पंजाब की राजनीति में हलचल मचाने वाली बड़ी खबर सामने आई है। आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक हरमीत सिंह पठानमाजरा, जो बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार किए गए थे, पंजाब पुलिस को चकमा देकर फरार हो गए। जानकारी के अनुसार, वह हरियाणा के करनाल जिले के डाबरी गांव में अपने रिश्तेदार गुरनाम सिंह लाडी के घर पर छिपे हुए थे। गुरनाम सिंह हरियाणा शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी से जुड़े हैं।
पुलिस का दावा है कि सोमवार सुबह तड़के जब उनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की गई, तभी पठानमाजरा दीवार फांदकर भाग निकले। हालांकि, इस दौरान उनके द्वारा किसी भी पुलिसकर्मी पर गोली चलाने की बात सामने नहीं आई है।
गिरफ्तारी से पहले वीडियो संदेश जारी
फरारी से पहले हरमीत पठानमाजरा ने एक वीडियो जारी कर अपने ऊपर लगे आरोपों को साजिश करार दिया। उन्होंने कहा कि उनकी पूर्व पत्नी से जुड़े एक पुराने मामले को फिर से उछालकर रेप केस दर्ज कराया गया है। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली में बैठी आम आदमी पार्टी की टीम पंजाब में पकड़ मजबूत करने के लिए उनकी आवाज दबाने की कोशिश कर रही है।
पठानमाजरा पहले भी विवादों में घिर चुके हैं। साल 2022 में उनकी दूसरी पत्नी गुरप्रीत कौर ने उन पर पहली शादी छिपाने और मारपीट का आरोप लगाया था। इसके अलावा, उनके कथित आपत्तिजनक वीडियो के वायरल होने से भी वह चर्चा में आ चुके हैं।
वकील की सफाई और कानूनी पेंच
विधायक के वकील बिक्रमजीत सिंह भुल्लर का कहना है कि 1 सितंबर 2025 को पटियाला पुलिस ने जीरकपुर की एक महिला की शिकायत पर रेप केस दर्ज किया है। महिला और पठानमाजरा की मुलाकात साल 2013-14 में सोशल मीडिया पर हुई थी, और 2021 में दोनों ने शादी कर ली थी।
भुल्लर ने बताया कि यह मामला नया नहीं है। 23 अगस्त 2022 को महिला ने पंजाब हाईकोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया था। इसके बाद 2024 में अदालत ने रोपड़ पुलिस को जांच का आदेश दिया। साथ ही, भुल्लर ने यह भी जोड़ा कि शिकायतकर्ता महिला पर आईटी एक्ट के तहत 4-5 केस पहले से दर्ज हैं।
बाढ़ राहत कार्य और नए आरोप
वकील का यह भी कहना है कि हाल ही में पठानमाजरा पटियाला में आई बाढ़ के दौरान राहत कार्यों में जुटे हुए थे। इस दौरान उन्होंने एक आईएएस अधिकारी पर गंभीर आरोप लगाए थे, जिसके बाद उनके खिलाफ 2013 के पुराने मामले को फिर से खंगालकर कार्रवाई की गई।
फिलहाल स्थिति साफ नहीं है कि पुलिस के हाथों उनकी गिरफ्तारी हुई है या वह अभी भी फरार हैं। लेकिन इतना तय है कि इस घटना ने पंजाब की राजनीति और AAP की सियासी मुश्किलों को और गहरा कर दिया है।