धार: मध्य प्रदेश में लगातार हार का सामना कर रही कांग्रेस अब चुनाव से तीन साल पहले ही तैयारियों में जुट गई है। इसके तहत धार जिले के मांडू में कांग्रेस विधायकों को दो दिन का प्रशिक्षण दिया जाएगा, जहां वे राजनीतिक और तकनीकी विशेषज्ञों से सीखेंगे कि सोशल मीडिया को कैसे ब्रह्मास्त्र बनाया जा सकता है।
प्रदेश प्रभारी की निगरानी में होगी ट्रेनिंग
20 जुलाई को विधायक मांडू पहुंचेंगे और 21 और 22 जुलाई को लगभग 12 सत्रों में प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे, जिसमें कांग्रेस की विचारधारा, इतिहास, संविधान, संगठन, जातिगत जनगणना, चुनाव प्रबंधन, मीडिया मैनेजमेंट, कम्युनिकेशन स्किल, राजनीतिक व्यक्तित्व निर्माण और सरकार की विफलताओं जैसे विषयों पर चर्चा होगी। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार और प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी की निगरानी में यह ट्रेनिंग होगी।
20 जुलाई से रजिस्ट्रेशन का प्रोसेस
विधायकों का प्रशिक्षण शिविर धार जिले के मांडू में आयोजित किया जाएगा। विधायक 20 जुलाई को मांडू पहुंचेंगे और रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी करेंगे। 21 और 22 जुलाई को लगभग 12 सत्रों में विधायकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। पहला सत्र ट्रेनिंग का उद्देश्य, महत्व, विषय परिचय विधि और प्रतिभागी विधायकों से अपेक्षाओं के बारे में होगा। एमपी कांग्रेस के प्रशिक्षण विभाग के अध्यक्ष महेन्द्र जोशी इस सत्र को संबोधित करेंगे।
अलग अलग सेशन में मिलेगी ट्रेनिंग
दूसरे सत्र में कांग्रेस की विचारधारा, पार्टी के इतिहास, स्वतंत्रता आंदोलन और आजादी के बाद कांग्रेस पार्टी की भूमिका के बारे में बताया जाएगा। पूर्व सांसद मीनाक्षी नटराजन इस सत्र को संबोधित करेंगी। तीसरे सत्र में भारतीय संविधान का महत्व और संविधान निर्माण में कांग्रेस की भूमिका पर चर्चा होगी।
संगठन की स्थिति
कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी संगठन के महत्व को बताएंगे। विधायकों को यह बताया जाएगा कि वर्तमान में संगठन की क्या स्थिति है और भविष्य के लिए संगठन का निर्माण और विस्तार किस तरह किया जाना है। संगठनात्मक कौशल और प्रक्रिया को भी विधायकों से साझा किया जाएगा। मौजूदा राजनीतिक चुनौतियों और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की भूमिका को भी चौधरी विधायकों के बीच रखेंगे।
जातिगत जनगणना के बारे में बताएंगे पटवारी
पीसीसी चीफ जीतू पटवारी राहुल गांधी के जातिगत जनगणना के अभियान और उसके महत्व के बारे में बताएंगे। इस सत्र में पटवारी बताएंगे कि सामाजिक न्याय की अवधारणा पर राहुल गांधी ने जातिगत जनगणना को लेकर जिस तरह का मूवमेंट चलाया उस पर केन्द्र सरकार ने जातिगत जनगणना कराने का निर्णय किया। जातिगत जनगणना के इस मूवमेंट पर पार्टी की मप्र में क्या रणनीति है और विधायकों को प्रदेश में जनता के बीच बताने पर चर्चा होगी।
प्रदेश प्रभारी की निगरानी में होगी ट्रेनिंग
20 जुलाई को विधायक मांडू पहुंचेंगे और 21 और 22 जुलाई को लगभग 12 सत्रों में प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे, जिसमें कांग्रेस की विचारधारा, इतिहास, संविधान, संगठन, जातिगत जनगणना, चुनाव प्रबंधन, मीडिया मैनेजमेंट, कम्युनिकेशन स्किल, राजनीतिक व्यक्तित्व निर्माण और सरकार की विफलताओं जैसे विषयों पर चर्चा होगी। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार और प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी की निगरानी में यह ट्रेनिंग होगी।
20 जुलाई से रजिस्ट्रेशन का प्रोसेस
विधायकों का प्रशिक्षण शिविर धार जिले के मांडू में आयोजित किया जाएगा। विधायक 20 जुलाई को मांडू पहुंचेंगे और रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी करेंगे। 21 और 22 जुलाई को लगभग 12 सत्रों में विधायकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। पहला सत्र ट्रेनिंग का उद्देश्य, महत्व, विषय परिचय विधि और प्रतिभागी विधायकों से अपेक्षाओं के बारे में होगा। एमपी कांग्रेस के प्रशिक्षण विभाग के अध्यक्ष महेन्द्र जोशी इस सत्र को संबोधित करेंगे।
अलग अलग सेशन में मिलेगी ट्रेनिंग
दूसरे सत्र में कांग्रेस की विचारधारा, पार्टी के इतिहास, स्वतंत्रता आंदोलन और आजादी के बाद कांग्रेस पार्टी की भूमिका के बारे में बताया जाएगा। पूर्व सांसद मीनाक्षी नटराजन इस सत्र को संबोधित करेंगी। तीसरे सत्र में भारतीय संविधान का महत्व और संविधान निर्माण में कांग्रेस की भूमिका पर चर्चा होगी।
संगठन की स्थिति
कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी संगठन के महत्व को बताएंगे। विधायकों को यह बताया जाएगा कि वर्तमान में संगठन की क्या स्थिति है और भविष्य के लिए संगठन का निर्माण और विस्तार किस तरह किया जाना है। संगठनात्मक कौशल और प्रक्रिया को भी विधायकों से साझा किया जाएगा। मौजूदा राजनीतिक चुनौतियों और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की भूमिका को भी चौधरी विधायकों के बीच रखेंगे।
जातिगत जनगणना के बारे में बताएंगे पटवारी
पीसीसी चीफ जीतू पटवारी राहुल गांधी के जातिगत जनगणना के अभियान और उसके महत्व के बारे में बताएंगे। इस सत्र में पटवारी बताएंगे कि सामाजिक न्याय की अवधारणा पर राहुल गांधी ने जातिगत जनगणना को लेकर जिस तरह का मूवमेंट चलाया उस पर केन्द्र सरकार ने जातिगत जनगणना कराने का निर्णय किया। जातिगत जनगणना के इस मूवमेंट पर पार्टी की मप्र में क्या रणनीति है और विधायकों को प्रदेश में जनता के बीच बताने पर चर्चा होगी।
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