अभय सिंह राठौड़, लखनऊ: उत्तर प्रदेश की कैराना लोकसभा सीट से सपा सांसद इकरा हसन इन दिनों लगातार सुर्खियों में बनी हुई हैं। देश की सबसे युवा सांसदों में शुमार इकरा हसन का नाम दो अहम वजहों से राष्ट्रीय चर्चा का केंद्र बना है। एक तरफ उन्होंने एडीएम अफसर पर अभद्रता का आरोप लगाया है। दूसरी ओर करणी सेना के एक नेता की उन पर आपत्तिजनक टिप्पणी से सियासी हलकों में बवाल मच गया है।
इकरा हसन एक मजबूत राजनीतिक विरासत से आती हैं। उनके परिवार का कैराना की राजनीति में दशकों से दबदबा रहा है। दादा अख्तर हसन पूर्व सांसद रहे हैं। पिता मुनव्वर हसन और मां तबस्सुम हसन भी सांसद रह चुकी हैं। भाई नाहिद हसन तीन बार के विधायक हैं। इकरा ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 2016 के जिला पंचायत चुनाव से की थी, जिसमें उन्हें करीब 5000 वोटों से हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद उन्होंने अपने भाई नाहिद हसन के जेल में रहने के दौरान चुनाव प्रचार की पूरी जिम्मेदारी उठाई और उन्हें जीत दिलाई थी।
Video जब अखिलेश यादव के भरोसे पर खरी उतरीं इकराइसके बाद से इकरा हसन राजनीति और क्षेत्र में पूरी तरह से एक्टिव थी। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 2024 लोकसभा चुनाव में इकरा हसन पर दांव लगाया था। इकरा न केवल अखिलेश यादव के भरोसे पर खरी उतरीं बल्कि उन्होंने कैराना सीट पर जीत भी दर्ज की थी। उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी प्रदीप कुमार को 69,116 वोटों से हराकर जीत दर्ज की और संसद पहुंचीं। सांसद बनने के बाद से भी इकरा हसन क्षेत्र के साथ-साथ लोकसभा सत्र के दौरान भी एक्टिव रहती हैं। जनता से जुड़े मुद्दे भी सड़क से लेकर सांसद में उठती रहती हैं।
शैक्षणिक पृष्ठभूमि और वैचारिक रुखइकरा हसन ने अपनी स्कूली शिक्षा नई दिल्ली के क्वीन मैरी स्कूल से पूरी की है। इसके बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी श्रीराम कॉलेज से स्नातक की डिग्री ली है। साल 2020 में उन्होंने लंदन स्थित SOAS विश्वविद्यालय से अंतरराष्ट्रीय राजनीति और कानून में एमएससी किया है। संसद में शिक्षा बजट पर चर्चा के दौरान इकरा हसन ने केंद्र सरकार पर अल्पसंख्यक शिक्षा में भेदभाव का आरोप लगाया था। उन्होंने मौलाना आजाद फाउंडेशन को बंद करने, पाठ्यपुस्तकों से डार्विन सिद्धांत हटाने और मुगल इतिहास के साथ छेड़छाड़ को लेकर भी सवाल उठाए थे।
Video एडीएम पर इकरा हसन का आरोपकुछ दिन पहले इकरा हसन ने कैराना के एडीएम पर महिला विरोधी व्यवहार का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि जब वह एक शिकायत लेकर उनके पास पहुंचीं, तो उन्हें न सिर्फ दफ्तर से बाहर निकालने की बात कही गई बल्कि बेहद अपमानजनक व्यवहार भी किया गया। इकरा हसन का कहना है कि एडीएम की मानसिकता पूरी तरह महिला विरोधी है। उन्हें जनप्रतिनिधियों से बात करने की तमीज नहीं है। ऐसे अफसरों को ट्रेनिंग दी जानी चाहिए और उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने सवाल उठाया कि जब सरकार महिलाओं को सशक्त बनाने और 33% आरक्षण देने की बात करती है, तो क्या ऐसे अफसर उस सोच को ठेंगा नहीं दिखा रहे हैं?
