नई दिल्ली: फिरंगियों के देश यानी यूके में भारतीय कारोबारियों का दबदबा लगातार बढ़ रहा है। यहां भारतीय कंपनियों की संख्या में रेकॉर्ड तेजी आई है। सिर्फ संख्या में तेजी ही नहीं, बल्कि रेवेन्यू भी बढ़ गया है। दरअसल, ग्लोबल फाइनेंशियल एडवाइजरी फर्म ग्रांट थॉर्नटन और उद्योग संगठन CII (Confederation of Indian Industry) ने मिलकर एक विश्लेषण किया है। इसे 'इंडिया मीट्स ब्रिटेन ट्रैकर' नाम दिया गया है। इसमें भारतीय बिजनेस के बारे में जानकारी दी गई है।
विश्लेषण के अनुसार, ब्रिटेन में काम कर रही भारतीय स्वामित्व वाली कंपनियों की संख्या में पिछले साल के मुकाबले 23% की वृद्धि हुई है। इस साल यह संख्या 1197 तक पहुंच गई है। यह सालाना वृद्धि की सबसे तेज गति है। साथ ही ब्रिटेन में भारतीय स्वामित्व वाली कंपनियों का संयुक्त राजस्व साल 2024 में 68.09 अरब पाउंड (करीब 7932 अरब रुपये) से बढ़कर 72.14 अरब पाउंड (करीब 8404 अरब रुपये) हो गया है।
केंद्रीय मंत्री रहे मौजूद'इंडिया मीट्स ब्रिटेन ट्रैकर' के 12वें संस्करण को लंदन में इंडिया ग्लोबल फोरम (IGF) में यूके-इंडिया वीक के दौरान वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और यूके बिजनेस एंड ट्रेड सेक्रेटरी जोनाथन रेनॉल्ड्स ने लॉन्च किया।
एक लाख से ज्यादा को रोजगारये व्यवसाय पूरे यूके में 1.27 लाख लोगों को रोजगार देते हैं। पिछले साल 8000 से अधिक नए रोजगार जोड़े हैं। साल 2025 ट्रैकर कंपनियों ने 42% की औसत वृद्धि दर और 32.6 अरब पाउंड का संयुक्त कारोबार हासिल किया। इन फर्मों ने 67.3 मिलियन पाउंड का कॉर्पोरेशन टैक्स भी दिया और 56 हजार से अधिक नौकरियां पैदा कीं।
एक्सपर्ट बोले- फल-फूल रहा निवेशआईजीएफ के अध्यक्ष मनोज लाडवा ने कहा कि इस वर्ष का इंडिया मीट्स ब्रिटेन ट्रैकर इस बात को रेखांकित करता है कि भारतीय व्यवसाय यूके के साथ एक प्रमुख व्यापारिक भागीदार और निवेश केंद्र के रूप में कितने जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि यूके और भारत के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट से इंडिया ग्लोबल फोरम का यूके-इंडिया फ्यूचर फोरम एक महत्वपूर्ण आधुनिक मंच बन रहा है। मनोज लाडवा ने कहा कि यह देखना उत्साहजनक है कि यूके में भारतीय निवेश न केवल बढ़ रहा है बल्कि फल-फूल भी रहा है। वहीं यूके एक्सपर्ट ने भी भारतीय कंपनियों की बढ़ती संख्या और रेवेन्यू को सराहा।
किस सेक्टर से कितना रेवेन्यू?साल 2025 ट्रैकर में विप्रो आईटी सर्विसेज यूके सोसाइटस 448% राजस्व वृद्धि के साथ विकास रैंकिंग में सबसे ऊपर है। इसके बाद आईटी मैनेजमेंट फर्म जोहो कॉर्पोरेशन लिमिटेड है जिसने 197% की वृद्धि दर्ज की। कुल मिलाकर 20 कंपनियां 2025 में पहली बार ट्रैकर में शामिल हुईं, जबकि 41 कंपनियां पिछले साल से ट्रैकर पर बनी रहीं। भारतीय कंपनियों के लिए लंदन पसंदीदा जगह बनी हुई है। यहां कुल भारतीय कंपनियों में से 47 फीसदी का हेडक्वार्टर है।
विश्लेषण के अनुसार, ब्रिटेन में काम कर रही भारतीय स्वामित्व वाली कंपनियों की संख्या में पिछले साल के मुकाबले 23% की वृद्धि हुई है। इस साल यह संख्या 1197 तक पहुंच गई है। यह सालाना वृद्धि की सबसे तेज गति है। साथ ही ब्रिटेन में भारतीय स्वामित्व वाली कंपनियों का संयुक्त राजस्व साल 2024 में 68.09 अरब पाउंड (करीब 7932 अरब रुपये) से बढ़कर 72.14 अरब पाउंड (करीब 8404 अरब रुपये) हो गया है।
केंद्रीय मंत्री रहे मौजूद'इंडिया मीट्स ब्रिटेन ट्रैकर' के 12वें संस्करण को लंदन में इंडिया ग्लोबल फोरम (IGF) में यूके-इंडिया वीक के दौरान वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और यूके बिजनेस एंड ट्रेड सेक्रेटरी जोनाथन रेनॉल्ड्स ने लॉन्च किया।
एक लाख से ज्यादा को रोजगारये व्यवसाय पूरे यूके में 1.27 लाख लोगों को रोजगार देते हैं। पिछले साल 8000 से अधिक नए रोजगार जोड़े हैं। साल 2025 ट्रैकर कंपनियों ने 42% की औसत वृद्धि दर और 32.6 अरब पाउंड का संयुक्त कारोबार हासिल किया। इन फर्मों ने 67.3 मिलियन पाउंड का कॉर्पोरेशन टैक्स भी दिया और 56 हजार से अधिक नौकरियां पैदा कीं।
एक्सपर्ट बोले- फल-फूल रहा निवेशआईजीएफ के अध्यक्ष मनोज लाडवा ने कहा कि इस वर्ष का इंडिया मीट्स ब्रिटेन ट्रैकर इस बात को रेखांकित करता है कि भारतीय व्यवसाय यूके के साथ एक प्रमुख व्यापारिक भागीदार और निवेश केंद्र के रूप में कितने जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि यूके और भारत के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट से इंडिया ग्लोबल फोरम का यूके-इंडिया फ्यूचर फोरम एक महत्वपूर्ण आधुनिक मंच बन रहा है। मनोज लाडवा ने कहा कि यह देखना उत्साहजनक है कि यूके में भारतीय निवेश न केवल बढ़ रहा है बल्कि फल-फूल भी रहा है। वहीं यूके एक्सपर्ट ने भी भारतीय कंपनियों की बढ़ती संख्या और रेवेन्यू को सराहा।
किस सेक्टर से कितना रेवेन्यू?साल 2025 ट्रैकर में विप्रो आईटी सर्विसेज यूके सोसाइटस 448% राजस्व वृद्धि के साथ विकास रैंकिंग में सबसे ऊपर है। इसके बाद आईटी मैनेजमेंट फर्म जोहो कॉर्पोरेशन लिमिटेड है जिसने 197% की वृद्धि दर्ज की। कुल मिलाकर 20 कंपनियां 2025 में पहली बार ट्रैकर में शामिल हुईं, जबकि 41 कंपनियां पिछले साल से ट्रैकर पर बनी रहीं। भारतीय कंपनियों के लिए लंदन पसंदीदा जगह बनी हुई है। यहां कुल भारतीय कंपनियों में से 47 फीसदी का हेडक्वार्टर है।
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