नई दिल्ली: अक्सर हम दुनिया में कामों को 'बड़ा' और 'छोटा' कहकर बांट देते हैं, पर ये सिर्फ हमारी सोच होती है। वास्तव में ऐसा कुछ नहीं होता। कुछ लोग बड़ी नौकरी या ऊंचे पद पर रहकर भी वो हासिल नहीं कर पाते, जिसे कोई इंसान छोटी नौकरी या मामूली काम से हासिल कर लेता है। कुछ ऐसी ही कहानी है पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में रहने वाले सुमित प्रजापति की, जिन्होंने एक छोटी सी शुरुआत से वो मुकाम हासिल कर लिया, जिसे शायद वह नौकरी पाने के बाद भी नहीं कर पाते।
व्लॉगिंग की दुनिया में सुमित आज एक जाना-पहचाना नाम हैं। इंस्टाग्राम पर उनके लगभग 70000 फॉलोवर्स हैं। उनका अपना यूट्यूब चैनल भी है, जहां उनके 10 हजार से ज्यादा सब्सक्राइबर हैं। ये आंकड़े भले ही आपको कम लग रहे हों, लेकिन इनके पीछे की कहानी बहुत लंबी और संघर्षों से भरी है। ये एक ऐसी कहानी है, जिसमें सुमित ने कदम-कदम पर मुश्किलें सहीं, लेकिन कभी भी हार नहीं मानी।
एक निम्न वर्गीय परिवार से आने वाले सुमित ने बचपन से ही मेहनत की जिंदगी जी है। छोटे थे तो खेतों में मजदूरी की, कभी सब्जियां बेचीं और कभी साइकिल ठीक करने का काम किया। अंदर एक जुनून था कि खाली नहीं बैठना है और अपनी पढ़ाई के लिए जितना हो सके, खुद से कमाना है। पिता ई-रिक्शा चलाते थे, इसलिए घर में आने वाली आमदनी भी काफी कम थी।
किसी तरह सुमित ने ग्रेजुएशन किया और आगे के करियर को लेकर सपने देखने लगे। लेकिन, किस्मत को शायद कुछ और ही मंजूर था। इसी दौरान एक गैस लीक हादसे में सुमित के पिता बुरी तरह घायल हो गए। परिवार की आमदनी रुक गई और घर की जिम्मेदारियों का सारा बोझ सुमित के ऊपर आ गया। उन्होंने नौकरी भी तलाशी, लेकिन तनख्वाह इतनी नहीं थी कि वो हां कह पाएं।
ग्रेजुएट रिक्शावाला कहकर उड़ाते थे मजाकऐसे में 22 साल के सुमित ने सोचा कि क्यों ना वही काम किया जाए, जो उनके पिता करते थे। बस फिर क्या था, सुमित ने चाबी उठाई और बैठ गए अपने पिता के ई-रिक्शा की ड्राइविंग सीट पर। सुमित सुबह निकलते और दिनभर सवारियों को उनके घर, दफ्तर या बाजार पहुंचाने के बाद शाम को अपने घर लौट आते। लोगों ने उन्हें ग्रेजुएट रिक्शावाला कहकर मजाक भी उड़ाया, लेकिन सुमित ने किसी की परवाह नहीं की।
एक ऐसे समाज में, जहां अक्सर डिग्री के बाद नौकरी को ही सफलता का पैमाना मान लिया जाता है, सुमित ने एक अलग रास्ता चुना। ग्रेजुएट होने के बावजूद, जब उन्हें अपनी पसंद की नौकरी नहीं मिली, तो उन्होंने हताश होने के बजाय अपने परिवार का गुजारा करने के लिए ई-रिक्शा चलाने का निर्णय लिया। यह कदम कई लोगों के लिए चौंकाने वाला हो सकता था, लेकिन सुमित ने इसे स्वाभिमान और ईमानदारी के साथ अपनाया।
एक आइडिया और बदल गई जिंदगीइस बीच सुमित के दिमाग में एक आइडिया आया। उन्होंने सोचा कि क्यों ना व्लॉगिंग शुरू की जाए। अब सुमित अपने ई-रिक्शा पर दिनभर सवारियों को बिठाते-उतारते वक्त वीडियो भी बनाने लगे। दिन के खट्टे-मीठे अनुभव उनके मोबाइल के कैमरे में कैद होने लगे। अपनी दिल की हर कहानी को उन्होंने रिकॉर्ड करके शेयर करना शुरू कर दिया। और देखते ही देखते, सुमित को पहचान मिलने लगी।
अभी तक जो लोग उनका मजाक बनाते थे, अब उन्हें सोशल मीडिया स्टार कहने लगे हैं। यहां तक कि कई बार उनके फैंस रास्ते में भी मिल जाते हैं और रोककर उनसे बातें करते हैं। यूट्यूब और इंस्टाग्राम के जरिए उनकी कमाई का रास्ता भी खुला और एक नई पहचान भी मिली। सोशल मीडिया पर सुमित के चाहने वाले लगातार बढ़ रहे हैं। शायद किसी नौकरी पर रहते हुए वह ये सब हासिल ना कर पाते। सुमित ने हाल ही में एक्टिंग भी शुरू कर दी है, जिसके वीडियो उन्होंने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी पर शेयर किए हैं।
