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विराट कोहली और एमएस धोनी की राह पर शुभमन गिल, कप्तानी मिलते ही बदले अपने तेवर

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नई दिल्ली: भारतीय टेस्ट और वनडे टीम की कमान संभालने के बाद शुभमन गिल शानदार फॉर्म में हैं। दिल्ली में वेस्टइंडीज के खिलाफ दूसरे टेस्ट में उनकी 129 रन की नाबाद पारी जिसके दम पर भारत ने 518/5 पर पारी घोषित की कप्तानी में उनकी बेहतरीन शुरुआत का एक और सबूत है। यह उनका 2025 में पांचवां टेस्ट शतक था। कप्तान बनने के बाद गिल ने अब तक 12 पारियों में 84.81 की अद्भुत औसत से 933 रन बनाए हैं।

क्या कप्तानी ने गिल को बेहतर बल्लेबाज बनाया?
क्रिकेट में अक्सर देखा जाता है कि कप्तानी का दबाव बल्लेबाज के प्रदर्शन को या तो प्रभावित करता है या फिर उसे और बेहतर बना देता है। शुभमन गिल के मामले में ऐसा लगता है कि कप्तानी की जिम्मेदारी ने उनके बल्ले को और भी पैना कर दिया है, जैसा कि दिल्ली टेस्ट में उनकी शतकीय पारी ने साबित किया।


द्रविड़, गांगुली और रोहित शर्मा के लिए कप्तानी एक तरह का बैटिंग टैक्स साबित हुई, जिससे उनका औसत गिर गया। वहीं, धोनी और कोहली ने कप्तानी में अपने प्रदर्शन को सुधारा। ऐसा ही कुछ शुभमन गिल के साथ होता हुआ नजर आ रहा है। शुभमन गिल ने अपना कप्तानी में यह साबित किया है कि वह कप्तानी के साथ-साथ अपनी बल्लेबाज को और भी अच्छा कर सकते हैं।


शुभमन गिल को कप्तानी मिलने से पहले और उनके बाद का प्रदर्शन
  • कप्तानी से पहले (टेस्ट): औसत 35.05 (5 शतक, 7 अर्धशतक)
  • कप्तानी के दौरान (7 टेस्ट, 12 पारी): औसत 84.81 (5 शतक, 1 अर्धशतक)


यह 50 से अधिक का औसत जबरदस्त बदलाव है। कप्तानी संभालने के बाद 12 पारियों में 5 शतक बनाना कोई मामूली बात नहीं है। उनका यह उछाल विराट कोहली द्वारा बनाए गए हाई स्टैंडर्ड के करीब है, जिन्होंने कप्तानी में अपने औसत को 15.34 अंकों से बढ़ाया था। भले ही ये आंकड़े अभी छोटे सैंपल साइज के हों, लेकिन गिल ने जिस आत्मविश्वास और निरंतरता से इंग्लैंड के दौरे पर प्रदर्शन किया और अब अपनी लय को जारी रखा है, उससे यह संभावना बनती है कि भारत के यह नए कप्तान आने वाले समय में कप्तानी और बल्लेबाजी दोनों में विराट कोहली द्वारा स्थापित किए गए हाई स्टैंडर्ड को भी पार कर सकते हैं।
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