नई दिल्ली: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच आगामी तीन मैचों की ODI सीरीज के लिए शुभमन गिल को टीम इंडिया का नया कप्तान नियुक्त किया गया है। यह फैसला रोहित शर्मा की मौजूदगी के बावजूद लिया गया है, जो स्पष्ट संकेत है कि BCCI 2027 वर्ल्ड कप को ध्यान में रखते हुए गिल को भविष्य के लिए तैयार कर रही है। ऐसे में इस सीरीज के दौरान गिल से न सिर्फ एक बल्लेबाज के तौर पर, बल्कि एक कप्तान के तौर पर भी बड़ी उम्मीदें होंगी।
ऑस्ट्रेलिया में वनडे रिकॉर्ड एक बड़ी चुनौती
शुभमन गिल ने अपनी कप्तानी में हाल ही में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज को 2-2 से ड्रॉ कराया था, जहां वह खुद सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज थे। चयनकर्ताओं को उम्मीद होगी कि वह ऑस्ट्रेलिया में भी उसी नेतृत्व क्षमता और बल्लेबाजी का प्रदर्शन करें। हालांकि, ऑस्ट्रेलियाई परिस्थितियों में गिल का ODI रिकॉर्ड एक बड़ी चुनौती पेश करता है। गिल ने ऑस्ट्रेलिया में सिर्फ एक वनडे मैच खेला है और वह भी दिसंबर 2020 में यानी लगभग पांच साल पहले।
अपने इकलौते ऑस्ट्रेलियाई ODI में गिल ने 39 गेंदों पर 33 रन बनाए थे। भले ही भारत ने वह मैच जीत लिया था, लेकिन जीत के हीरो हार्दिक पांड्या (92* रन) थे। अब गिल को ऑस्ट्रेलिया की तेज और उछाल भरी पिचों पर नई गेंद और परिस्थितियों से तालमेल बिठाने के साथ-साथ टीम का नेतृत्व भी करना होगा। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि गिल कप्तान और बल्लेबाज की भुमिका ऑस्ट्रेलिया जैसी वर्ल्ड चैंपियन टीम के खिलाफ उन्हीं के घर पर कैसे निभाते हैं।
गिल के पास अनुभव की कमी
ऑस्ट्रेलिया में ODI कप्तानी की शुरुआत करना गिल के लिए एक अग्निपरीक्षा होगी। उनके पास कप्तान के रूप में इस फॉर्मेट में ऑस्ट्रेलिया में खेलने का लगभग कोई अनुभव नहीं है। उन्हें ऑस्ट्रेलिया की अनुभवी टीम के खिलाफ खुद को साबित करना होगा। गिल को यह याद रखना होगा कि भले ही उनके पास ऑस्ट्रेलिया में ODI अनुभव कम हो उन्होंने इंग्लैंड में टेस्ट कप्तानी की कठिन चुनौती को सफलतापूर्वक पार किया था। अब देखना यह है कि क्या गिल अपने बल्ले से और कप्तानी से दोनों मोर्चों पर खुद को साबित कर पाते हैं और BCCI के भरोसे पर खरे उतरते हैं।
ऑस्ट्रेलिया में वनडे रिकॉर्ड एक बड़ी चुनौती
शुभमन गिल ने अपनी कप्तानी में हाल ही में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज को 2-2 से ड्रॉ कराया था, जहां वह खुद सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज थे। चयनकर्ताओं को उम्मीद होगी कि वह ऑस्ट्रेलिया में भी उसी नेतृत्व क्षमता और बल्लेबाजी का प्रदर्शन करें। हालांकि, ऑस्ट्रेलियाई परिस्थितियों में गिल का ODI रिकॉर्ड एक बड़ी चुनौती पेश करता है। गिल ने ऑस्ट्रेलिया में सिर्फ एक वनडे मैच खेला है और वह भी दिसंबर 2020 में यानी लगभग पांच साल पहले।
अपने इकलौते ऑस्ट्रेलियाई ODI में गिल ने 39 गेंदों पर 33 रन बनाए थे। भले ही भारत ने वह मैच जीत लिया था, लेकिन जीत के हीरो हार्दिक पांड्या (92* रन) थे। अब गिल को ऑस्ट्रेलिया की तेज और उछाल भरी पिचों पर नई गेंद और परिस्थितियों से तालमेल बिठाने के साथ-साथ टीम का नेतृत्व भी करना होगा। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि गिल कप्तान और बल्लेबाज की भुमिका ऑस्ट्रेलिया जैसी वर्ल्ड चैंपियन टीम के खिलाफ उन्हीं के घर पर कैसे निभाते हैं।
गिल के पास अनुभव की कमी
ऑस्ट्रेलिया में ODI कप्तानी की शुरुआत करना गिल के लिए एक अग्निपरीक्षा होगी। उनके पास कप्तान के रूप में इस फॉर्मेट में ऑस्ट्रेलिया में खेलने का लगभग कोई अनुभव नहीं है। उन्हें ऑस्ट्रेलिया की अनुभवी टीम के खिलाफ खुद को साबित करना होगा। गिल को यह याद रखना होगा कि भले ही उनके पास ऑस्ट्रेलिया में ODI अनुभव कम हो उन्होंने इंग्लैंड में टेस्ट कप्तानी की कठिन चुनौती को सफलतापूर्वक पार किया था। अब देखना यह है कि क्या गिल अपने बल्ले से और कप्तानी से दोनों मोर्चों पर खुद को साबित कर पाते हैं और BCCI के भरोसे पर खरे उतरते हैं।
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