लाइव हिंदी खबर :- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नोबेल शांति पुरस्कार को लेकर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि उन्हें यह सम्मान न देना दरअसल अमेरिका का अपमान है। ट्रम्प का कहना है कि यह पुरस्कार उन्हें व्यक्तिगत रूप से नहीं, बल्कि अमेरिका की उपलब्धियां के लिए मिलना चाहिए था। नोबेल शांति समिति पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह पुरस्कार अक्सर ऐसे लोगों को दिया जाता है।
जिन्होंने असल में कोई बड़ा काम किया हो। उन्होंने दावा किया कि उनके कार्यकाल में अब तक उन्होंने आठ युद्धों को रुकवाया है। जिनमें से हाल ही में इजरायल और हमास के बीच का संघर्ष भी शामिल है। ट्रंप ने आगे कहा कि उनकी कोशिश की वजह से कई देशों में शांति व्यवस्था स्थापित हुई है और अमेरिका ने दुनिया को स्थिरता की दिशा में आगे बढ़ाया है।
ट्रम्प ने कहा कि उनकी कोशिशों से कई देशों के अंदर शांति स्थापित हुई और अमेरिका ने दुनिया को स्थिरता की दिशा में आगे बढ़ाया है। उन्होंने यह भी दोहराया कि शांति कायम करने के लिए उनके प्रयासों को नजर अंदाज करना अमेरिका की भूमिका को कमतर आंकने जैसा है।
ट्रम्प की यह नाराजगी उनकी वैश्विक छवि और राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं से जुड़ी हुई है। वह खुद को एक शांति निर्माता के रूप में पेश करना चाहते हैं। हालांकि कुछ आलोचक कहते हैं कि उनके कार्यकाल में कई विवाद और टकराव भी सामने आए हैं। ट्रम्प के इस बयान ने एक बार फिर से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नोबेल शांति पुरस्कार की चयन प्रक्रिया को लेकर बहस छेड़ दी है।
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