मणिपुर के मुख्य सचिव पीके सिंह ने शुक्रवार को कहा कि राज्य सरकार दिसंबर तक सभी राहत शिविरों को बंद करने की योजना बना रही है और तीन चरण में आंतरिक रूप से विस्थापित व्यक्तियों (आईडीपी) का पुनर्वास किया जाएगा। सिंह ने आज इंफाल में कहा कि केंद्र और गृह मंत्रालय के साथ चर्चा के परिणामस्वरूप विस्थापित व्यक्तियों की वापसी और पुनर्वास के लिए चरणबद्ध योजना बनाई गई है।
मुख्य सचिव पीके सिंह ने कहा, “हमने केंद्र सरकार और गृह मंत्रालय के साथ सार्थक चर्चा की है। पहले चरण में वे लोग शामिल हैं जो तुरंत वापस जा सकते हैं- जुलाई तक, और यह प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है। विस्थापितों की संख्या 62,000 से घटकर 57,000 हो गई है।” उन्होंने कहा कि चुराचांदपुर और कांगपोकपी जिलों का मूल्यांकन पहले ही हो चुका है और वापसी का दूसरा चरण अक्टूबर में और उसके बाद तीसरा व अंतिम चरण दिसंबर में होगा।
पीके सिंह ने उन लोगों के लिए 3.03 लाख रुपये की वित्तीय सहायता की घोषणा की, जिनके घर नष्ट हो गए हैं। उन्होंने कहा, "करीब 7,000 ऐसे लोग भी हैं जिनके घर क्षतिग्रस्त नहीं हुए, लेकिन दो साल के दौरान जर्जर हो गए हैं। उन्हें भी किसी न किसी रूप में आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।"
उन्होंने माना कि दिसंबर के बाद भी 8-10 हजार लोग अपने मूल घरों में वापस नहीं लौट पाएंगे- विशेष रूप से वे लोग जो मोरेह, चुराचांदपुर और कांगपोकपी जैसे क्षेत्रों से विस्थापित हुए हैं। सिंह ने कहा, "इन लोगों को पहले से तैयार घरों में रहने की सुविधा दी जाएगी। इसके लिए 1,000 अतिरिक्त इकाइयों का निर्माण किया जा रहा है।"
लोगों के मुक्त आवागमन की बहाली के बारे में पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि प्रगति हो रही है। उन्होंने कहा, "आवागम बहुत जल्द फिर से शुरू होने की संभावना है। केंद्र और राज्य सरकारें, नागरिक समाज संगठन (सीएसओ) और सामुदायिक नेता सभी मिलकर काम कर रहे हैं।" सिंह ने जमीनी स्तर पर सकारात्मक विकास का भी हवाला दिया।
उन्होंने कहा, "दोनों ओर (संघर्षरत समुदायों के क्षेत्रों में) खेती से जुड़ी गतिविधियां हो रही हैं। लोग एक-दूसरे के करीब आने की कोशिश कर रहे हैं और पानी भी साझा कर रहे हैं। यह एक अच्छा संकेत है। एक या दो घटनाएं अभी भी हो सकती हैं- शरारती तत्व हर जगह हैं- लेकिन कुल मिलाकर हालात सुधर रहे हैं।"
राज्य के मुख्य सचिव ने कहा कि कई प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का जल्द ही उद्घाटन किया जाना है, जिनमें इंफाल में नया सिविल सचिवालय और दिल्ली तथा कोलकाता में मणिपुर भवन शामिल हैं, जिनका अवसर आने पर संयुक्त रूप से उद्घाटन किया जा सकता है।
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