उज्जैन: जिले की बड़नगर तहसील में स्वास्थ्य विभाग और पीडब्ल्यूडी की बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहां पर 16 करोड़ की लागत से एक अस्पताल पिछले लगभग 2 वर्ष से उद्घाटन के इंतजार में है। बताया जा रहा है कि अस्पताल तो बन गया, लेकिन वहां तक जाने के लिए सड़क ही नहीं है।
दरअसल, उज्जैन के बड़नगर तहसील के कजलाना में 16 करोड़ रुपए की लागत से एक सरकारी अस्पताल बनाया गया है। इससे आसपास के 150 गांव के लोगों को बेहतर इलाज मिलने की बात कही जा रही है। लेकिन यहां के लोग इस अस्पताल के उद्घाटन का इंतजार पिछले 2 साल से कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि जिम्मेदारों ने अस्पताल खेत के बीचो-बीच बनवा दिया है। वर्ष 2017 से 2023 यानी छह साल में यह दो मंजिला अस्पताल बनकर तैयार तो हो गया है, लेकिन वहां तक जाने के लिए सड़क नहीं है। चौंकाने वाली बात यह है कि एप्रोच रोड के लिए 4 महीने पहले से 58 लाख रुपए स्वीकृत भी हैं, फिर भी काम शुरू नहीं हुआ है।
अस्पताल के खिड़की दरवाजे हो रहे खराब
बता दें कि उद्घाटन के इंतजार में इस नए अस्पताल का रंग फीका पड़ गया है। यहां के खिड़की-दरवाजे बारिश के पानी से खराब होने लगे हैं। 150 गांव के लोग भी मायूस हैं। वे अस्पताल को लेकर दो साल से यही सुनते आ रहे हैं कि जल्द ही रास्ता बनेगा और उद्घाटन होते ही लोगों को इलाज की सुविधा मिलने लगेगी।
विधायक ने कहा था- बिना रोड के नहीं हो होगा उद्घाटन
मामले को लेकर बड़नगर विधायक जितेंद्र पंड्या ने 26 जुलाई 2024 को कहा था कि जब तक रोड नहीं बन जाता अस्पताल का उद्घाटन नहीं होगा। इस बात को एक साल हो गए हैं। अब विधायक पंड्या ने कहा है कि टेंडर व वर्क ऑर्डर हो चुके हैं। जल्द ही रोड का निर्माण कार्य भी शुरू हो जाएगा, लेकिन रोड हाईवे से जुड़ना है, इसलिए एनएचएआई से स्वीकृति मिलना शेष है, यह मिलते ही काम शुरू करा देंगे।
PWD के अधिकारी ने क्या कहा?
सड़क निर्माण को लेकर पीडब्ल्यूडी की एसडीओ साक्षी तंत्वे ने कहा कि सड़क निर्माण की टेण्डर प्रक्रिया पहले ही पूर्ण कर ली गई थी। परन्तु रेल लाइन बीच मे आ जाने के कारण बदलना पड़ा। दूसरी जगह से सड़क निर्माण की टेंडर प्रक्रिया भी पूरी कर ली है। 15 दिन पहले ही टेण्डर दिया है। बारिश के कारण दिक्कत आ रही है। जल्द ही निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
दरअसल, उज्जैन के बड़नगर तहसील के कजलाना में 16 करोड़ रुपए की लागत से एक सरकारी अस्पताल बनाया गया है। इससे आसपास के 150 गांव के लोगों को बेहतर इलाज मिलने की बात कही जा रही है। लेकिन यहां के लोग इस अस्पताल के उद्घाटन का इंतजार पिछले 2 साल से कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि जिम्मेदारों ने अस्पताल खेत के बीचो-बीच बनवा दिया है। वर्ष 2017 से 2023 यानी छह साल में यह दो मंजिला अस्पताल बनकर तैयार तो हो गया है, लेकिन वहां तक जाने के लिए सड़क नहीं है। चौंकाने वाली बात यह है कि एप्रोच रोड के लिए 4 महीने पहले से 58 लाख रुपए स्वीकृत भी हैं, फिर भी काम शुरू नहीं हुआ है।
अस्पताल के खिड़की दरवाजे हो रहे खराब
बता दें कि उद्घाटन के इंतजार में इस नए अस्पताल का रंग फीका पड़ गया है। यहां के खिड़की-दरवाजे बारिश के पानी से खराब होने लगे हैं। 150 गांव के लोग भी मायूस हैं। वे अस्पताल को लेकर दो साल से यही सुनते आ रहे हैं कि जल्द ही रास्ता बनेगा और उद्घाटन होते ही लोगों को इलाज की सुविधा मिलने लगेगी।
विधायक ने कहा था- बिना रोड के नहीं हो होगा उद्घाटन
मामले को लेकर बड़नगर विधायक जितेंद्र पंड्या ने 26 जुलाई 2024 को कहा था कि जब तक रोड नहीं बन जाता अस्पताल का उद्घाटन नहीं होगा। इस बात को एक साल हो गए हैं। अब विधायक पंड्या ने कहा है कि टेंडर व वर्क ऑर्डर हो चुके हैं। जल्द ही रोड का निर्माण कार्य भी शुरू हो जाएगा, लेकिन रोड हाईवे से जुड़ना है, इसलिए एनएचएआई से स्वीकृति मिलना शेष है, यह मिलते ही काम शुरू करा देंगे।
PWD के अधिकारी ने क्या कहा?
सड़क निर्माण को लेकर पीडब्ल्यूडी की एसडीओ साक्षी तंत्वे ने कहा कि सड़क निर्माण की टेण्डर प्रक्रिया पहले ही पूर्ण कर ली गई थी। परन्तु रेल लाइन बीच मे आ जाने के कारण बदलना पड़ा। दूसरी जगह से सड़क निर्माण की टेंडर प्रक्रिया भी पूरी कर ली है। 15 दिन पहले ही टेण्डर दिया है। बारिश के कारण दिक्कत आ रही है। जल्द ही निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
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