वॉशिंगटन: अमेरिका ने रविवार सुबह ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर हवाई हमले किए। अमेरिका ने ईरान के परमाणु ठिकानों को निशाना बनाने वाले इस ऑपरेशन को मिडनाइट हैमर नाम दिया है। नाम के मुताबिक ही अमेरिका ने ईरान में रात के समय भीषण हमले किए। अमेरिका और इजरायल ने दावा किया है कि हमलों से ईरान के परमाणु कार्यक्रम को भारी नुकसान हुआ है। अमेरिका के इस ऑपरेशन की कुछ नई डिटेल सामने आई हैं, जिसमें अमेरिकी एयरफोर्स ने ईरानी जमीन पर ताबड़तोड़ हमले किए। अमेरिका ने इस ऑपरेशन के लिए 130 से ज्यादा जेट, आधुनिक मिसाइलें और जमीन के नीचे तक जाने वाले 14, 000 किलो के बंकर बस्टर बमों का इस्तेमाल किया।
अमेरिका ने कम समय में ईरान में ज्यादा नुकसान करने की रणनीति पर काम किया, इसलिए अपने ऑपरेशन को मिडनाइट हैमर यानी रात में हथौड़ा चलाने का नाम दिया। अमेरिका के चीफ ऑफ स्टाफ जनरल डैन केन ने बताया है कि अमेरिका ने ऑपरेशन मिडनाइट के तहत ईरान के परमाणु स्थलों पर हमला करने के लिए 7 B-2 स्टील्थ बमवर्षकों का इस्तेमाल किया। इन 7 बमवर्षकों के साथ 125 से ज्यादा लड़ाकू विमान भी ईरान पर हमले में शामिल थे। 7 B-2 स्टील्थ बॉम्बर्स का इस्तेमाल बंकर बस्टर बमों को ईरान की भूमिगत सुविधाओं पर दागने के लिए किया गया।
30,000 पाउंड के बम गिराए गएजनरल केन ने बताया कि अमेरिकी बमवर्षकों ने दो ईरानी परमाणु सुविधाओं फोर्डो और नतांज पर एक दर्जन से अधिक 30,000 पाउंड के मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर (एमओपी) बंकर बस्टर बम गिराए। ताकि अंडरग्राउंड सुविधाओं को तबाह किया जा सके। वहीं इस्फहान के परमाणु ठिकाने पर टॉमहॉक मिसाइलें दागी गईं। उन्होंने यह भी कहा कि ऑपरेशन मिडनाइट हैमर में ईरानी सैनिकों या ईरानी लोगों को निशाना नहीं बनाया गया।
केन ने आगे कहा, 'ईरान के लड़ाकू विमानों की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई, वो उड़े ही नहीं। ऐसा लगता है कि ईरान के सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणालियों ने पूरे मिशन के दौरान हमें नहीं देखा। हमने उनको सरप्राइज करना बरकरार रखा है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आदेश पर हुए इस ऑपरेशन में ईरान के परमाणु कार्यक्रम को तबाह कर दिया गया है।
धोखा देने की रणनीति अपनाईईरान पर हमले से पहले अमेरिका ने मिसौरी में व्हिटमैन एयर फोर्स बेस से प्रशांत क्षेत्र में अमेरिकी बेस गुआम पर रणनीतिक हवाई अड्डे पर बी-2 स्पिरिट स्टील्थ बमवर्षक तैनात किए थे। जनरल केन ने बताया कि अमेरिकी एयरफोर्स ने अपने इस ऑपरेशन में प्रशांत क्षेत्र में बमवर्षकों को तैनात करके एक धोखा देने वाली रणनीति का इस्तेमाल किया।
ईरान के मीडिया ने बताया कि बुशहर प्रांत में रविवार को भारी विस्फोट भी हुआ है, जो ईरान के एकमात्र परमाणु ऊर्जा संयंत्र का घर है। यह अमेरिका की परमाणु स्थलों पर बमबारी करने के कुछ घंटों बाद हुआ। ईरानी समाचार एजेंसियों ने यज्द प्रांत में हमलों की भी सूचना दी है। ईरान ने ये माना है कि उससे परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी हमलों से नुकसान हुआ है।
क्या है B-2 बमवर्षक?
