जिस प्रकार सही मौसम में अच्छी गुणवत्ता का बीज बोना ही पर्याप्त नहीं है, सही समय पर जल, खाद, कीटनाशक एवं अन्य परिस्थितियां अनुकूल होने पर ही बीज पूर्ण रूप से विकसित होता है, उसी प्रकार मनुष्य के उत्थान-पतन के लिए अकेली ग्रहदशा ही जिम्मेदार नहीं होती है, मन के नीति-नियम, संस्कार, योग्यता जैसे कई मानकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। बीज उर्वर भूमि में ही अंकुरित होता है, वैसे ही शुभ ग्रहों का प्रभाव उसी व्यक्ति के जीवन में फलता-फूलता है जो सत्य के साथ परिश्रम और नीति-नियमों का पालन करता है। सफलता तब स्थायी बनती है, जब ग्रहों की स्थिति और मन की स्थिति आदि कई नियमों का एक साथ तालमेल होता है।
ग्रह केवल दिशा दिखाते हैं, मंज़िल तक पहुँचना व्यक्ति की योग्यता एवं उसके मन के संस्कार, नीति-नियमों पर निर्भर करता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रह दशाएँ हमारे पूर्व कर्मों के फल की परिपक्व अवस्था हैं। जब किसी शुभ ग्रह की दशा आती है, तो वह ग्रह अपने प्रभाव से व्यक्ति के जीवन में अवसर, सहयोग और अनुकूल परिस्थितियाँ उत्पन्न करता है। किंतु यदि व्यक्ति आलसी, असंयमी या नीतिविहीन है, तो शुभ ग्रहों की ऊर्जा भी व्यर्थ हो जाती है और व्यक्ति उससे लाभ नहीं उठा पाता है। सफलता के लिए केवल शुभ ग्रह दशा ही नहीं, शुभ विचार और सही नीति आधारित मन के नियम, संस्कार भी आवश्यक हैं।
अनियंत्रित मन शुभ ग्रहों के प्रभाव को कर देता है निष्फल - वर्षों तक अनेक जन्मपत्रियों पर किए गए शोध परिणाम चौंका देने वाले रहस्यों का उजागर करते हैं। शुभ ग्रह दशा तभी फलदायी होती है जब व्यक्ति अपने मन को नीति, संयम और सदाचार के मार्ग पर स्थिर रखता है। अनियंत्रित मन शुभ ग्रहों के प्रभाव को भी निष्फल कर देते हैं, संयम और नीति का पालन ही ग्रहबल को स्थिर करता है।
ग्रह केवल दिशा दिखाते हैं, मंज़िल तक पहुँचना व्यक्ति की योग्यता एवं उसके मन के संस्कार, नीति-नियमों पर निर्भर करता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रह दशाएँ हमारे पूर्व कर्मों के फल की परिपक्व अवस्था हैं। जब किसी शुभ ग्रह की दशा आती है, तो वह ग्रह अपने प्रभाव से व्यक्ति के जीवन में अवसर, सहयोग और अनुकूल परिस्थितियाँ उत्पन्न करता है। किंतु यदि व्यक्ति आलसी, असंयमी या नीतिविहीन है, तो शुभ ग्रहों की ऊर्जा भी व्यर्थ हो जाती है और व्यक्ति उससे लाभ नहीं उठा पाता है। सफलता के लिए केवल शुभ ग्रह दशा ही नहीं, शुभ विचार और सही नीति आधारित मन के नियम, संस्कार भी आवश्यक हैं।
अनियंत्रित मन शुभ ग्रहों के प्रभाव को कर देता है निष्फल - वर्षों तक अनेक जन्मपत्रियों पर किए गए शोध परिणाम चौंका देने वाले रहस्यों का उजागर करते हैं। शुभ ग्रह दशा तभी फलदायी होती है जब व्यक्ति अपने मन को नीति, संयम और सदाचार के मार्ग पर स्थिर रखता है। अनियंत्रित मन शुभ ग्रहों के प्रभाव को भी निष्फल कर देते हैं, संयम और नीति का पालन ही ग्रहबल को स्थिर करता है।
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