आगरा जिले में नहरों की सफाई और खड़ंजा निर्माण के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च होने के बावजूद काम अधूरा और खामियों से भरा पाया गया। माइनर से घास-फूस हटाने का कार्य अधूरा रहा, वहीं सिल्ट निकालने के बाद उसे उसी जगह डाल दिया गया। मंगलवार को जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही तय करने के लिए जिला पंचायत कार्यालय में “सिंचाई बंधु” की बैठक बुलाई गई।
बैठक रद्द, मौके पर पहुंचीं जिला पंचायत अध्यक्ष
जिला नहर विभाग के अधिशासी अभियंता नीरज कुमार सिंह बैठक में उपस्थित नहीं हुए। उनकी गैरमौजूदगी के कारण बैठक रद्द कर दी गई। इसके बाद जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. मंजू भदौरिया स्वयं माइनर और नहर का भौतिक सत्यापन करने मौके पर पहुंचीं। निरीक्षण में स्पष्ट तौर पर नहरों की सफाई में धांधली और काम में गड़बड़ी सामने आई। नाराजगी जताते हुए डॉ. भदौरिया ने अधिशासी अभियंता की शिकायत शासन को भेजी।
सफाई और खड़ंजा निर्माण पर करोड़ों रुपये बर्बाद
इस साल सितंबर में जिले की रजवाह एवं माइनर में घास-फूस हटाने और पटरी खड़ंजा बनाने के लिए सवा दो करोड़ रुपये से अधिक की निविदाएं निकाली गई थीं। ठेकेदारों को 25 दिन में नहरों की सिल्ट और घास-फूस निकालने तथा पटरी बनाने का कार्य करना था। नवंबर के पहले सप्ताह तक नहरों में पानी आने की व्यवस्था होनी थी।
लेकिन जब जिला पंचायत अध्यक्ष ने मौके पर निरीक्षण किया तो पाया कि श्यामो माइनर की सिल्ट और घास-फूस को जेसीबी से हटाने के बाद पास ही फेंक दिया गया था, जो दोबारा माइनर में वापस जा सकता है। माइनर की पटरियों पर अतिक्रमण नजर आया और पूर्व में निकाली गई मिट्टी-घास को समतल नहीं किया गया था, जिससे माइनर की पटरियों पर आवागमन मुश्किल हो गया।
किसानों को पड़ेगा नुकसान
दिगनेर टर्मिनल रजवाह की लंबाई 63 किलोमीटर है और इस टर्मिनल से जिले की 50 प्रतिशत भूमि सिंचित होती है। सफाई का कार्य अधूरा रहने से किसानों की आलू की फसल समय पर सिंचित नहीं हो पाएगी, जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है।
अधिशासी अभियंता की गैरहाजिरी पर नाराजगी
अधिशासी अभियंता नीरज कुमार सिंह ने इस वर्ष 18 जून को पदभार ग्रहण किया था, लेकिन वे केवल सितंबर में मासिक बैठक में शामिल हुए। बाकी सभी मासिक बैठकों में उनकी लगातार अनुपस्थिति रही। इससे नहरों की सफाई और अन्य मामलों पर आवश्यक विचार-विमर्श नहीं हो सका। जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. मंजू भदौरिया ने अधिशासी अभियंता के गैर जिम्मेदाराना रवैये की शिकायत शासन को पत्र लिखकर की है।
अधिशासी अभियंता का पक्ष
अधिशासी अभियंता नीरज कुमार सिंह ने बताया कि डीएम के आदेश पर वे डीसी मनरेगा के साथ जांच में गए थे। बैठक में उन्होंने दो सहायक अभियंताओं को भेजा था और नहर निरीक्षण के दौरान भी वे उपस्थित रहे।
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