नई दिल्ली: आजकल स्मार्टफोन भारत से सबसे ज्यादा निर्यात होने वाली चीज बन गया है। लेकिन, यहां बनने वाले रोजमर्रा के सामान जैसे बिस्किट, नूडल्स, बेसन, साबुन और शैम्पू भी अब विदेशों में खूब बिक रहे हैं। इनके अलावा सरसों का तेल, पोहा, बेसन अभी की भी विदेशों में काफी मांग है।
इकोनॉमिक टाइम्स के अनुसार बड़ी FMCG (फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स) कंपनियां जैसे हिंदुस्तान यूनिलीवर (HUL), ITC, मैरिको, गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, डाबर और AWL एग्री बिजनेस (पहले अडानी विल्मर) की कमाई विदेशों में बहुत तेजी से बढ़ रही है। पिछले दो सालों में, उन्होंने भारत में जितना कमाया, उससे ज्यादा विदेशों में कमाया है।
विदेश से कितनी कमाई?कुछ कंपनियों के लिए, जैसे एचयूएल, विदेशों से होने वाली कमाई कुल कमाई का सिर्फ 3% है। ऐसा इसलिए है क्योंकि उनका कारोबार भारत में बहुत बड़ा है। लेकिन डाबर, इमामी और मैरिको जैसी कंपनियों के लिए 20% से ज्यादा कमाई विदेशों से ही होती है। एचयूएल की एक कंपनी है, यूनिलीवर इंडिया एक्सपोर्ट्स लिमिटेड। यह कंपनी दूसरी यूनिलीवर कंपनियों को सामान बेचती है। एचयूएल की रिपोर्ट के अनुसार, इस कंपनी की बिक्री पिछले साल 8% बढ़कर 1,258 करोड़ रुपये हो गई। इसका मुनाफा भी 14% बढ़कर 91 करोड़ रुपये हो गया।
इन प्रोडक्ट की विदेश में मांग ज्यादाकंपनी का कहना है कि स्किन केयर, लाइफस्टाइल न्यूट्रिशन, हेयर केयर और पर्सनल वाश जैसे उत्पादों की वजह से निर्यात बढ़ा है। Dove, Horlicks, Vaseline, Pears, Bru, Sunsilk, Glow and Lovely, Pond's, Lakme और Lifebuoy जैसे ब्रांडों की मांग विदेशों में खूब है। एडब्ल्यूएल एग्री बिजनेस के चीफ एग्जीक्यूटिव, अंगशु मल्लिक ने कहा कि सिर्फ बासमती चावल ही नहीं, बल्कि सरसों और सूरजमुखी का तेल, आटा, बेसन, सोया नगेट्स और पोहा भी विदेशों में खूब बिक रहे हैं। एडब्ल्यूएल एग्री बिजनेस भारत की सबसे बड़ी पैकेज्ड खाद्य तेल कंपनी है।
क्यों बढ़ा निर्यात?मल्लिक ने कहा कि अभी तो हमने शुरुआत की है। विदेशों में भारतीय रेस्टोरेंट बढ़ रहे हैं और भारतीय खाने को लोग पसंद कर रहे हैं। इसलिए निर्यात बढ़ रहा है। सिर्फ भारतीय लोग ही नहीं, बल्कि विदेशी लोग भी ये सामान खरीद रहे हैं। उनका मानना है कि इस साल निर्यात 50-80% तक बढ़ सकता है।
उद्योग के अधिकारियों का कहना है कि मांग तो ज्यादा है ही, लेकिन सरकार भी निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चला रही है। जैसे कि फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री और मिलेट्स से बने प्रोडक्ट के लिए प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजनाएं। इससे भी निर्यात को बढ़ावा मिल रहा है। सरकार ने दिसंबर में कहा था कि उसने 73 कंपनियों को PLI योजना के तहत चुना है। ये कंपनियां भारतीय ब्रांड के खाने के उत्पादों को विदेशों में बेचेंगी।
ये कंपनियां भी पीछे नहींएडब्ल्यूएल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि पिछले तीन सालों में उसका ब्रांडेड एक्सपोर्ट बिजनेस तीन गुना बढ़ गया है और FY25 में 250 करोड़ रुपये से ज्यादा हो गया है। गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स ने एक प्रेजेंटेशन में बताया कि उसके इंटरनेशनल बिजनेस का ऑपरेटिंग मार्जिन FY25 में 17% हो गया है, जबकि दो साल पहले यह 10% था।
मैरिको ने हाल ही में बताया कि उसका एक्सपोर्ट बिजनेस बहुत तेजी से बढ़ रहा है। FY25 में उसकी ग्रोथ 14% रही, जबकि कुल ग्रोथ 12% थी। डाबर का एक्सपोर्ट 17% बढ़ा, जबकि उसकी कुल कमाई सिर्फ 1.3% बढ़ी। ITC लिमिटेड ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि बिस्कुट, नूडल्स और स्नैक्स के एक्सपोर्ट में 'ग्रीन शूट्स' दिख रहे हैं। Aashirvaad Atta पहले से ही कई देशों में नंबर वन है।