करणी सेना नेता ने दिया एकतरफा निकाह वाला बयानवहीं, एक दिन पहले शनिवार को करणी सेना के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष योगेंद्र राणा ने एक वीडियो जारी करते हुए इकरा हसन से एकतरफा निकाह करने की ख्वाहिश जताई है। उन्होंने अपने एक बयान में कहा कि मैं इकरा से निकाह कुबूल करता हूं, ओवैसी मुझे जीजा कहेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि वे उन्हें घर में नमाज़ पढ़ने की इजाज़त भी देंगे। इस बयान को लेकर समाजवादी पार्टी समेत कई दलों के नेताओं में भारी आक्रोश है। इसे न सिर्फ महिला के सम्मान पर हमला माना जा रहा है, बल्कि इसे राजनीति का स्तर गिराने वाला बयान बताया जा रहा है।
इकरा हसन एक मजबूत राजनीतिक विरासत से आती हैं। उनके परिवार का कैराना की राजनीति में दशकों से दबदबा रहा है। दादा अख्तर हसन पूर्व सांसद रहे हैं। पिता मुनव्वर हसन और मां तबस्सुम हसन भी सांसद रह चुकी हैं। भाई नाहिद हसन तीन बार के विधायक हैं। इकरा ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 2016 के जिला पंचायत चुनाव से की थी, जिसमें उन्हें करीब 5000 वोटों से हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद उन्होंने अपने भाई नाहिद हसन के जेल में रहने के दौरान चुनाव प्रचार की पूरी जिम्मेदारी उठाई और उन्हें जीत दिलाई थी।
Video जब अखिलेश यादव के भरोसे पर खरी उतरीं इकराइसके बाद से इकरा हसन राजनीति और क्षेत्र में पूरी तरह से एक्टिव थी। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 2024 लोकसभा चुनाव में इकरा हसन पर दांव लगाया था। इकरा न केवल अखिलेश यादव के भरोसे पर खरी उतरीं बल्कि उन्होंने कैराना सीट पर जीत भी दर्ज की थी। उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी प्रदीप कुमार को 69,116 वोटों से हराकर जीत दर्ज की और संसद पहुंचीं। सांसद बनने के बाद से भी इकरा हसन क्षेत्र के साथ-साथ लोकसभा सत्र के दौरान भी एक्टिव रहती हैं। जनता से जुड़े मुद्दे भी सड़क से लेकर सांसद में उठती रहती हैं।
शैक्षणिक पृष्ठभूमि और वैचारिक रुखइकरा हसन ने अपनी स्कूली शिक्षा नई दिल्ली के क्वीन मैरी स्कूल से पूरी की है। इसके बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी श्रीराम कॉलेज से स्नातक की डिग्री ली है। साल 2020 में उन्होंने लंदन स्थित SOAS विश्वविद्यालय से अंतरराष्ट्रीय राजनीति और कानून में एमएससी किया है। संसद में शिक्षा बजट पर चर्चा के दौरान इकरा हसन ने केंद्र सरकार पर अल्पसंख्यक शिक्षा में भेदभाव का आरोप लगाया था। उन्होंने मौलाना आजाद फाउंडेशन को बंद करने, पाठ्यपुस्तकों से डार्विन सिद्धांत हटाने और मुगल इतिहास के साथ छेड़छाड़ को लेकर भी सवाल उठाए थे।
Video एडीएम पर इकरा हसन का आरोपकुछ दिन पहले इकरा हसन ने कैराना के एडीएम पर महिला विरोधी व्यवहार का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि जब वह एक शिकायत लेकर उनके पास पहुंचीं, तो उन्हें न सिर्फ दफ्तर से बाहर निकालने की बात कही गई बल्कि बेहद अपमानजनक व्यवहार भी किया गया। इकरा हसन का कहना है कि एडीएम की मानसिकता पूरी तरह महिला विरोधी है। उन्हें जनप्रतिनिधियों से बात करने की तमीज नहीं है। ऐसे अफसरों को ट्रेनिंग दी जानी चाहिए और उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने सवाल उठाया कि जब सरकार महिलाओं को सशक्त बनाने और 33% आरक्षण देने की बात करती है, तो क्या ऐसे अफसर उस सोच को ठेंगा नहीं दिखा रहे हैं?
करणी सेना नेता ने दिया एकतरफा निकाह वाला बयानवहीं, एक दिन पहले शनिवार को करणी सेना के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष योगेंद्र राणा ने एक वीडियो जारी करते हुए इकरा हसन से एकतरफा निकाह करने की ख्वाहिश जताई है। उन्होंने अपने एक बयान में कहा कि मैं इकरा से निकाह कुबूल करता हूं, ओवैसी मुझे जीजा कहेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि वे उन्हें घर में नमाज़ पढ़ने की इजाज़त भी देंगे। इस बयान को लेकर समाजवादी पार्टी समेत कई दलों के नेताओं में भारी आक्रोश है। इसे न सिर्फ महिला के सम्मान पर हमला माना जा रहा है, बल्कि इसे राजनीति का स्तर गिराने वाला बयान बताया जा रहा है।
You may also like
आपने अपने बच्चों के लिए वोट नहीं दिया, इसलिए आपके बच्चे गुजरात में जाकर फैक्ट्रियों में मजदूरी कर रहे : प्रशांत किशोर
शिक्षा जागरूकता हेतु बुद्धिजीवी मंच ने निकाली प्रभातफेरी
गुरुग्राम: दो साल बाद भी फ्लैट का कब्जा नहीं मिला तो सडक़ पर उतरे खरीदार
गुरुग्राम: नशे के विरुद्ध लगातार चलता है डा. अशोक कुमार वर्मा का साइकिल रूपी रथ
गुरुग्राम: चाय चौपाल में तबले, बांसुरी व सितार से निकली स्वर लहरियों ने मन मोहा