बड़वानी: मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचार के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। इसको लेकर लोकायुक्त पुलिस ने शिकायत करने के नंबर जारी करने के साथ ही लगातार कार्रवाई कर रही है। ताजा मामला बड़वानी जिले में सामने आया है। यहां के परिवहन विभाग में इंदौर लोकायुक्त ने कार्रवाई को अंजाम दिया है। दो आरोपियों को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है। इस कार्रवाई से विभाग में हड़कंप मच गया।
दरअसल, इंदौर लोकायुक्त पुलिस ने यह कार्रवाई बड़वानी जिला मुख्यालय से 16 किमी दूर अंजड़ में की है। इस कार्रवाई में एक आरटीओ एजेंट को 10 हजार रुपये की रिश्चत लेते रंगे हाथों पकड़ा। वहीं, जिला परिवहन अधिकारी के खिलाफ भी प्रकरण दर्ज किया है।
लाइसेंस रिन्यू के लिए मांगी रिश्वत
आरोपियों के खिलाफ पीड़ित चेतन शर्मा ने इंदौर लोकायुक्त में शिकायत की थी। उसने बताया कि उनके भाई निजी कंपनी में काम करते थे। वहां से नौकरी चली जाने के बाद वे परिवार के भरण पोषण के लिए आरटीओ एजेंट के रुप में काम करने लगे। जिसमें भी कई दिक्कतें आई। इस दौरान आरटीओ अधिकारी से 20-22 लाइसेंस रिन्यूअल और अन्य कार्य के लिए मिले थे। तब एजेंट ने कहा कि उनका काम प्रोसेस में है।
30 हजार में तय हुई डील
शिकायतकर्ता ने बताया कि जब हम आरटीओ एजेंट मलतारे से मिले तो उन्होंने 30 हजार रुपयों की मांग की थी। इसके बाद प्रथम किश्त के रुप में 10 हजार रुपये का लेन देन तय हुआ था। पीड़ित ने इसकी शिकायत लोकायुक्त में की गई। बुधवार के दिन लोकायुक्त पुलिस ने ट्रैप कार्रवाई करते हुए एजेंट को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है।
लोकायुक्त के ट्रैप में फंसे भ्रष्टाचारी
इंदौर लोकायुक्त की निरीक्षक प्रतिभा तोमर ने बताया कि फरियादी चेतन शर्मा ने लोकायुक्त एसपी इंदौर में पिछले महीने शिकायत की थी। जिसमें रीना किराड़े (जिला परिवहन अधिकारी) और प्राइवेट एजेंट विवेक मलतारे पर लाइसेंस बनाने और रिन्यू के लिए रिश्वत की मांग की शिकायत की थी। इसके बाद लोकायुक्त टीम ने उक्त शिकायत की जांच की और रिश्वत की पुष्टि कराई गई। इसके बाद ट्रैप कार्रवाई कर उनको पकड़ा गया। साथ ही दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण संशोधन अधिनियम और बीएसए के अंतर्गत केस रजिस्टर्ड किया।
डीटीओ को भी बनाया सह आरोपी
ट्रैप कार्रवाई करने के बाद लोकायुक्त पुलिस ने आरटीओ एजेंट विवेक मलतारे को बड़वानी के आरटीओ ऑफिस लेकर आई। यहां आरटीओ एजेंट के साथ ही जिला परिवहन अधिकारी रीना किराड़े को भी आरोपी बनाया गया। इसके बाद शाम तक लोकायुक्त पुलिस ने बयान लेने सहित अन्य कार्रवाई जारी रही। वहीं, इस कार्रवाई से हड़कंप मच गया। आरटीओ ऑफिस के बाहर एजेंटों की दुकानें धड़ाधड़ बंद हो गई और सन्नाटा छा गया।
ऑफिस रूम के साथ दुकान की जांच
लोकायुक्त टीम ने आरटीओ ऑफिस के रूम के साथ ही एजेंट मलतारे की दुकान का ताला खोलकर जांच पड़ताल भी की है। बता दें कि उक्त एजेंट के खिलाफ पूर्व में भी शिकायतें की गई थी और अंजड़ निवासी एक व्यक्ति ने आरटीओ कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन भी किया था।
