दोहा: कतर के विदेश मंत्रालय ने सोमवार शाम को अल उदीद एयरबेस पर IRGC के हमले का विरोध करने के लिए अली सालेह अबादी को तलब किया है। कतर ने अमेरिकी एयरबेस पर ईरानी हमले की निंदा करते हुए इसे अपनी संप्रभुता और हवाई क्षेत्र का घोर उल्लंघन बताया। हालांकि, ईरान ने हमले से पहले ही कतर को बता दिया था कि वह अमेरिकी एयरबेस को निशाना बनाने जा रहा है। हमले के बाद भी ईरान ने बयान जारी कर कहा था कि उसका पड़ोसी और भाईचारा रखने वाले देशों से कोई विवाद नहीं है और उसने सिर्फ अमेरिकी मिलिट्री बेस को ही निशाना बनाया है।
कतर ने जवाब देने के अधिकार की पुष्टि की
बयान के अनुसार मंत्रालय ने कतर के जवाब देने के अधिकार की पुष्टि की। इसने “ईरानी राजदूत को इस बात पर भी जोर दिया कि यह उल्लंघन अच्छे पड़ोसी के सिद्धांत और कतर और ईरान के बीच घनिष्ठ संबंधों के साथ पूरी तरह से असंगत है, खासकर तब जब दोहा हमेशा से ईरान के साथ बातचीत का समर्थक रहा है और इस संबंध में अथक कूटनीतिक प्रयास करता रहा है।” एक अलग बयान में, मंत्रालय ने कहा कि उसने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के साथ-साथ सुरक्षा परिषद को एक पत्र भेजा है जिसमें IRGC की “बेहद खतरनाक वृद्धि” की निंदा की गई है और कहा गया है कि यह हमला “क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा के लिए सीधा खतरा” है।
क्या ईरान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई करेगा कतर?
इस बात की संभावना बेहद कम है कि कतर ईरान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई करने पर विचार कर रहा है। कतर अभी सैन्य रूप से इतना शक्तिशाली नहीं है कि वह ईरान जैसे देश से उलझे। दूसरा, ईरान के हमले में कतर को कोई भी नुकसान नहीं हुआ है। ऐसे में वह ईरानी राजदूत को तलब कर विरोध जताकर भी अपनी प्रतिक्रिया को व्यक्त कर सकता है। कतर और ईरान में संबंध भी खराब नहीं हैं, जो बात को हमले तक पहुंचाते हों। ऐसे में कतर के ईरान पर हमला करने की संभावना न के बराबर है।
कतर ने जवाब देने के अधिकार की पुष्टि की
बयान के अनुसार मंत्रालय ने कतर के जवाब देने के अधिकार की पुष्टि की। इसने “ईरानी राजदूत को इस बात पर भी जोर दिया कि यह उल्लंघन अच्छे पड़ोसी के सिद्धांत और कतर और ईरान के बीच घनिष्ठ संबंधों के साथ पूरी तरह से असंगत है, खासकर तब जब दोहा हमेशा से ईरान के साथ बातचीत का समर्थक रहा है और इस संबंध में अथक कूटनीतिक प्रयास करता रहा है।” एक अलग बयान में, मंत्रालय ने कहा कि उसने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के साथ-साथ सुरक्षा परिषद को एक पत्र भेजा है जिसमें IRGC की “बेहद खतरनाक वृद्धि” की निंदा की गई है और कहा गया है कि यह हमला “क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा के लिए सीधा खतरा” है।
क्या ईरान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई करेगा कतर?
इस बात की संभावना बेहद कम है कि कतर ईरान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई करने पर विचार कर रहा है। कतर अभी सैन्य रूप से इतना शक्तिशाली नहीं है कि वह ईरान जैसे देश से उलझे। दूसरा, ईरान के हमले में कतर को कोई भी नुकसान नहीं हुआ है। ऐसे में वह ईरानी राजदूत को तलब कर विरोध जताकर भी अपनी प्रतिक्रिया को व्यक्त कर सकता है। कतर और ईरान में संबंध भी खराब नहीं हैं, जो बात को हमले तक पहुंचाते हों। ऐसे में कतर के ईरान पर हमला करने की संभावना न के बराबर है।
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