नई दिल्लीः ऐप डाउनलोड के मामले में भारत सबसे बड़ा मोबाइल गेमिंग बाजार बन चुका है। आंकड़ों के मुताबिक, देश में करीब 40 करोड़ से ज्यादा गेमर्स है। ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री ने जितनी तेजी से बच्चों और युवाओं को अपनी चपेट में लिया है, उतने ही इससे जुड़े साइबर फ्रॉड भी तेजी से बढ़ रहे हैं। इसके मकड़जाल में फंसकर युवा अपना कीमती वक्त तो गंवा ही रहे हैं, अपनी कमाई से भी हाथ धो रहे हैं।
गेमिंग के जरिए करते हैं डाटा चोरी
साइबर पुलिस ऑफिसर के मुताबिक, ऑनलाइन गेमिंग के जरिए स्कैमर्स न सिर्फ लोगों की आईडी, क्रेडिट व डेबिट कार्ड की डिटेल चोरी करने में कामयाब हो रहे हैं। बल्कि स्कैमर साइबर बुलिंग और ब्लैकमेलिंग तक कर रहे हैं। हाल ही में यूपी में ऐसा गैंग पकड़ा गया जो युवाओं को कम पैसे लगाकर ज्यादा जीतने का लालच देकर फंसाता था। गेम की हार-जीत गैंग के हाथ में होती थी।
गृह मंत्रालय ने अलर्ट रहने की अपील
बीते समय में सोशल मीडिया और मैन स्ट्रीम मीडिया में आपने महादेव बेटिंग ऐप और इससे जुड़े ठिकानों पर ईडी की छापेमारी की खबरें खूब सुनी पढ़ी होंगी। महादेव बेटिंग ऐप एक ऑनलाइन सट्टेबाजी के लिए बनाया गया ऐप था। इस पर साइन इन करने वाले यूजर्स पोकर, चांस गेम्स और कार्ड गेम्स जैसे कई गेम खेल सकते थे। इस ऐप के जरिए क्रिकेट, बैडमिंटन, टेनिस, फुटबॉल जैसे खेलों में सट्टेबाजी भी की जाती थी। इस ऐप को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने के लिए इनके ऑनर ने सोशल मीडिया मार्केटिंग और इन्फ्लुएंसर का भी सहारा लिया था। यही कारण है कि गेमिंग ऐप से हो रहे फर्जीवाड़े को देखते हुए गृह मंत्रालय की साइबर विंग ने अलर्ट रहने को कहा। केंद्र ने करीब डेढ़ साल पहले कुल 580 ऐप्स को ब्लॉक किया था। इनमें से 174 सट्टेबाजी और जुए वाले ऐप्स थे। इन गेमिंग ऐप में PUBG और अन्य भी थे।
क्या हैं खतरे
इनका रखें ध्यान
कहां करें शिकायत ?
