नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में सात महीने हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पाकिस्तान पोषित आतंकियों को कड़ा सबक सिखाया था। लेकिन ठंड शुरू होने के साथ ही अब एक बार फिर आतंकियों ने भारत में घुसपैठ की कोशिशें शुरू कर दी हैं। इन्हीं आतंकी घुसपैठों को रोकने के लिए सुरक्षाबलों ने ऑपरेशन पिंपल चलाया है। जानते हैं क्या है ऑपरेशन पिंपल जो आतंकियों के लिए काल बन गया है।
क्या है ऑपरेशन पिंपल?
ऑपरेशन पिंपल सुरक्षाबलों द्वारा जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के केरन सेक्टर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास शुरू किया एक ऑपरेशन है, जिसका लक्ष्य घुसपैठ कर रहे आतंकियों को रोकना है। ऑपरेशन पिंपल के तहत ही भारतीय सेना के जवानों ने दो आतंकवादियों को ढेर एनकाउंटर में ढेर कर दिया। इलाके में बड़े स्तर पर सर्च ऑपरेशन चल रहा है। संभावित हथियारों और गोला-बारूद की बरामदगी की उम्मीद है। कुपवाड़ा इलाका एलओसी से काफी सटा हुआ है, जिसकारण यहां अक्सर घुसपैठ की कोशिशें होती रहती हैं।
कैसे शुरू हुआ ऑपरेशन?
चिनार कॉर्प्स के आधिकारिक 'एक्स' हैंडल से शनिवार सुबह 7:10 बजे पोस्ट कर 'ऑपरेशन पिंपल' की जानकारी दी गई। पोस्ट में बताया, "7 नवंबर को एजेंसियों से मिली विशिष्ट खुफिया जानकारी के आधार पर संयुक्त अभियान शुरू किया गया। सतर्क सैनिकों ने संदिग्ध गतिविधि देखी और चुनौती दी, जिसके बाद आतंकवादियों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। संपर्क स्थापित होने के बाद आतंकवादियों को घेर लिया गया और ऑपरेशन जारी रखा गया।"
क्या है ऑपरेशन पिंपल का मकसद?
सेना के अनुसार, यह ऑपरेशन 'पिंपल' पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से आने वाले आतंकवादियों की घुसपैठ को रोकने के लिए लॉन्च किया गया है। कुपवाड़ा जिला एलओसी के करीब स्थित है और लंबे समय से घुसपैठ का हॉटस्पॉट रहा है। खुफिया सूत्रों का कहना है कि ये आतंकवादी लश्कर-ए-तैयबा या जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों से जुड़े हो सकते हैं, जो सर्दियों से पहले घुसपैठ बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं।
क्यों खास है ऑपरेशन पिंपल?
ऑपरेशन पिंपल भारत की सीमा सुरक्षा में सेना की त्वरित कार्रवाई का अच्छा उदाहरण है। ऑपरेशन पिंपल के जरिए सुरक्षाबलों ने स्पष्ट कर दिया है कि घुसपैठ की कोशिश का जवाब तुरंत और सैन्य कार्रवाई से दिया जाएगा। देश की सीमा पर जवान मुस्तैद हैं। ऑपरेशन पिंपल का नाम सेना की आंतरिक कोडिंग में उस घुसपैठ वाले बिंदु से जुड़ा है, जिसे नक्शे पर पिंपल कहा जाता है।
क्या है ऑपरेशन पिंपल?
ऑपरेशन पिंपल सुरक्षाबलों द्वारा जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के केरन सेक्टर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास शुरू किया एक ऑपरेशन है, जिसका लक्ष्य घुसपैठ कर रहे आतंकियों को रोकना है। ऑपरेशन पिंपल के तहत ही भारतीय सेना के जवानों ने दो आतंकवादियों को ढेर एनकाउंटर में ढेर कर दिया। इलाके में बड़े स्तर पर सर्च ऑपरेशन चल रहा है। संभावित हथियारों और गोला-बारूद की बरामदगी की उम्मीद है। कुपवाड़ा इलाका एलओसी से काफी सटा हुआ है, जिसकारण यहां अक्सर घुसपैठ की कोशिशें होती रहती हैं।
कैसे शुरू हुआ ऑपरेशन?
चिनार कॉर्प्स के आधिकारिक 'एक्स' हैंडल से शनिवार सुबह 7:10 बजे पोस्ट कर 'ऑपरेशन पिंपल' की जानकारी दी गई। पोस्ट में बताया, "7 नवंबर को एजेंसियों से मिली विशिष्ट खुफिया जानकारी के आधार पर संयुक्त अभियान शुरू किया गया। सतर्क सैनिकों ने संदिग्ध गतिविधि देखी और चुनौती दी, जिसके बाद आतंकवादियों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। संपर्क स्थापित होने के बाद आतंकवादियों को घेर लिया गया और ऑपरेशन जारी रखा गया।"
क्या है ऑपरेशन पिंपल का मकसद?
सेना के अनुसार, यह ऑपरेशन 'पिंपल' पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से आने वाले आतंकवादियों की घुसपैठ को रोकने के लिए लॉन्च किया गया है। कुपवाड़ा जिला एलओसी के करीब स्थित है और लंबे समय से घुसपैठ का हॉटस्पॉट रहा है। खुफिया सूत्रों का कहना है कि ये आतंकवादी लश्कर-ए-तैयबा या जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों से जुड़े हो सकते हैं, जो सर्दियों से पहले घुसपैठ बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं।
क्यों खास है ऑपरेशन पिंपल?
ऑपरेशन पिंपल भारत की सीमा सुरक्षा में सेना की त्वरित कार्रवाई का अच्छा उदाहरण है। ऑपरेशन पिंपल के जरिए सुरक्षाबलों ने स्पष्ट कर दिया है कि घुसपैठ की कोशिश का जवाब तुरंत और सैन्य कार्रवाई से दिया जाएगा। देश की सीमा पर जवान मुस्तैद हैं। ऑपरेशन पिंपल का नाम सेना की आंतरिक कोडिंग में उस घुसपैठ वाले बिंदु से जुड़ा है, जिसे नक्शे पर पिंपल कहा जाता है।
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