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'आदमखोर' है क्या बाजीराव? जंगल से पहुंच रहा है गांव, इंसानों के साथ वनकर्मियों पर भी कर रहा हमला

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सिवनी: मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में एक बाघ ने आतंक मचा रखा था। शनिवार को वन विभाग ने उस बाघ को पकड़ लिया है। बाघ का नाम बाजीराव है और वह पांच साल का है। बाजीराव पर आरोप है कि उसने कई ग्रामीणों पर हमला किया था।





18 साल के आदिवासी युवक को मार डाला

शुक्रवार को बाजीराव ने 18 साल के एक आदिवासी युवक सुमित पंडारे को मार डाला था। सुमित अपने जानवरों को चराने के लिए जंगल में गया था। इस घटना के बाद गांव वालों ने नेशनल हाईवे-44 को जाम कर दिया। वे पीड़ित के परिवार के लिए मुआवजे और बाघ के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे थे। गांव वालों का कहना था कि बाघ बहुत खतरनाक है। इलाके में लगे कैमरे में बाजीराव की तस्वीरें मिली थीं।



पहले भी इंसानों पर किया है हमला

वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बाजीराव पहले भी एक आदमी को मार चुका है। 30 नवंबर 2024 को भी बावनथड़ी गांव के एक युवक को उसने मार डाला था। पिछले एक महीने में बाघ ने कई बार गांव वालों और वन विभाग के कर्मचारियों पर हमला किया था।



वनकर्मियों पर भी किया है हमला

एक वन अधिकारी ने बताया कि बाजीराव का व्यवहार सामान्य बाघों से अलग है। उन्होंने कहा कि बाजीराव अकेला ऐसा बाघ है जो गश्त कर रहे वन विभाग के कर्मचारियों पर भी हमला कर देता था। इससे सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है।



गांवों में डर और गुस्सा

बाजीराव पहले भी कई बार देखा गया था। 2023 की सर्दियों में वह पहली बार दिखाई दिया था। वह जंगल के पर्यटन क्षेत्रों में बहुत जल्दी मशहूर हो गया था। लोग उसे निडर और खुले में घूमने वाले बाघ के रूप में जानते थे। लेकिन, वह सिर्फ जंगल में ही नहीं घूमता था, बल्कि गांव के आसपास भी दिखने लगा था। उसने गांव वालों और उनके जानवरों पर भी हमले किए। इससे गांव वालों में डर और गुस्सा था। इसलिए वन विभाग ने उसे पकड़ने का फैसला किया। शनिवार को बाजीराव को बेहोश करके पकड़ लिया गया और उसे एक सुरक्षित जगह पर भेज दिया गया।



असामान्य रहा है व्यवहार

वन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बाजीराव के बारे में कहा कि बाजीराव का व्यवहार एक जंगली बाघ के लिए बहुत असामान्य रहा है। वह क्षेत्र में एकमात्र बाघ है जो गश्त के दौरान वन कर्मचारियों पर सक्रिय रूप से हमला करता है, जिससे सुरक्षा संबंधी गंभीर चिंताएं बढ़ गई हैं।



बाजीराव को पकड़ने के बाद गांव वालों ने राहत की सांस ली है। अब उन्हें डर नहीं है कि बाघ उन पर या उनके जानवरों पर हमला करेगा। वन विभाग के अधिकारियों ने कहा है कि वे यह सुनिश्चित करेंगे कि बाजीराव सुरक्षित रहे और उसे अच्छी देखभाल मिले।

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