अमेरिका के बी-2 बमवर्षक जेट की ईरान पर हमले के बाद चर्चा है। लंबे समय बाद इस जेट का इस्तेमाल हुआ है। यह जेट एक साथ दो जीबीयू-57 मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर (MOP) बम ले जा सकता है। इसे ईरान की फोर्डो सुविधा जैसे जमीन में गहराई में दबे लक्ष्यों को निशाना बनाने के लिए डिजाइन किया गया है। जमीन के अंदर गहराई में जाकर लक्ष्य को भेदने की वजह से इसे बंकर बस्टर बम कहा जाता है।
बी-2 बमवर्षक को इस तरह से डिजाइन किया गया है, जिससे पारंपरिक रेडार पर इसे पकड़ पाना मुश्किल हो जाता है। इसकी फ्लाइंग विंग डिजाइन, रेडार-अब्जार्वेंट मैटेरियल और कम इन्फ्रारेड सिग्नेचर के कारण इसका रेडार क्रॉस सेक्शन लगभग 0.001 वर्ग मीट है, जो एक छोटे पक्षी के बराबर है। इसकी यह क्षमता दुश्मन के क्षेत्र में इसे सुरक्षा प्रदान करती है।
जीबीयू-57 बंकर बस्टर बम अमेरिका ने ईरान में बंकर बस्टर बमों और टॉमहॉक मिसाइल के इस्तेमाल की बात कही है। बंकर बस्टर बम यानी GBU-57A/B मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर को बोइंग ने डिजाइन किया है। इसे अमेरिकी वायुसेना के पास सबसे शक्तिशाली गैर-परमाणु बम कहा जाता है। इस बम को बंकरों को नष्ट करने के लिए डिजाइन किया गया है।
छह मीटर लंबा जीबीयू-57 बंकर बस्टर बम विस्फोट करने से पहले सतह से लगभग 61 मीटर मोटी कंक्रीट की परत को भेदने में सक्षम होता है। GBU-57A/B मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर का वजन लगभग 14,000 किलोग्राम है। यह करीब 20.5 फीट लंबा है और इसका व्यास 31.5 इंच है। इसका वारहेड, AFX-757 और PBXN-114 विस्फोटकों का मिश्रण है, जिसका वजन लगभग 2,500 किलोग्राम है।
अमेरिका की टॉमहॉक मिसाइलअमेरिका ने ईरान के परमाणु ठिकाने पर टॉमहॉक मिसाइले भी दागी हैं। टॉमहॉक एक लंबी दूरी की सभी मौसम में मार करने वाली सबसोनिक क्रूज मिसाइल है। टॉमहॉक क्रूज मिसाइल दूर से किसी लक्ष्य पर हमला करने के लिए सबसे सटीक हथियार माना जाता है। इस मिसाइल की रेंज 1250 किलोमीटर से 2500 किलोमीटर के बीच है। टॉमहॉक मिसाइल को पनडुब्बी या युद्धपोत से लॉन्च किया जा सकता है।
टॉमहॉक मिसाइल को इसलिए खतरनाक माना जाता है क्योंकि यह टारगेट तक सीधी रेखा में नहीं जाती। ऐसे में इसे बीच में मारकर नहीं गिराया जा सकता है। टॉमहॉक मिसाइल को अडवांस नैविगेशन सिस्टम के जरिए गाइड किया जाता है। इस मिसाइल की स्पीड 885.139 किलोमीटर प्रति घंटे से 1416.22 किलोमीटर प्रति घंटे तक होती है।
अमेरिका ने कम समय में ईरान में ज्यादा नुकसान करने की रणनीति पर काम किया, इसलिए अपने ऑपरेशन को मिडनाइट हैमर यानी रात में हथौड़ा चलाने का नाम दिया। अमेरिका के चीफ ऑफ स्टाफ जनरल डैन केन ने बताया है कि अमेरिका ने ऑपरेशन मिडनाइट के तहत ईरान के परमाणु स्थलों पर हमला करने के लिए 7 B-2 स्टील्थ बमवर्षकों का इस्तेमाल किया। इन 7 बमवर्षकों के साथ 125 से ज्यादा लड़ाकू विमान भी ईरान पर हमले में शामिल थे। 7 B-2 स्टील्थ बॉम्बर्स का इस्तेमाल बंकर बस्टर बमों को ईरान की भूमिगत सुविधाओं पर दागने के लिए किया गया।
30,000 पाउंड के बम गिराए गएजनरल केन ने बताया कि अमेरिकी बमवर्षकों ने दो ईरानी परमाणु सुविधाओं फोर्डो और नतांज पर एक दर्जन से अधिक 30,000 पाउंड के मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर (एमओपी) बंकर बस्टर बम गिराए। ताकि अंडरग्राउंड सुविधाओं को तबाह किया जा सके। वहीं इस्फहान के परमाणु ठिकाने पर टॉमहॉक मिसाइलें दागी गईं। उन्होंने यह भी कहा कि ऑपरेशन मिडनाइट हैमर में ईरानी सैनिकों या ईरानी लोगों को निशाना नहीं बनाया गया।
केन ने आगे कहा, 'ईरान के लड़ाकू विमानों की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई, वो उड़े ही नहीं। ऐसा लगता है कि ईरान के सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणालियों ने पूरे मिशन के दौरान हमें नहीं देखा। हमने उनको सरप्राइज करना बरकरार रखा है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आदेश पर हुए इस ऑपरेशन में ईरान के परमाणु कार्यक्रम को तबाह कर दिया गया है।
धोखा देने की रणनीति अपनाईईरान पर हमले से पहले अमेरिका ने मिसौरी में व्हिटमैन एयर फोर्स बेस से प्रशांत क्षेत्र में अमेरिकी बेस गुआम पर रणनीतिक हवाई अड्डे पर बी-2 स्पिरिट स्टील्थ बमवर्षक तैनात किए थे। जनरल केन ने बताया कि अमेरिकी एयरफोर्स ने अपने इस ऑपरेशन में प्रशांत क्षेत्र में बमवर्षकों को तैनात करके एक धोखा देने वाली रणनीति का इस्तेमाल किया।
ईरान के मीडिया ने बताया कि बुशहर प्रांत में रविवार को भारी विस्फोट भी हुआ है, जो ईरान के एकमात्र परमाणु ऊर्जा संयंत्र का घर है। यह अमेरिका की परमाणु स्थलों पर बमबारी करने के कुछ घंटों बाद हुआ। ईरानी समाचार एजेंसियों ने यज्द प्रांत में हमलों की भी सूचना दी है। ईरान ने ये माना है कि उससे परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी हमलों से नुकसान हुआ है।
क्या है B-2 बमवर्षक?
