औरंगाबाद: बिहार के औरंगाबाद में एक यज्ञ कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे महामंडलेश्वर स्वामी अखिलेश्वर दास ने एक बार फिर औरंगाबाद का नाम बदलने की पुरानी मांग को दोहराया। उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अपील करते हुए कहा कि इस जिले का नाम 'अरुण नगर' रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा, 'अरुण शब्द सूर्य का पर्यायवाची है। यहां सूर्य उपासना की परंपरा है, छठ पूजा होती है और प्राचीन सूर्य मंदिर भी है। ऐसे में यह नाम इस स्थान की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान के अनुरूप होगा।'महामंडलेश्वर अखिलेश्वर दास ने पत्रकारिता, संत जीवन और राजनीति को समाज हित में समान रूप से जरूरी बताया। उन्होंने कहा, 'जब पत्रकार किसी मुद्दे को उजागर करता है, तो समाज को उसका लाभ मिलता है। राजनेता भी समाज के लिए कार्य करता है और संत तो जीवन भर जनकल्याण में लगे रहते हैं। इसलिए इन तीनों मार्गों में समन्वय होना चाहिए। मैंने भी इन तीनों राहों को अपनाया है, क्योंकि ये समाज सेवा के माध्यम हैं।' शंकराचार्य के बयान पर कोई टिप्पणी नहीं, पर आदर जरूरहाल ही में पहलगाम हमले को लेकर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की ओर से केंद्र सरकार पर की गई आलोचना पर पूछे गए सवाल पर महामंडलेश्वर ने कोई टिप्पणी करने से इनकार किया। उन्होंने कहा, 'वे सनातन धर्म के सर्वोच्च गरिमामय पद पर हैं, इसलिए उनके बयान पर बोलना उचित नहीं होगा। उनका सम्मान हमेशा रहेगा। हालांकि किसी विषय पर सभी की राय एक जैसी नहीं हो सकती और यह उनके बयान पर भी लागू होता है। फिर भी अधिकांश संत और धर्माचार्य केंद्र की कार्रवाई से संतुष्ट हैं।' विरोध से सनातन धर्म पर कोई असर नहीं पड़ेगा: महामंडलेश्वर धार्मिक और राजनीतिक मुद्दों पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि मुसलमान अगर गंगा में खड़ा होकर गाय की पूंछ पकड़कर भी यह कहे कि वह सनातन विरोधी नहीं है, तो उस पर भरोसा नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा, 'जब धारा 370, तीन तलाक, समान नागरिक संहिता की बात होगी, तो उसका विरोध निश्चित होगा। लेकिन इस विरोध से सनातन धर्म पर कोई असर नहीं पड़ेगा, वह आगे बढ़ता रहेगा।' भारत विश्वगुरु था, है और रहेगा: महामंडलेश्वरमहामंडलेश्वर ने अपने संबोधन में भारत की सांस्कृतिक और आर्थिक शक्ति पर भी बात की। उन्होंने कहा, 'भारत सदियों से विश्वगुरु रहा है, आज भी है और आगे भी रहेगा। हमारा देश किसी की लकीर नहीं मिटाता, बल्कि खुद बड़ी लकीर खींचता है। भारत की तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था से दुनिया को परेशानी हो रही है, लेकिन हम किसी का विरोध नहीं करते, क्योंकि हमारा सनातन धर्म सभी के सुख और आरोग्यता की कामना करता है– ‘सर्वे भवंतु सुखिनः, सर्वे संतु निरामयः’।'
You may also like
वापसी पर बोले फरदीन खान, 'दर्शकों और निर्माताओं के प्यार के लिए आभारी हूं'
नोएडा में सेफ ड्राइविंग-सेफ लाइफ अभियान, 7052 ई-चालान और 35 वाहन सीज
कांग्रेस की दोहरी नीति, ऑपरेशन सिंदूर पर सवाल उठाना गलत : अग्निमित्रा पॉल
भाजपा का रवैया पूर्वांचल विरोधी, 14 जिलाध्यक्षों में एक भी पूर्वांचल से नहीं : ऋतुराज झा
राष्ट्रपति ने पूर्व चीफ जस्टिस खेहर, नृत्यांगना शोभना समेत 68 हस्तियों को पद्म सम्मान से नवाजा