प्रयागराज: महामंडलेश्वर टीना मां ने एक नए 'सनातनी किन्नर अखाड़ा' की घोषणा की है। किन्नर अखाड़े में अब फूट पड़ गई है। यह घटनाक्रम प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान चर्चा में रहे किन्नर अखाड़े में आंतरिक विवादों के बाद सामने आया है। टीना मां का कहना है कि मूल अखाड़ा अपने उद्देश्यों से भटक गया था, जिसके कारण उन्होंने यह कदम उठाया है।   
   
दरअसल, महामंडलेश्वर टीना मां का असली नाम कौशल्यानंद गिरि है। किन्नर अखाड़े की एक प्रमुख सदस्य हैं। वह यूपी किन्नर कल्याण बोर्ड की सदस्य भी हैं और उन्होंने कई किन्नरों को उनके पहचान के लिए नाम दिए हैं। अब प्रयागराज में किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर टीना मां ने सोमवार को एक नया अखाड़ा स्थापित करने की घोषणा की है, जिसका नाम 'सनातनी किन्नर अखाड़ा' रखा गया है।
     
प्रयागराज में टीना मां को ‘आचार्य महामंडलेश्वर’ के पद पर पट्टाभिषेक किया जाएगा। इस खास मौके पर वे ‘सनातनी किन्नर अखाड़ा’ की आध्यात्मिक प्रमुख बनेंगी। इस समारोह में कई जानी-मानी हस्तियां शामिल होंगी। मुंबई की सोशल वर्कर और अभिनेत्री गौरी सांमत, दिल्ली की तंत्र साधिका भवानी मां और डाली मां विशेष रूप से उपस्थित रहेंगी। अयोध्या, कानपुर, प्रतापगढ़, कौशांबी, मिर्जापुर और वाराणसी जैसे शहरों से किन्नर समुदाय के सदस्य बड़ी संख्या में पहुंचेंगे। देशभर से कई किन्नर गुरु भी टीना मां को आशीर्वाद देने के लिए आएंगे। यह उनके समुदाय के लिए भी एक महत्वपूर्ण आयोजन होगा।
     
टीना मां ने बताया कि किन्नर अखाड़ा अपने मूल रास्ते से भटक गया था। इसी विचारधारात्मक मतभेद के कारण उन्होंने अखाड़े से अलग होने का फैसला किया। उन्होंने कहा "मैं किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर रही। लेकिन किन्नर अखाड़ा कुछ समय से उस रास्ते से भटक गया, जिसके लिए यह अखाड़ा बनाया गया था। यही कारण रहा कि हमारी विचारधारा उस अखाड़े से नहीं मिल रही थी। उन्होंने आगे कहा कि अब उन्होंने 'सनातनी किन्नर अखाड़ा' नामक एक नया संगठन बनाया है। इस नए अखाड़े की स्थापना की प्रक्रिया सोमवार को पूरी हो गई है। टीना मां नेहा कि वे सनातन धर्म को और मजबूत करेंगे।
   
जानकारी के मुताबिक, यह आंतरिक विवाद महाकुंभ के दौरान ही शुरू हो गया था। प्रयागराज के सेक्टर 16 में स्थित किन्नर अखाड़ा महाकुंभ के समय काफी सुर्खियों में था। इस अखाड़े का संचालन आचार्य महामंडलेश्वर डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी की अगुवाई में हो रहा था। महाकुंभ के दौरान ही टीना मां और आचार्य महामंडलेश्वर के बीच मतभेद उभरने लगे थे, जिससे दूरी बढ़ने लगी थी।
   
टीना मां को 2019 के कुंभ मेले में पीठाधीश्वर बनाया गया था। इसके बाद 2021 में वे किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर बनीं। प्रदेश सरकार ने उन्हें किन्नर कल्याण बोर्ड का सदस्य भी नियुक्त किया था। वर्तमान में, टीना मां 40 किन्नर बच्चों की अभिभावक हैं। उनके आधार कार्ड पर टीना मां का नाम दर्ज है, और वे उनकी मां और पिता दोनों की भूमिका निभाती हैं।
  
दरअसल, महामंडलेश्वर टीना मां का असली नाम कौशल्यानंद गिरि है। किन्नर अखाड़े की एक प्रमुख सदस्य हैं। वह यूपी किन्नर कल्याण बोर्ड की सदस्य भी हैं और उन्होंने कई किन्नरों को उनके पहचान के लिए नाम दिए हैं। अब प्रयागराज में किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर टीना मां ने सोमवार को एक नया अखाड़ा स्थापित करने की घोषणा की है, जिसका नाम 'सनातनी किन्नर अखाड़ा' रखा गया है।
प्रयागराज में टीना मां को ‘आचार्य महामंडलेश्वर’ के पद पर पट्टाभिषेक किया जाएगा। इस खास मौके पर वे ‘सनातनी किन्नर अखाड़ा’ की आध्यात्मिक प्रमुख बनेंगी। इस समारोह में कई जानी-मानी हस्तियां शामिल होंगी। मुंबई की सोशल वर्कर और अभिनेत्री गौरी सांमत, दिल्ली की तंत्र साधिका भवानी मां और डाली मां विशेष रूप से उपस्थित रहेंगी। अयोध्या, कानपुर, प्रतापगढ़, कौशांबी, मिर्जापुर और वाराणसी जैसे शहरों से किन्नर समुदाय के सदस्य बड़ी संख्या में पहुंचेंगे। देशभर से कई किन्नर गुरु भी टीना मां को आशीर्वाद देने के लिए आएंगे। यह उनके समुदाय के लिए भी एक महत्वपूर्ण आयोजन होगा।
टीना मां ने बताया कि किन्नर अखाड़ा अपने मूल रास्ते से भटक गया था। इसी विचारधारात्मक मतभेद के कारण उन्होंने अखाड़े से अलग होने का फैसला किया। उन्होंने कहा "मैं किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर रही। लेकिन किन्नर अखाड़ा कुछ समय से उस रास्ते से भटक गया, जिसके लिए यह अखाड़ा बनाया गया था। यही कारण रहा कि हमारी विचारधारा उस अखाड़े से नहीं मिल रही थी। उन्होंने आगे कहा कि अब उन्होंने 'सनातनी किन्नर अखाड़ा' नामक एक नया संगठन बनाया है। इस नए अखाड़े की स्थापना की प्रक्रिया सोमवार को पूरी हो गई है। टीना मां नेहा कि वे सनातन धर्म को और मजबूत करेंगे।
जानकारी के मुताबिक, यह आंतरिक विवाद महाकुंभ के दौरान ही शुरू हो गया था। प्रयागराज के सेक्टर 16 में स्थित किन्नर अखाड़ा महाकुंभ के समय काफी सुर्खियों में था। इस अखाड़े का संचालन आचार्य महामंडलेश्वर डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी की अगुवाई में हो रहा था। महाकुंभ के दौरान ही टीना मां और आचार्य महामंडलेश्वर के बीच मतभेद उभरने लगे थे, जिससे दूरी बढ़ने लगी थी।
टीना मां को 2019 के कुंभ मेले में पीठाधीश्वर बनाया गया था। इसके बाद 2021 में वे किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर बनीं। प्रदेश सरकार ने उन्हें किन्नर कल्याण बोर्ड का सदस्य भी नियुक्त किया था। वर्तमान में, टीना मां 40 किन्नर बच्चों की अभिभावक हैं। उनके आधार कार्ड पर टीना मां का नाम दर्ज है, और वे उनकी मां और पिता दोनों की भूमिका निभाती हैं।
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