इस्लामाबाद: ईरान के चाबहार बंदरगाह पर अमेरिकी प्रतिबंधों से भारत को छह महीने की छूट मिल गई है। इससे भारत के लिए अफगानिस्तान और आसपास पहुंचने में आसानी होगी। दूसरी ओर पाकिस्तान की फिक्र इस छूट ने बढ़ा दी है। अमेरिका की ओर से भारत को छूट देने के ऐलान के बाद इस पर पाकिस्तान का बयान सामने आया है। पाकिस्तान ने शुक्रवार को ईरान के चाबहार पोर्ट का इस्तेमाल बलूचिस्तान प्रांत में हिंसा फैलाने के लिए होने की संभावना पर चिंता जताई है।
पाकिस्तान ने भारत को चाबहार पर अमेरिका से मिली छूट का इस्तेमाल अशांत बलूचिस्तान प्रांत में सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा ना देने के लिए करने की गीदड़भभकी दी है। चाबहार बंदरगाह पाकिस्तान से होकर अफगानिस्तान जाने वाला प्रमुख व्यापार मार्ग है। पाकिस्तान को लगता है कि इससे अफगानिस्तान सीमा के क्षेत्रों में भारत की पकड़ बढ़ जाएगी।
पाकिस्तान का लगा ध्यानअमेरिका की ओर से छूट के ऐलान के बाद पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता ने कहा कि इस्लामाबाद ने इस घटनाक्रम पर ध्यान दिया है। उन्होंने कहा कि हम ऐसे किसी भी फैसले का स्वागत करते हैं, जो ईरान में आर्थिक विकास और व्यवसाय की संभावनाओं में सुधार लाए। यह छूट देना वॉशिंगटन का संप्रभु निर्णय है क्योंकि वह मूल रूप से प्रतिबंध लगाने वाला देश है।
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) का जिक्र करते हुए कहा, 'हम भारत को आगाह करते हैं कि वह इस रास्ते (चाबहार) का दुरुपयोग आतंकवाद और तोड़फोड़ को बढ़ावा देने के लिए ना करे। भारत ने अतीत में भी इस क्षेत्र से पाकिस्तान में सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा दिया है। उसे भविष्य में ऐसा करने से बचना चाहिए।'
पाक लगाता रहा है आरोपपाकिस्तान लंबे समय से भारत और अफगानिस्तान पर बलूचिस्तान और अफगान सीमा से लगे अपने क्षेत्रों में हिंसा फैलाने का आरोप लगाता रहा है। हालांकि नई दिल्ली ने इस आरोप का सिरे से खंडन किया है। भारत और अफगानिस्तान की ओर से कई दफा ये साफ किया जा चुका है कि पाकिस्तान के किसी भी प्रांत में हिंसा में उनका कोई किरदार नहीं है।
भारत ने पिछले साल चाबहार बंदरगाह के विकास और संचालन के लिए ईरान के साथ 10 साल का अनुबंध किया था। भारत ने काबुल में दूतावास खोलकर तालिबान के साथ संबंधों को भी मजबूत किया है। यह दूतावास 2021 में तालिबान के सत्ता कब्जाने के बाद बंद कर दिया गया था। हालिया महीनों में फिर से भारत-अफगान संबंध सुधर रहे हैं।
पाकिस्तान ने भारत को चाबहार पर अमेरिका से मिली छूट का इस्तेमाल अशांत बलूचिस्तान प्रांत में सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा ना देने के लिए करने की गीदड़भभकी दी है। चाबहार बंदरगाह पाकिस्तान से होकर अफगानिस्तान जाने वाला प्रमुख व्यापार मार्ग है। पाकिस्तान को लगता है कि इससे अफगानिस्तान सीमा के क्षेत्रों में भारत की पकड़ बढ़ जाएगी।
पाकिस्तान का लगा ध्यानअमेरिका की ओर से छूट के ऐलान के बाद पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता ने कहा कि इस्लामाबाद ने इस घटनाक्रम पर ध्यान दिया है। उन्होंने कहा कि हम ऐसे किसी भी फैसले का स्वागत करते हैं, जो ईरान में आर्थिक विकास और व्यवसाय की संभावनाओं में सुधार लाए। यह छूट देना वॉशिंगटन का संप्रभु निर्णय है क्योंकि वह मूल रूप से प्रतिबंध लगाने वाला देश है।
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) का जिक्र करते हुए कहा, 'हम भारत को आगाह करते हैं कि वह इस रास्ते (चाबहार) का दुरुपयोग आतंकवाद और तोड़फोड़ को बढ़ावा देने के लिए ना करे। भारत ने अतीत में भी इस क्षेत्र से पाकिस्तान में सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा दिया है। उसे भविष्य में ऐसा करने से बचना चाहिए।'
पाक लगाता रहा है आरोपपाकिस्तान लंबे समय से भारत और अफगानिस्तान पर बलूचिस्तान और अफगान सीमा से लगे अपने क्षेत्रों में हिंसा फैलाने का आरोप लगाता रहा है। हालांकि नई दिल्ली ने इस आरोप का सिरे से खंडन किया है। भारत और अफगानिस्तान की ओर से कई दफा ये साफ किया जा चुका है कि पाकिस्तान के किसी भी प्रांत में हिंसा में उनका कोई किरदार नहीं है।
भारत ने पिछले साल चाबहार बंदरगाह के विकास और संचालन के लिए ईरान के साथ 10 साल का अनुबंध किया था। भारत ने काबुल में दूतावास खोलकर तालिबान के साथ संबंधों को भी मजबूत किया है। यह दूतावास 2021 में तालिबान के सत्ता कब्जाने के बाद बंद कर दिया गया था। हालिया महीनों में फिर से भारत-अफगान संबंध सुधर रहे हैं।
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