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8th Pay Commission: 1 करोड़ से ज्यादा कर्मचारियों और पेंशनर्स के हाथ निराशा! फिटमेंट फैक्टर देखकर आ जाएगा रोना

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नई दिल्ली: केंद्र सरकार के 33 लाख से ज्यादा कर्मचारियों और 66 लाख से अधिक पेंशनर्स को 8वें वेतन आयोग का बेसब्री से इंतजार है। उन्हें उम्मीद है कि आयोग की सिफारिशें आने के बाद उनकी सैलरी और पेंशन में अच्छी बढ़ोतरी होगी। लेकिन एक रिपोर्ट की मानें तो उनकी उम्मीदों पर पानी फिर सकता है। Kotak Institutional Equities की रिपोर्ट में कहा गया है कि आठवें वेतन आयोग में 'फिटमेंट फैक्टर' 1.8 जितना कम हो सकता है। इसका मतलब है कि कर्मचारियों की सैलरी में सिर्फ 13% तक की बढ़ोतरी हो सकती है।



इससे पहले आई Ambit Capital की एक रिपोर्ट के अनुसार सातवां वेतन आयोग दिसंबर 2025 में खत्म हो जाएगा। इसे साल 2016 में लागू किया गया था। तब कर्मचारियों की सैलरी में 14.3% की बढ़ोतरी हुई थी। इसमें भत्ते शामिल नहीं थे। फिर भी यह बढ़ोतरी आठवें वेतन आयोग से ज्यादा थी। सरकारी कर्मचारी की सैलरी या पेंशन में कितनी बढ़ोतरी होगी, यह पूरी तरह से 'फिटमेंट फैक्टर' पर निर्भर करता है। इसे कमीशन तय करता है। आखिर फिटमेंट फैक्टर क्या होता है? यह सैलरी और पेंशन की बढ़ोतरी को कैसे प्रभावित करता है?



क्या कहती है रिपोर्ट?

Kotak Institutional Equities की रिपोर्ट का नाम है '8th Pay Commission: One-time boost… some time away'। इस रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि इस बार फिटमेंट फैक्टर लगभग 1.8 होगा। फिटमेंट फैक्टर से कर्मचारी की मौजूदा बेसिक सैलरी के आधार पर नई बेसिक सैलरी की गणना की जाती है। सातवें वेतन आयोग ने फिटमेंट फैक्टर 2.57 तय किया था। इससे सरकारी कर्मचारियों की न्यूनतम बेसिक सैलरी 7,000 रुपये से बढ़कर 18,000 रुपये हो गई थी। फिटमेंट फैक्टर 2.57 का मतलब यह नहीं है कि कुल सैलरी में 2.57 गुना की बढ़ोतरी होगी। यह सिर्फ बेसिक सैलरी पर लागू होता है।



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अगर यह फिटमेंट फैक्टर कम रखा जाता है, तो सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों को निराशा हो सकती है. Taraksh Lawyers & Consultants के फाउंडर और मैनेजिंग पार्टनर कुणाल शर्मा का कहना है कि इससे कानूनी समस्या भी हो सकती है। उन्होंने कहा कि कर्मचारी संघों, खासकर नेशनल काउंसिल-JCM के कर्मचारियों ने इस प्रस्ताव का विरोध किया है। बढ़ती महंगाई और जीवन यापन की लागत को देखते हुए यह अनुचित और मनोबल गिराने वाला होगा।



सैलरी में क्या-क्या शामिल होता है?

एक सरकारी कर्मचारी की सैलरी में 4 चीजें शामिल होती हैं। सबसे पहले बेसिक सैलरी होती है जिस पर फिटमेंट फैक्टर लागू होता है। महंगाई भत्ता साल में दो बार बदला जाता है। जनवरी 2025 की घोषणा के बाद DA बेसिक सैलरी का 55% है। अगर किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी 20,000 रुपये प्रति महीना है, तो उसका DA 11,000 रुपये होगा। बेसिक सैलरी का कुछ परसेंटेज HRA के रूप में मिलता है। इसके अलावा, ट्रांसपोर्ट अलाउंस भी मिलता है, जो आपकी सैलरी और शहर के हिसाब से तय होता है।



Ambit Capital की रिपोर्ट के अनुसार जैसे ही कोई पे कमीशन खत्म होता है तो महंगाई भत्ता जीरो हो जाता है। इसकी वजह यह है कि इंडेक्स को फिर से बेस किया जाता है। यानी आठवें पे कमीशन में डीए को बेसिक सैलरी में मिला दिया जाएगा और इसे जीरो पर रीसेट कर दिया जाएगा। हालांकि हर कोई इस अनुमान से सहमत नहीं है। TAS Law के पार्टनर उत्सव त्रिवेदी ने कहा कि आठवें पे कमीशन से सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में अच्छी बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि फिटमेंट फैक्टर 2.6 से 2.86 तक हो सकता है। यह बदलाव जनवरी 2026 तक लागू हो सकता है। इससे सैलरी और पेंशन में 40-50% की बढ़ोतरी हो सकती है।





कब लागू हो सकता है?

इस साल जनवरी में आठवें वेतन आयोग की घोषणा की गई थी। हालांकि इसके अध्यक्ष की नियुक्ति और शर्तों को तय करने में कोई प्रगति नहीं हुई है। इस गठन के बाद आयोग अपनी रिपोर्ट और सिफारिशें सरकार को सौंपेगा। सरकार सिफारिशों को लागू करने के लिए कैबिनेट की मंजूरी लेगी। देरी के बावजूद इसकी सिफारिशें जनवरी 2026 से प्रभावी होंगी। सिफारिशों को लागू करने में जितनी देरी होगी, सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों को उतना ही ज्यादा एरियर मिलेगा।

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