नई दिल्ली: चांदनी चौक में दिल्ली नगर निगम की ओर से लगातार आ रहे सीलिंग के नोटिस ने कारोबारियों की टेंशन बढ़ा दी है। हालात यह हैं कि पिछले हफ्ते जिन दुकानों पर नोटिस लगाए गए थे, उसका मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि बुधवार को फिर से कटरा नील इलाके में नए सीलिंग नोटिस चिपका दिए गए।
सांसद से मदद की गुहार लगा रहे कारोबारी
इससे पूरे बाजार में माहौल गर्मा गया है। कारोबारी लगातार सरकार और लोकल सांसद से मदद की गुहार लगा रहे हैं। बताया जा रहा है कि सांसद ने सीलिंग के मसले को जड़ से खत्म करने के लिए 9 कारोबारियों की एक टीम बनाई है। दिल्ली नगर निगम की तरफ से अब तक चांदनी चौक की कई दुकानों को सील किया जा चुका है।
इन इलाकों में लगाए गए नोटिस
पिछले एक महीने में करीब 100 दुकानदारों को सीलिंग का नोटिस भेजा गया है। दिल्ली हिन्दुस्तानी मर्केंटाइल असोसिएशन के महामंत्री श्री भगवान बंसल ने बताया कि पिछले हफ्ते कटरा नील में नोटिस आने से व्यापारियों में भारी नाराजगी थी। उसी दौरान बुधवार को कटरा नील की कृष्णा गली में 12 और नोटिस जारी किए गए।
दिल्ली सरकार से मदद मांग रहे कारोबारी
इनमें से दो दुकानों को तत्काल सील करने के निर्देश दिए गए थे। इससे पूरे बाजार में घबराहट फैल गई। हालांकि अभी तक उन दोनों दुकानों को सील नहीं किया गया है। बंसल ने कहा कि सीलिंग के मामले को लेकर दिल्ली सरकार और सांसद से मदद मांगी गई है। सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने इस मुद्दे को स्थायी रूप से खत्म करने के लिए 9 व्यापारियों की एक टीम बनाई है। यह टीम सीलिंग की समस्या को खत्म करने की रणनीति तैयार करेगी।
आखिर सीलिंग का क्या है मसला ?
दिल्ली व्यापार महासंघ के अध्यक्ष देवराज बवेजा ने बताया कि चांदनी चौक में जिन दुकानों दुकाना को नोटिस दिया जा रहा है, उसका कारण यह बताया जा रहा है कि वे रेजिडेंशियल एरिया में कमर्शल काम कर रहे है। जो कि सच नहीं है। देखा जाए तो कटरा नील कई दशको से कमर्शल इलाका है।
एमसीडी को कराना था सर्वे लेकिन...
इसके बावजूद वहां की दुकानों को सीलिंग का नोटिस भेजा जा रहा है। यह बेहद गलत है। बवेजा ने बताया कि साल 2006 में यह निर्देश जारी किया गया था कि दिल्ली नगर निगम समय-समय पर सर्वे करके यह तय करेगा कि कौन सा इलाका रेजिडेंशियल है और कौन सा कमर्शल लेकिन अब तक ऐसा कोई सर्वे नहीं किया गया है।
सांसद से मदद की गुहार लगा रहे कारोबारी
इससे पूरे बाजार में माहौल गर्मा गया है। कारोबारी लगातार सरकार और लोकल सांसद से मदद की गुहार लगा रहे हैं। बताया जा रहा है कि सांसद ने सीलिंग के मसले को जड़ से खत्म करने के लिए 9 कारोबारियों की एक टीम बनाई है। दिल्ली नगर निगम की तरफ से अब तक चांदनी चौक की कई दुकानों को सील किया जा चुका है।
इन इलाकों में लगाए गए नोटिस
पिछले एक महीने में करीब 100 दुकानदारों को सीलिंग का नोटिस भेजा गया है। दिल्ली हिन्दुस्तानी मर्केंटाइल असोसिएशन के महामंत्री श्री भगवान बंसल ने बताया कि पिछले हफ्ते कटरा नील में नोटिस आने से व्यापारियों में भारी नाराजगी थी। उसी दौरान बुधवार को कटरा नील की कृष्णा गली में 12 और नोटिस जारी किए गए।
दिल्ली सरकार से मदद मांग रहे कारोबारी
इनमें से दो दुकानों को तत्काल सील करने के निर्देश दिए गए थे। इससे पूरे बाजार में घबराहट फैल गई। हालांकि अभी तक उन दोनों दुकानों को सील नहीं किया गया है। बंसल ने कहा कि सीलिंग के मामले को लेकर दिल्ली सरकार और सांसद से मदद मांगी गई है। सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने इस मुद्दे को स्थायी रूप से खत्म करने के लिए 9 व्यापारियों की एक टीम बनाई है। यह टीम सीलिंग की समस्या को खत्म करने की रणनीति तैयार करेगी।
आखिर सीलिंग का क्या है मसला ?
दिल्ली व्यापार महासंघ के अध्यक्ष देवराज बवेजा ने बताया कि चांदनी चौक में जिन दुकानों दुकाना को नोटिस दिया जा रहा है, उसका कारण यह बताया जा रहा है कि वे रेजिडेंशियल एरिया में कमर्शल काम कर रहे है। जो कि सच नहीं है। देखा जाए तो कटरा नील कई दशको से कमर्शल इलाका है।
एमसीडी को कराना था सर्वे लेकिन...
इसके बावजूद वहां की दुकानों को सीलिंग का नोटिस भेजा जा रहा है। यह बेहद गलत है। बवेजा ने बताया कि साल 2006 में यह निर्देश जारी किया गया था कि दिल्ली नगर निगम समय-समय पर सर्वे करके यह तय करेगा कि कौन सा इलाका रेजिडेंशियल है और कौन सा कमर्शल लेकिन अब तक ऐसा कोई सर्वे नहीं किया गया है।
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