इकोनॉमिक टाइम्स के अनुसार बड़ी FMCG (फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स) कंपनियां जैसे हिंदुस्तान यूनिलीवर (HUL), ITC, मैरिको, गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, डाबर और AWL एग्री बिजनेस (पहले अडानी विल्मर) की कमाई विदेशों में बहुत तेजी से बढ़ रही है। पिछले दो सालों में, उन्होंने भारत में जितना कमाया, उससे ज्यादा विदेशों में कमाया है।
विदेश से कितनी कमाई?कुछ कंपनियों के लिए, जैसे एचयूएल, विदेशों से होने वाली कमाई कुल कमाई का सिर्फ 3% है। ऐसा इसलिए है क्योंकि उनका कारोबार भारत में बहुत बड़ा है। लेकिन डाबर, इमामी और मैरिको जैसी कंपनियों के लिए 20% से ज्यादा कमाई विदेशों से ही होती है। एचयूएल की एक कंपनी है, यूनिलीवर इंडिया एक्सपोर्ट्स लिमिटेड। यह कंपनी दूसरी यूनिलीवर कंपनियों को सामान बेचती है। एचयूएल की रिपोर्ट के अनुसार, इस कंपनी की बिक्री पिछले साल 8% बढ़कर 1,258 करोड़ रुपये हो गई। इसका मुनाफा भी 14% बढ़कर 91 करोड़ रुपये हो गया।
इन प्रोडक्ट की विदेश में मांग ज्यादाकंपनी का कहना है कि स्किन केयर, लाइफस्टाइल न्यूट्रिशन, हेयर केयर और पर्सनल वाश जैसे उत्पादों की वजह से निर्यात बढ़ा है। Dove, Horlicks, Vaseline, Pears, Bru, Sunsilk, Glow and Lovely, Pond's, Lakme और Lifebuoy जैसे ब्रांडों की मांग विदेशों में खूब है। एडब्ल्यूएल एग्री बिजनेस के चीफ एग्जीक्यूटिव, अंगशु मल्लिक ने कहा कि सिर्फ बासमती चावल ही नहीं, बल्कि सरसों और सूरजमुखी का तेल, आटा, बेसन, सोया नगेट्स और पोहा भी विदेशों में खूब बिक रहे हैं। एडब्ल्यूएल एग्री बिजनेस भारत की सबसे बड़ी पैकेज्ड खाद्य तेल कंपनी है।
क्यों बढ़ा निर्यात?मल्लिक ने कहा कि अभी तो हमने शुरुआत की है। विदेशों में भारतीय रेस्टोरेंट बढ़ रहे हैं और भारतीय खाने को लोग पसंद कर रहे हैं। इसलिए निर्यात बढ़ रहा है। सिर्फ भारतीय लोग ही नहीं, बल्कि विदेशी लोग भी ये सामान खरीद रहे हैं। उनका मानना है कि इस साल निर्यात 50-80% तक बढ़ सकता है।
उद्योग के अधिकारियों का कहना है कि मांग तो ज्यादा है ही, लेकिन सरकार भी निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चला रही है। जैसे कि फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री और मिलेट्स से बने प्रोडक्ट के लिए प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजनाएं। इससे भी निर्यात को बढ़ावा मिल रहा है। सरकार ने दिसंबर में कहा था कि उसने 73 कंपनियों को PLI योजना के तहत चुना है। ये कंपनियां भारतीय ब्रांड के खाने के उत्पादों को विदेशों में बेचेंगी।
ये कंपनियां भी पीछे नहींएडब्ल्यूएल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि पिछले तीन सालों में उसका ब्रांडेड एक्सपोर्ट बिजनेस तीन गुना बढ़ गया है और FY25 में 250 करोड़ रुपये से ज्यादा हो गया है। गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स ने एक प्रेजेंटेशन में बताया कि उसके इंटरनेशनल बिजनेस का ऑपरेटिंग मार्जिन FY25 में 17% हो गया है, जबकि दो साल पहले यह 10% था।
मैरिको ने हाल ही में बताया कि उसका एक्सपोर्ट बिजनेस बहुत तेजी से बढ़ रहा है। FY25 में उसकी ग्रोथ 14% रही, जबकि कुल ग्रोथ 12% थी। डाबर का एक्सपोर्ट 17% बढ़ा, जबकि उसकी कुल कमाई सिर्फ 1.3% बढ़ी। ITC लिमिटेड ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि बिस्कुट, नूडल्स और स्नैक्स के एक्सपोर्ट में 'ग्रीन शूट्स' दिख रहे हैं। Aashirvaad Atta पहले से ही कई देशों में नंबर वन है।