श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के जरिए उसे कड़ा सबक सिखाया था लेकिन सात महीने पर फिर पाकिस्तान की तरफ से घुसपैठ की कोशिशें की जा रही हैं। सुरक्षाबलों ने ऑपरेशन पिंपल में कुपवाड़ा में घुसपैठ की कोशिश को नाकाम करते हुए दो आतंकवादियों को मार गिराया। सेना के व्हाइट चिनार कॉर्प्स के अनुसार अभी इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी है। घुसपैठ की यह कोशिश केरन सेक्टर में हुई। यह पहला मौका नहीं है जब पाकिस्तान ने कुपवाड़ा में आंतकियों को घुसाने की कोशिश की है। अक्टूबर महीने में सेना ने कुपवाड़ा में एलओसी पर ही दो आतंकियों को एनकाउंटर में मार गिराया था। यह घटना तक माछिल सेक्टर में सामने आई थी। एक अनुमान के अनुसार सेना ऑपरेशन महादेव से लेकर ऑपरेशन पिंपल तक करीब दर्जनभर आतंकी को मार गिराया है। इनमें जुलाई, अगस्त और अक्टूबर महीने में मारे गए आतंकी भी शामिल हैं।
क्यों टारगेट पर है कुपवाड़ा?
कुपवाड़ा एक सीमावर्ती जिला है। यह कश्मीर घाटी के उत्तर-पश्चिमी भाग में स्थित है। कुपवाड़ा की अविश्वसनीय सुंदरता का गवाह बनें, जिसे 'कश्मीर का मुकुट' कहा जाता है, इसके लहराते घास के मैदानों, अल्पाइन जंगलों और शांत घाटी की खोज करते हुए। इसकी उत्तरी और पश्चिमी सीमाएं भारत-पाकिस्तान को अलग करने वाली एलओसी से लगी हैं। कुपवाड़ा में जोजी-ला और राजदान जैसे दर्रे, पीर-पंजाल और शम्स-बारी जैसी पर्वत श्रृंखलाएं हैं। कुपवाड़ा पीरपंजाल और शम्सबरी पर्वत के मध्य स्थित है। यह पर निगरानी काफी चुनौतीपूर्ण है। रक्षा विशेषज्ञों का अनुमान है कि सर्दी और बढ़ने पर पाकिस्तान की तरफ से घुसपैठ की और कोशिशें की जा सकती है, हालांकि पिछले छह महीने में भारत ने पाकिस्तान से लगी सीमा पर चौकसी काफी मजबूत कर दी है। इसी का नतीजा है कि पाकिस्तान की नापाक कोशिशें सफल नहीं हो पा रही हैं।
सेना लगातार कर रही है सफाया
अक्टूबर में दो घुसपैठियों को मार गिराने के साथ सुरक्षाबलों को अगस्त महीने में बड़ी कामयाबी मिली थी तब सेना ने घुसपैठियों के बीच चलते फिरते जीपीएस के तौर पर मशहूर समंदर चाचा को भी मार गिराया था। बागू खान उर्फ समंदर चाचा को 100 से अधिक घुसपैठ के लिए जिम्मेदार माना गया था। सेना ने यह कार्रवाई गुरेज में की थी। गौरतलब हो कि पहलगाम हमले के अगले दिन भी उत्तरी कश्मीर के बारामूला में घुसपैठ की कोशिश हुई तब सेना ने इस नाकाम कर दिया था। सेना ने 30 जुलाई को भी एक बड़ी घुसपैठ की कोशिश नाकाम की थी। यह कोशिश पुंछ सेक्टर में सामने आई थी।
क्यों टारगेट पर है कुपवाड़ा?
कुपवाड़ा एक सीमावर्ती जिला है। यह कश्मीर घाटी के उत्तर-पश्चिमी भाग में स्थित है। कुपवाड़ा की अविश्वसनीय सुंदरता का गवाह बनें, जिसे 'कश्मीर का मुकुट' कहा जाता है, इसके लहराते घास के मैदानों, अल्पाइन जंगलों और शांत घाटी की खोज करते हुए। इसकी उत्तरी और पश्चिमी सीमाएं भारत-पाकिस्तान को अलग करने वाली एलओसी से लगी हैं। कुपवाड़ा में जोजी-ला और राजदान जैसे दर्रे, पीर-पंजाल और शम्स-बारी जैसी पर्वत श्रृंखलाएं हैं। कुपवाड़ा पीरपंजाल और शम्सबरी पर्वत के मध्य स्थित है। यह पर निगरानी काफी चुनौतीपूर्ण है। रक्षा विशेषज्ञों का अनुमान है कि सर्दी और बढ़ने पर पाकिस्तान की तरफ से घुसपैठ की और कोशिशें की जा सकती है, हालांकि पिछले छह महीने में भारत ने पाकिस्तान से लगी सीमा पर चौकसी काफी मजबूत कर दी है। इसी का नतीजा है कि पाकिस्तान की नापाक कोशिशें सफल नहीं हो पा रही हैं।
सेना लगातार कर रही है सफाया
अक्टूबर में दो घुसपैठियों को मार गिराने के साथ सुरक्षाबलों को अगस्त महीने में बड़ी कामयाबी मिली थी तब सेना ने घुसपैठियों के बीच चलते फिरते जीपीएस के तौर पर मशहूर समंदर चाचा को भी मार गिराया था। बागू खान उर्फ समंदर चाचा को 100 से अधिक घुसपैठ के लिए जिम्मेदार माना गया था। सेना ने यह कार्रवाई गुरेज में की थी। गौरतलब हो कि पहलगाम हमले के अगले दिन भी उत्तरी कश्मीर के बारामूला में घुसपैठ की कोशिश हुई तब सेना ने इस नाकाम कर दिया था। सेना ने 30 जुलाई को भी एक बड़ी घुसपैठ की कोशिश नाकाम की थी। यह कोशिश पुंछ सेक्टर में सामने आई थी।
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