नई दिल्ली: दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण और मौसमी बीमारियों पर आम आदमी पार्टी ने एमसीडी और दिल्ली सरकार को कटघरे में खड़ा किया है। दिल्ली नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष अंकुश नारंग ने आरोप लगाया कि सरकार और एमसीडी न सिर्फ गंभीर बीमारियों पर नियंत्रण पाने में नाकाम रही है, बल्कि आंकड़े छिपाने का भी प्रयास कर रही है। उन्होंने दावा किया कि डेंगू से दो लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मामलों में बड़ी बढ़ोतरी दर्ज हुई है।
'चार इंजन' दिल्ली में पूरी तरह फेल
अंकुश नारंग ने कहा कि 'चार इंजन' दिल्ली में पूरी तरह फेल साबित हुए हैं। उनका कहना है कि 6 अक्टूबर के बाद एमसीडी ने करीब तीन हफ्ते तक डेंगू की रिपोर्ट जारी नहीं की, और फिर 3 नवंबर को आई रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि डेंगू के 300, मलेरिया के 200 और चिकनगुनिया के 60 नए मामले सामने आए हैं। इस दौरान डेंगू से दो लोगों की मौत भी हुई।
पांच सालों में सबसे ज्यादा दर्ज केस
उन्होंने आरोप लगाया कि यह पांच सालों में सबसे ज्यादा दर्ज हुआ डेटा है, लेकिन सरकार जनता को वास्तविक स्थिति से अनजान रखना चाहती है। 'आप' नेता ने कहा कि एमटीएस कर्मचारियों की 33 दिन लंबी हड़ताल के बावजूद मेयर सरकार ने समय पर समाधान नहीं निकाला। इस वजह से फॉगिंग और लार्वा जांच के काम ठप पड़ गए। लोगों के घरों, गलियों और पार्कों में पानी जमा होता रहा और मच्छरों का प्रकोप बढ़ता गया। उन्होंने कहा, "अगर सरकार ने समय रहते हड़ताल खत्म कराई होती तो हालात इतने खराब न होते।
MCD ने एक भी जागरूकता अभियान शुरू नहीं किया
अंकुश नारंग ने पूर्व केजरीवाल सरकार के अभियान का जिक्र करते हुए कहा कि '10 हफ्ते, 10 मिनट, 10 रविवार' जैसे प्रयासों से दिल्ली में डेंगू नियंत्रण में था, लेकिन सरकार और एमसीडी ने एक भी जागरूकता अभियान शुरू नहीं किया। न आरडब्ल्यूए को शामिल किया गया, न स्कूलों, बाजारों या मोहल्लों में कोई सूचना दी गई।
उन्होंने कहा कि बिना जागरूकता के जनता कैसे अपने घरों के आसपास जमा पानी हटाएगी या लार्वा पनपने से रोकेगी? उन्होंने मेयर राजा इकबाल सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि मेयर के अहंकार की वजह से हालात गंभीर हुए। दो मौतें हो चुकी हैं और ये सिर्फ शुरुआत हो सकती है। सरकार आंकड़े छुपा रही है।
उन्होंने कहा कि प्रदूषण की तरह अब डेंगू और मलेरिया के मामले भी नियंत्रण से बाहर हैं। उन्होंने मांग की कि मेयर राजा इकबाल सिंह नैतिक आधार पर तत्काल इस्तीफा दें। साथ ही उम्मीद जताई कि अब सरकार कम से कम जागरूकता अभियान शुरू करे, ताकि दिल्ली की जनता और एमसीडी मिलकर इस संकट से बाहर निकल सकें।
'चार इंजन' दिल्ली में पूरी तरह फेल
अंकुश नारंग ने कहा कि 'चार इंजन' दिल्ली में पूरी तरह फेल साबित हुए हैं। उनका कहना है कि 6 अक्टूबर के बाद एमसीडी ने करीब तीन हफ्ते तक डेंगू की रिपोर्ट जारी नहीं की, और फिर 3 नवंबर को आई रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि डेंगू के 300, मलेरिया के 200 और चिकनगुनिया के 60 नए मामले सामने आए हैं। इस दौरान डेंगू से दो लोगों की मौत भी हुई।
पांच सालों में सबसे ज्यादा दर्ज केस
उन्होंने आरोप लगाया कि यह पांच सालों में सबसे ज्यादा दर्ज हुआ डेटा है, लेकिन सरकार जनता को वास्तविक स्थिति से अनजान रखना चाहती है। 'आप' नेता ने कहा कि एमटीएस कर्मचारियों की 33 दिन लंबी हड़ताल के बावजूद मेयर सरकार ने समय पर समाधान नहीं निकाला। इस वजह से फॉगिंग और लार्वा जांच के काम ठप पड़ गए। लोगों के घरों, गलियों और पार्कों में पानी जमा होता रहा और मच्छरों का प्रकोप बढ़ता गया। उन्होंने कहा, "अगर सरकार ने समय रहते हड़ताल खत्म कराई होती तो हालात इतने खराब न होते।
MCD ने एक भी जागरूकता अभियान शुरू नहीं किया
अंकुश नारंग ने पूर्व केजरीवाल सरकार के अभियान का जिक्र करते हुए कहा कि '10 हफ्ते, 10 मिनट, 10 रविवार' जैसे प्रयासों से दिल्ली में डेंगू नियंत्रण में था, लेकिन सरकार और एमसीडी ने एक भी जागरूकता अभियान शुरू नहीं किया। न आरडब्ल्यूए को शामिल किया गया, न स्कूलों, बाजारों या मोहल्लों में कोई सूचना दी गई।
उन्होंने कहा कि बिना जागरूकता के जनता कैसे अपने घरों के आसपास जमा पानी हटाएगी या लार्वा पनपने से रोकेगी? उन्होंने मेयर राजा इकबाल सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि मेयर के अहंकार की वजह से हालात गंभीर हुए। दो मौतें हो चुकी हैं और ये सिर्फ शुरुआत हो सकती है। सरकार आंकड़े छुपा रही है।
उन्होंने कहा कि प्रदूषण की तरह अब डेंगू और मलेरिया के मामले भी नियंत्रण से बाहर हैं। उन्होंने मांग की कि मेयर राजा इकबाल सिंह नैतिक आधार पर तत्काल इस्तीफा दें। साथ ही उम्मीद जताई कि अब सरकार कम से कम जागरूकता अभियान शुरू करे, ताकि दिल्ली की जनता और एमसीडी मिलकर इस संकट से बाहर निकल सकें।
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