व्लॉगिंग की दुनिया में सुमित आज एक जाना-पहचाना नाम हैं। इंस्टाग्राम पर उनके लगभग 70000 फॉलोवर्स हैं। उनका अपना यूट्यूब चैनल भी है, जहां उनके 10 हजार से ज्यादा सब्सक्राइबर हैं। ये आंकड़े भले ही आपको कम लग रहे हों, लेकिन इनके पीछे की कहानी बहुत लंबी और संघर्षों से भरी है। ये एक ऐसी कहानी है, जिसमें सुमित ने कदम-कदम पर मुश्किलें सहीं, लेकिन कभी भी हार नहीं मानी।
एक निम्न वर्गीय परिवार से आने वाले सुमित ने बचपन से ही मेहनत की जिंदगी जी है। छोटे थे तो खेतों में मजदूरी की, कभी सब्जियां बेचीं और कभी साइकिल ठीक करने का काम किया। अंदर एक जुनून था कि खाली नहीं बैठना है और अपनी पढ़ाई के लिए जितना हो सके, खुद से कमाना है। पिता ई-रिक्शा चलाते थे, इसलिए घर में आने वाली आमदनी भी काफी कम थी।
किसी तरह सुमित ने ग्रेजुएशन किया और आगे के करियर को लेकर सपने देखने लगे। लेकिन, किस्मत को शायद कुछ और ही मंजूर था। इसी दौरान एक गैस लीक हादसे में सुमित के पिता बुरी तरह घायल हो गए। परिवार की आमदनी रुक गई और घर की जिम्मेदारियों का सारा बोझ सुमित के ऊपर आ गया। उन्होंने नौकरी भी तलाशी, लेकिन तनख्वाह इतनी नहीं थी कि वो हां कह पाएं।
ग्रेजुएट रिक्शावाला कहकर उड़ाते थे मजाकऐसे में 22 साल के सुमित ने सोचा कि क्यों ना वही काम किया जाए, जो उनके पिता करते थे। बस फिर क्या था, सुमित ने चाबी उठाई और बैठ गए अपने पिता के ई-रिक्शा की ड्राइविंग सीट पर। सुमित सुबह निकलते और दिनभर सवारियों को उनके घर, दफ्तर या बाजार पहुंचाने के बाद शाम को अपने घर लौट आते। लोगों ने उन्हें ग्रेजुएट रिक्शावाला कहकर मजाक भी उड़ाया, लेकिन सुमित ने किसी की परवाह नहीं की।

एक ऐसे समाज में, जहां अक्सर डिग्री के बाद नौकरी को ही सफलता का पैमाना मान लिया जाता है, सुमित ने एक अलग रास्ता चुना। ग्रेजुएट होने के बावजूद, जब उन्हें अपनी पसंद की नौकरी नहीं मिली, तो उन्होंने हताश होने के बजाय अपने परिवार का गुजारा करने के लिए ई-रिक्शा चलाने का निर्णय लिया। यह कदम कई लोगों के लिए चौंकाने वाला हो सकता था, लेकिन सुमित ने इसे स्वाभिमान और ईमानदारी के साथ अपनाया।
एक आइडिया और बदल गई जिंदगीइस बीच सुमित के दिमाग में एक आइडिया आया। उन्होंने सोचा कि क्यों ना व्लॉगिंग शुरू की जाए। अब सुमित अपने ई-रिक्शा पर दिनभर सवारियों को बिठाते-उतारते वक्त वीडियो भी बनाने लगे। दिन के खट्टे-मीठे अनुभव उनके मोबाइल के कैमरे में कैद होने लगे। अपनी दिल की हर कहानी को उन्होंने रिकॉर्ड करके शेयर करना शुरू कर दिया। और देखते ही देखते, सुमित को पहचान मिलने लगी।
अभी तक जो लोग उनका मजाक बनाते थे, अब उन्हें सोशल मीडिया स्टार कहने लगे हैं। यहां तक कि कई बार उनके फैंस रास्ते में भी मिल जाते हैं और रोककर उनसे बातें करते हैं। यूट्यूब और इंस्टाग्राम के जरिए उनकी कमाई का रास्ता भी खुला और एक नई पहचान भी मिली। सोशल मीडिया पर सुमित के चाहने वाले लगातार बढ़ रहे हैं। शायद किसी नौकरी पर रहते हुए वह ये सब हासिल ना कर पाते। सुमित ने हाल ही में एक्टिंग भी शुरू कर दी है, जिसके वीडियो उन्होंने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी पर शेयर किए हैं।
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