साइबर सेल अफसर के मुताबिक, गेम्स में पॉइंट्स या रिवार्ड के चक्कर में लोग ठगी के शिकार हो जाते है। अनजान लिंक्स पर क्लिक कर देते है, जिससे डेटा चोरी हो जाता है। ऐसी घटना होने पर साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर सूचना दे या cybercrime.gov.in पर कंप्लेट करें। नजदीकी साइबर पुलिस थाने में भी शिकायत कर सकते हैं।
गेमिंग के जरिए करते हैं डाटा चोरी
साइबर पुलिस ऑफिसर के मुताबिक, ऑनलाइन गेमिंग के जरिए स्कैमर्स न सिर्फ लोगों की आईडी, क्रेडिट व डेबिट कार्ड की डिटेल चोरी करने में कामयाब हो रहे हैं। बल्कि स्कैमर साइबर बुलिंग और ब्लैकमेलिंग तक कर रहे हैं। हाल ही में यूपी में ऐसा गैंग पकड़ा गया जो युवाओं को कम पैसे लगाकर ज्यादा जीतने का लालच देकर फंसाता था। गेम की हार-जीत गैंग के हाथ में होती थी।
गृह मंत्रालय ने अलर्ट रहने की अपील
बीते समय में सोशल मीडिया और मैन स्ट्रीम मीडिया में आपने महादेव बेटिंग ऐप और इससे जुड़े ठिकानों पर ईडी की छापेमारी की खबरें खूब सुनी पढ़ी होंगी। महादेव बेटिंग ऐप एक ऑनलाइन सट्टेबाजी के लिए बनाया गया ऐप था। इस पर साइन इन करने वाले यूजर्स पोकर, चांस गेम्स और कार्ड गेम्स जैसे कई गेम खेल सकते थे। इस ऐप के जरिए क्रिकेट, बैडमिंटन, टेनिस, फुटबॉल जैसे खेलों में सट्टेबाजी भी की जाती थी। इस ऐप को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने के लिए इनके ऑनर ने सोशल मीडिया मार्केटिंग और इन्फ्लुएंसर का भी सहारा लिया था। यही कारण है कि गेमिंग ऐप से हो रहे फर्जीवाड़े को देखते हुए गृह मंत्रालय की साइबर विंग ने अलर्ट रहने को कहा। केंद्र ने करीब डेढ़ साल पहले कुल 580 ऐप्स को ब्लॉक किया था। इनमें से 174 सट्टेबाजी और जुए वाले ऐप्स थे। इन गेमिंग ऐप में PUBG और अन्य भी थे।
क्या हैं खतरे
- ऐप डाउनलोड करते ही नाम, मोबाइल नंबर, अकाउंट और आधार जैसी डिटेल्स मांगी जाती है।
- ठग इन डिटेल्स से आपके नाम पर नए अकाउंट खोल सकते है या बैंक अकाउंट हैक कर सकते हैं।
- कुछ गेमर्स दूसरो को डराने, धमकाने या मानसिक दबाव डालने के लिए ही खेलते हैं।
- ईमेल, मेसेज या चैट में फर्जी लिंक भेजे जाते है, जो क्लिक करते ही फोन में वायरस डाल सकते हैं।
- फ्री गेम्स के साथ ही मालवेयर/वायरस आ सकता है, जो डिवाइस से डेटा चुरा सकता है।
- साइबर अपराधी खुद को भी नाबालिग बताकर बच्चों से दोस्ती करते है और फिर उनकी जानकारी चुराते हैं।
- यूजर को टास्क देकर या बहला-फुसलाकर उन्हें किसी गैरकानूनी काम के लिए उकसाया जा सकता है।
इनका रखें ध्यान
- गेमिंग ऐप के पब्लिशर की जानकारी जरूर चेक कर लें।
- निजी जानकारी देने से बचें। आकर्षक सब्सक्रिप्शन ऑफर के जाल में न फंसे।
- ई-मेल या टेक्स्ट मेसेज में आए संदिग्ध लिंक्स पर क्लिक न करें।
- क्रेडिट कार्ड/डेबिट कार्ड की जानकारी किसी के भी साथ शेयर मत करें।
- कंप्यूटर या स्मार्ट फोन में अच्छा एंटीवायरस इंस्टॉल करें।
- ऑनलाइन गेमिंग अकाउंट और अन्य ऑनलाइन अकाउंट के पासवर्ड मजबूत रखें।
- कोई दिक्कत होने पर अपने माता-पिता को जानकारी दे। आउटडोर गेम्स खेलने की आदत डाले।
कहां करें शिकायत ?
साइबर सेल अफसर के मुताबिक, गेम्स में पॉइंट्स या रिवार्ड के चक्कर में लोग ठगी के शिकार हो जाते है। अनजान लिंक्स पर क्लिक कर देते है, जिससे डेटा चोरी हो जाता है। ऐसी घटना होने पर साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर सूचना दे या cybercrime.gov.in पर कंप्लेट करें। नजदीकी साइबर पुलिस थाने में भी शिकायत कर सकते हैं।
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