लाइव हिंदी खबर :- अंतरराष्ट्रीय मंच पर बोले गए एक बयान में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि उन्होंने हमास से प्रत्यक्ष तौर पर पूछा था कि क्या वे हथियार डाल देंगे और उनका जवाब सकारात्मक रहा जी हाँ हम हथियार डाल देंगे। ट्रम्प के मुताबिक़ यह बातचीत और जवाब युद्धविराम व बंधकों की रिहाई के सिलसिले में हुई कूटनीतिक प्रक्रियाओं के संदर्भ में थी।
ट्रम्प ने यह भी कहा कि ऐसे संकेत शांति की दिशा में आशा जगाते हैं, हालांकि उन्होंने यह मानना भी व्यक्त किया कि शब्दों और जमीन पर होने वाली वास्तविकता में अक्सर फर्क होता है। इसलिए उन्होंने यह भी जोड़ा कि मध्यस्थों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को आगे भी शर्तों के पालन और तर्कसंगत सत्यापन पर ध्यान देना चाहिए।
राजनयिक और सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि यह बयान परोक्ष रूप से सकारात्मक संकेत देता है, पर उसे सत्यापित करने के लिए ठोस प्रमाण और तकनीकी पहलुओं की आवश्यकता होगी| जैसे हथियार छोड़ने की समय-सीमा, निरीक्षण और गारंटियों का ढांचा। वहीं हमास और इजरायल के बीच चल रहे गतिरोध तथा शवों और बंधकों के आदान-प्रदान जैसी जटिलताएँ अभी भी शांति समझौते को संवेदनशील बनाती हैं।
यह घोषणा वैश्विक स्तर पर मिश्रित प्रतिक्रियाएँ ला सकती है| कुछ इसे शांति की उम्मीद मानेंगे तो कुछ इसे फिलहाल अनिश्चित और शर्तों से बंधा हुआ कहेंगे। उचित जांच और मध्यस्थों की रिपोर्ट के बिना इस दावे को अंतिम रूप से स्वीकार करना जल्दबाज़ी होगा।
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