते ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र के बारे में कहा, “इससे बहुत उम्मीदें हैं, लेकिन ईमानदारी से कहूं तो यह ठीक से नहीं चल रहा है.”
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने प्रेस ब्रीफिंग में कहा है कि ट्रंप “दुनिया भर में अमेरिकी ताकत के नवीनीकरण” और कई युद्ध समाप्त करने में अपनी सकारात्मक भूमिका का उल्लेख करेंगे.
लेविट ने कहा, “President इस बात पर भी प्रकाश डालेंगे कि कैसे वैश्विक संस्थाओं ने विश्व व्यवस्था को बुरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया है, और प्रेसिडेंट दुनिया को अपनी स्पष्ट और रचनात्मक सोच से रूबरू कराएंगे.”
लेविट ने दावा किया कि कई देशों के फिलिस्तीन को मान्यता देने की घोषणा को ट्रंप “हमारे कुछ मित्रों और सहयोगियों की ओर से सिर्फ बातें और पर्याप्त कार्रवाई न करने” के रूप में देखते हैं.
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