अमेरिका के बी-2 बमवर्षक जेट की ईरान पर हमले के बाद चर्चा है। लंबे समय बाद इस जेट का इस्तेमाल हुआ है। यह जेट एक साथ दो जीबीयू-57 मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर (MOP) बम ले जा सकता है। इसे ईरान की फोर्डो सुविधा जैसे जमीन में गहराई में दबे लक्ष्यों को निशाना बनाने के लिए डिजाइन किया गया है। जमीन के अंदर गहराई में जाकर लक्ष्य को भेदने की वजह से इसे बंकर बस्टर बम कहा जाता है।
बी-2 बमवर्षक को इस तरह से डिजाइन किया गया है, जिससे पारंपरिक रेडार पर इसे पकड़ पाना मुश्किल हो जाता है। इसकी फ्लाइंग विंग डिजाइन, रेडार-अब्जार्वेंट मैटेरियल और कम इन्फ्रारेड सिग्नेचर के कारण इसका रेडार क्रॉस सेक्शन लगभग 0.001 वर्ग मीट है, जो एक छोटे पक्षी के बराबर है। इसकी यह क्षमता दुश्मन के क्षेत्र में इसे सुरक्षा प्रदान करती है।
जीबीयू-57 बंकर बस्टर बम अमेरिका ने ईरान में बंकर बस्टर बमों और टॉमहॉक मिसाइल के इस्तेमाल की बात कही है। बंकर बस्टर बम यानी GBU-57A/B मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर को बोइंग ने डिजाइन किया है। इसे अमेरिकी वायुसेना के पास सबसे शक्तिशाली गैर-परमाणु बम कहा जाता है। इस बम को बंकरों को नष्ट करने के लिए डिजाइन किया गया है।
छह मीटर लंबा जीबीयू-57 बंकर बस्टर बम विस्फोट करने से पहले सतह से लगभग 61 मीटर मोटी कंक्रीट की परत को भेदने में सक्षम होता है। GBU-57A/B मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर का वजन लगभग 14,000 किलोग्राम है। यह करीब 20.5 फीट लंबा है और इसका व्यास 31.5 इंच है। इसका वारहेड, AFX-757 और PBXN-114 विस्फोटकों का मिश्रण है, जिसका वजन लगभग 2,500 किलोग्राम है।
अमेरिका की टॉमहॉक मिसाइलअमेरिका ने ईरान के परमाणु ठिकाने पर टॉमहॉक मिसाइले भी दागी हैं। टॉमहॉक एक लंबी दूरी की सभी मौसम में मार करने वाली सबसोनिक क्रूज मिसाइल है। टॉमहॉक क्रूज मिसाइल दूर से किसी लक्ष्य पर हमला करने के लिए सबसे सटीक हथियार माना जाता है। इस मिसाइल की रेंज 1250 किलोमीटर से 2500 किलोमीटर के बीच है। टॉमहॉक मिसाइल को पनडुब्बी या युद्धपोत से लॉन्च किया जा सकता है।
टॉमहॉक मिसाइल को इसलिए खतरनाक माना जाता है क्योंकि यह टारगेट तक सीधी रेखा में नहीं जाती। ऐसे में इसे बीच में मारकर नहीं गिराया जा सकता है। टॉमहॉक मिसाइल को अडवांस नैविगेशन सिस्टम के जरिए गाइड किया जाता है। इस मिसाइल की स्पीड 885.139 किलोमीटर प्रति घंटे से 1416.22 किलोमीटर प्रति घंटे तक होती है।
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