नई दिल्लीः पहलगाम में हुए हमले की जांच में एक नया मोड़ आया है। जांचकर्ताओं को पता चला है कि 15 स्थानीय लोगों ने हमलावरों की मदद की थी। ये सभी कश्मीर घाटी के रहने वाले हैं। इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस से पता चला है कि इन लोगों ने हमलावरों को लॉजिस्टिक पहुंचाने और हथियार मुहैया कराने में मदद की थी। ऐसा माना जा रहा है कि ये हथियार पाकिस्तान से आए थे। पांच मुख्य संदिग्धों पर फोकस जांच एजेंसियांपांच मुख्य संदिग्धों पर फोकस कर रही हैं। इनमें से तीन को पकड़ लिया गया है और उनसे पूछताछ की जा रही है। पुलिस बाकी दो OGWs की तलाश कर रही है। हमले के दिन ये पांचों संदिग्ध घटनास्थल के आसपास ही थे। उनके फोन भी उस इलाके में एक्टिव थे। इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस में एक चैट सामने आई है। इसमें पकड़े गए तीन संदिग्ध आपस में बात कर रहे हैं। वे पहलगाम में मौजूद पाकिस्तानी आतंकवादियों की "मदद" करने के बारे में बात कर रहे थे।इस बीच, 200 से ज़्यादा OGWs को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। उनसे हमले से पहले की घटनाओं के बारे में जानकारी हासिल की जा रही है। सूत्रों के अनुसार, पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि हमले की साजिश कैसे रची गई थी।जांचकर्ताओं का मानना है कि इन पांचों संदिग्धों की पहलगाम हमले में भूमिका हो सकती है। उनके पास इसके पर्याप्त सबूत हैं। NIA, J&K पुलिस, इंटेलिजेंस ब्यूरो और RAW की संयुक्त टीम 10 अन्य OGWs से भी पूछताछ कर रही है। ये लोग पहले भी कश्मीर में पाकिस्तानी आतंकवादियों की मदद कर चुके हैं। हमले के दिन ये सभी घटनास्थल के आसपास मौजूद थे। 15 स्थानीय मददगारों ने आतंकियों की मदद कीJ&K पुलिस के अनुसार, ये 15 स्थानीय मददगार पहले से ही OGWs के तौर पर दर्ज हैं। ऐसा माना जाता है कि इन्होंने पिछले कुछ सालों में दक्षिण कश्मीर में कई हमलों में शामिल पाकिस्तानी आतंकवादियों की मदद की है। इन्होंने उन्हें रसद पहुंचाने, जंगलों में रास्ता दिखाने और पाकिस्तान से हथियारों की खेप लेने में मदद की थी। एक सूत्र ने TOI को बताया कि उनके पास इस बात के पर्याप्त सबूत हैं कि इन लोगों ने पहलगाम हमले में शामिल आतंकवादियों की मदद की थी।एक अधिकारी ने बताया कि पहलगाम हमले में 4-5 आतंकवादी शामिल थे। इनमें से कम से कम दो पाकिस्तानी थे और दो स्थानीय कश्मीरी थे। हम इन 15 हिरासत में लिए गए OGWs से ज़्यादा जानकारी निकालने की कोशिश कर रहे हैं ताकि साजिश को समझा जा सके। इसके बाद ही उनकी गिरफ्तारी पर फैसला लिया जाएगा। शनिवार तक, 200 से ज़्यादा OGWs को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई है। उनसे पहलगाम हमले से पहले की घटनाओं के बारे में जानकारी हासिल करने की कोशिश की जा रही है। 1,500 से ज़्यादा लोगों से पूछताछ एक अधिकारी ने बताया कि लगभग 20-25 OGWs को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। ये OGWs पाकिस्तानी आतंकवादियों के संपर्क में रहते हैं, उन्हें शरण देते हैं और उनके "गाइड" के तौर पर काम करते हैं। हम OGW डेटाबेस को छान रहे हैं। हमने 1,500 से ज़्यादा लोगों से पूछताछ की है और अब 15 संभावित संदिग्धों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। इसके साथ ही, दक्षिण कश्मीर में सक्रिय अन्य OGWs से भी पूछताछ की जा रही है ताकि इलाके में देखे गए पाकिस्तानी आतंकवादियों की पहचान और उनके संभावित ठिकानों के बारे में जानकारी मिल सके।सूत्रों ने बताया कि सुरक्षाकर्मी बिसरन के आसपास के जंगलों में भागे हुए आतंकवादियों की तलाश कर रहे हैं। आसपास के कस्बों और जिलों में तलाशी लेने के बाद भी हमलावरों का कोई पता नहीं चला है। इसलिए शक है कि वे घने जंगलों में छिपे हो सकते हैं।
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