सीतामढ़ी: बिहार के सीतामढ़ी जिले में हाल के दिनों में साइबर क्राइम के शिकार लोगों की संख्या बढ़ गई है। अब तो साइबर अपराधी डिजिटल अरेस्ट कर लोगों से मोटी रकम की ठगी कर ले रहे हैं। दो माह के अंदर डिजिटल अरेस्ट कर ठगी की तीन घटनाओं में बने एक शिकार सीतामढ़ी शहर के एक ख्याति प्राप्त चिकित्सक भी शामिल हैं। तीन शिकार में से सबसे अधिक एक युवक से 22 लाख की ठगी की गई है। इधर, लोन दिलाने के नाम में सीतामढ़ी समेत विभिन्न जिलों के लोगों को साइबर अपराधियों ने चूना लगाया है। खास बात यह कि लोन के नाम पर ठगी का गिरोह सीतामढ़ी शहर में ही ऑपरेट कर रहा था। अपराधियों ने किए चौंकाने वाले खुलासे तीन दिनों पहले शहर के मथुरा हाइस्कूल रोड रिंग बांध स्थित रिजनिंग सर्किल स्थित फर्जी कॉल सेंटर से सात साइबर बदमाशों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने नया खुलासा किया है। बदमाशों से पूछताछ के बाद पुलिस ने बताया है कि फर्जी कॉल सेंटर से जुड़े बदमाशों के तार सिर्फ सीतामढ़ी ही नहीं, मुजफ्फरपुर, मधुबनी के अलावा देश के अन्य शहरों से जुड़ा हुआ था। बताया गया है कि सीतामढ़ी में संचालित फर्जी कॉल सेंटर के खिलाफ विभिन्न जिलों में पहले से कुल 21 मामले दर्ज हैं। चाइनीज साइबर फ्रॉड से भी जुड़ा है लिंकजानकारी के अनुसार, कॉल सेंटर का मैनेजर सुबोध कुमार गांधी है। वहीं, पूरी टीम का हेड वीरेंद्र कुमार है, जो सीतामढ़ी जिले के परिहार थाना क्षेत्र के जगधर का रहनेवाला है। साइबर थाना पुलिस की जांच में यह सामने आया है कि कॉल सेंटर का लिंक चाइनीज साइबर फ्रॉड से भी जुड़ा है। वीरेंद्र कुमार नामके युवक ने ही फर्जी कॉल सेंटर बनाया था। इसी ने टीम के सदस्यों को लोन के नाम पर ठगी का तरीका बताया था। कंप्यूटर के माध्यम से आम लोगों से ठगी का काम करने वाले बेरोजगार युवाओं को भी ठगी के पैसे में से कुछ हिस्सा मिलता था। पुलिस खंगाल रही जब्त लैपटॉप शहर के बीचोबीच यह फर्जी कॉल सेंटर चल रहा था। एक रूम में चलता था। मकान मालिक से वीरेंद्र ने ही एग्रीमेंट बनाया था। कॉल सेंटर से रंगे हाथों पकड़े गये कन्हौली थाना क्षेत्र के रामनगरा गांव के प्रेमचंद्र कुमार, सोनबरसा थाने के सोनबरसा गांव के दीपक कुमार, सहियारा थाने के मटियार कला गांव गांव के सुबोध कुमार गामी, बेला थाने के भगवतीपुर के श्याम साह ने पुलिस को बताया कि वीरेंद्र कभी-कभी सेंटर पर आता था। कॉल सेंटर में काम करने के लिए वीरेंद्र ने कई युवकों को रखा था, जिनको पैसे का लालच देकर ठगी कराई जाती थी। साइबर डीएसपी आलोक कुमार ने बताया कि फर्जी कॉल सेंटर से बरामद लैपटॉप, मोबाइल और अन्य सामान की जांच की जा रही है। गृह मंत्रालय की सूचना पर कार्रवाईगौरतलब है कि गृह मंत्रालय के स्तर से जिस पोर्टल को प्रतिबंधित कर दिया गया हुआ है, उसी पोर्टल का उपयोग कर साइबर अपराधी ठगी कर रहे थे। पोर्टल पर दो मोबाइल नंबर क्रमशः 8249795906 और 8249795906 अंकित थे। गृह मंत्रालय के स्तर से दोनों मोबाईल नंबरों का लोकेशन ट्रेस किया गया, तो वो सीतामढ़ी का निकला था। फिर मंत्रालय ने सीतामढ़ी साइबर पुलिस को दोनों नंबर भेज कर कार्रवाई करने को कहा। तब साइबर डीएसपी ने तीन दिन पहले मोबाइल नंबर के लोकेशन को ट्रेस कर फर्जी कॉल सेंटर का खुलासा करने के साथ ही एक साथ सात अपराधियों को गिरफ्तार किया था। AI ऐप से एडिट कर अश्लील तस्वीरपुलिस ने जांच में पाया है कि गिरफ्तार साइबर फ्रॉड लोगों के मोबाइल नंबरों से उनकाी डिटेल्स फर्जी लोन एप के माध्यम से चोरी करते थे। फिर उसी व्यक्ति की अश्लील फोटो एआई ऐप से एडिट करके उसे और उसके कॉन्टेक्ट के सभी व्यक्तियों को भेज कर संबंधित व्यक्ति को ब्लैकमेल करते थे। पुलिस को सेंटर से जब्त लैपटॉप से कई संदिग्ध डेटा और सबूत हाथ लगे है।
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