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पाकिस्तान के मिसाइल कार्यक्रम पर FATF ने जारी की चेतावनी, भारत कर सकता है प्रतिबंध लगाने की मांग, फंसे शहबाज?

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पेरिस/इस्लामाबाद: फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स यानि FATF ने पाकिस्तान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम पर गंभीर चेतावनी जारी की है। FATF के लेटेस्ट रिपोर्ट में कहा गया है कि बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम को लेकर पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन कर रहा है। इसमें 2020 में भारतीय सीमा शुल्क अधिकारियों की तरफ से जब्त किए गए पाकिस्तानी शिपमेंट का हवाला दिया गया है। भारतीय कस्टम अधिकारियों साल 2020 में पाकिस्तान के डबल यूज कंपोनेंट्स 'ऑटोक्लेव' जब्त किए थे। ये मिसाइल मोटर कोटिंग समेत बैलिस्टिक मिसाइल के अलग अलग पार्ट्स को बनाने में काम आने वाले थे। इन उपकरणों का संबंध पाकिस्तान के नेशनल डेवलपमेंट कॉम्प्लेक्स यानि NDC से था।



भारत ने इस मामले को लेकर अपनी रिपोर्ट FATF को सौंपी थी और तमाम जरूरी सबूत दिए थे। अब FATF की रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान ने डबल यूज उपकरणों को लेकर जो निर्यात दस्तावेज पेश किए हैं, वो गलत तरीके से घोषित किए गये हैं और इंटरनेशनल स्टैंडर्ड के खिलाफ हैं। 'ऑटोक्लेव' असल में इतने संवेदनशील होते हैं कि इन्हें सिर्फ वैज्ञानिक अभिकर्मक (रासायनिक प्रक्रिया का टेस्ट करने वाला मैटेरियल) या रॉकेट प्रोपेलेंट के साथ इस्तेमाल में लाया जाता है। पाकिस्तान ने इसको लेकर जो जानकारियां FATF को सौंपी थी, वो गलत थी। FATF के अधिकारियों का मानना है कि पाकिस्तान इसको लेकर गलत जानकारी दे रहा है, असल में वो इसका इस्तेमाल बैलिस्टिक मिसाइलों के निर्माण में करने वाला है।



पाकिस्तान को FATF में घेरने की कोशिश करेगा भारत

FATF ने अपनी रिपोर्ट में 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की थी, जिसमें पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों ने 26 पर्यटकों की हत्या कर दी थी। एफएटीएफ की रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि ऐसी हिंसा बिना आतंकी संगठनों को फंड जारी किए बगैर नहीं हो सकते हैं। आपको बता दें कि हमले के पीछे पाकिस्तान स्थिति आतंकवादी संगठन द रेसिस्टेंस फोर्स था, जिसने हमले के ठीक बाद आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली थी। लेकिन बाद में पाकिस्तान के प्रेशर के बाद वो मुकर गया था। ये संगठन लश्कर-ए-तैयबा का एक प्रॉक्सी संगठन है, जिसे पाकिस्तान के इशारे पर बनाया गया है। न्यूज-18 की रिपोर्ट के मुताबिक भारत इस रिपोर्ट को अब पाकिस्तान के खिलाफ इस्तेमाल करने की योजना पर काम कर रहा है।



भारत के शीर्ष अधिकारियों ने FATF की वैश्विक नेटवर्क में शामिल करीब सभी 200 देशों को सारे दस्तावेज और इन सबूतों से अवगत कराया है, ताकि पाकिस्तान को फिर से ग्रे-लिस्ट में डलवाया जा सके । पाकिस्तान को अंतिम बार 2018 में FATF की ग्रे-लिस्ट में रखा गया था और 2022 में उसे बाहर निकाला गया था। लेकिन इस साल पहलगाम आतंकी हमले के बाद फिर से पाकिस्तान को ग्रे-लिस्ट में डालने की मांग तेजी से की जा रही है। पाकिस्तान को अगर फिर से ग्रे-लिस्ट में डाला जाता है तो उसे IMF लोन मिलने से लेकर वर्ल्ड बैंक से ऋण मिलने में मुश्किल हो जाएगी। इसके अलावा विदेशी निवेशकों के लिए भी पाकिस्तान में निवेश करना और मुश्किल हो जाएगा। FATF की फिर से इसी साल अक्टूबर में बैठक होने वाली है, जिसमें पाकिस्तान को लेकर फिर से फैसला लिया जा सकता है।

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