दरअसल, इंदौर लोकायुक्त पुलिस ने यह कार्रवाई बड़वानी जिला मुख्यालय से 16 किमी दूर अंजड़ में की है। इस कार्रवाई में एक आरटीओ एजेंट को 10 हजार रुपये की रिश्चत लेते रंगे हाथों पकड़ा। वहीं, जिला परिवहन अधिकारी के खिलाफ भी प्रकरण दर्ज किया है।
लाइसेंस रिन्यू के लिए मांगी रिश्वत
आरोपियों के खिलाफ पीड़ित चेतन शर्मा ने इंदौर लोकायुक्त में शिकायत की थी। उसने बताया कि उनके भाई निजी कंपनी में काम करते थे। वहां से नौकरी चली जाने के बाद वे परिवार के भरण पोषण के लिए आरटीओ एजेंट के रुप में काम करने लगे। जिसमें भी कई दिक्कतें आई। इस दौरान आरटीओ अधिकारी से 20-22 लाइसेंस रिन्यूअल और अन्य कार्य के लिए मिले थे। तब एजेंट ने कहा कि उनका काम प्रोसेस में है।
30 हजार में तय हुई डील
शिकायतकर्ता ने बताया कि जब हम आरटीओ एजेंट मलतारे से मिले तो उन्होंने 30 हजार रुपयों की मांग की थी। इसके बाद प्रथम किश्त के रुप में 10 हजार रुपये का लेन देन तय हुआ था। पीड़ित ने इसकी शिकायत लोकायुक्त में की गई। बुधवार के दिन लोकायुक्त पुलिस ने ट्रैप कार्रवाई करते हुए एजेंट को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है।
लोकायुक्त के ट्रैप में फंसे भ्रष्टाचारी
इंदौर लोकायुक्त की निरीक्षक प्रतिभा तोमर ने बताया कि फरियादी चेतन शर्मा ने लोकायुक्त एसपी इंदौर में पिछले महीने शिकायत की थी। जिसमें रीना किराड़े (जिला परिवहन अधिकारी) और प्राइवेट एजेंट विवेक मलतारे पर लाइसेंस बनाने और रिन्यू के लिए रिश्वत की मांग की शिकायत की थी। इसके बाद लोकायुक्त टीम ने उक्त शिकायत की जांच की और रिश्वत की पुष्टि कराई गई। इसके बाद ट्रैप कार्रवाई कर उनको पकड़ा गया। साथ ही दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण संशोधन अधिनियम और बीएसए के अंतर्गत केस रजिस्टर्ड किया।
डीटीओ को भी बनाया सह आरोपी
ट्रैप कार्रवाई करने के बाद लोकायुक्त पुलिस ने आरटीओ एजेंट विवेक मलतारे को बड़वानी के आरटीओ ऑफिस लेकर आई। यहां आरटीओ एजेंट के साथ ही जिला परिवहन अधिकारी रीना किराड़े को भी आरोपी बनाया गया। इसके बाद शाम तक लोकायुक्त पुलिस ने बयान लेने सहित अन्य कार्रवाई जारी रही। वहीं, इस कार्रवाई से हड़कंप मच गया। आरटीओ ऑफिस के बाहर एजेंटों की दुकानें धड़ाधड़ बंद हो गई और सन्नाटा छा गया।
ऑफिस रूम के साथ दुकान की जांच
लोकायुक्त टीम ने आरटीओ ऑफिस के रूम के साथ ही एजेंट मलतारे की दुकान का ताला खोलकर जांच पड़ताल भी की है। बता दें कि उक्त एजेंट के खिलाफ पूर्व में भी शिकायतें की गई थी और अंजड़ निवासी एक व्यक्ति ने आरटीओ कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन भी किया था।
You may also like
भ्रष्टाचार मामले में नागालैंड यूनिवर्सिटी के डीन चितरंजन देब पर सीबीआई ने दर्ज की एफआईआर
भारत के भविष्य के स्पेस मिशन के लिए अहम साबित होगा शुभांशु शुक्ला का अनुभव : वैज्ञानिक मिला मित्रा
इनोवा और अर्टिगा की छुट्टी! सबसे सस्ती 7-सीटर इलेक्ट्रिक कार इंडिया में लॉन्च, 490 km है रेंज
हेल्थ टिप्स: सुबह उठकर खाली पेट पीते हैं पानी तो जरूर पढें
एक गरीब व्यक्ति हर वक्त दुखी रहता था, एक दिन वह गांव के विद्वान संत के पास गया और अपनी सारी परेशानियां उन्हें बता दी, संत को उस पर दया आ गई और उन्होंने गरीब को……