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ड्रग डीलरों से साझेदारी... बगराम बेस पर अमेरिका को घेर रहे चीन की पूर्व अफगान उपराष्ट्रपति ने खोली पोल, बड़ा आरोप

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काबुल: अफगानिस्तान का बगराम एयरबेस दुनियाभर में चर्चा में है। इसकी वजह डोनाल्ड ट्रंप की इस एयरबेस पर नियंत्रण की इच्छा जताना है। ट्रंप ने कहा है कि अमेरिका इस बेस को अपनी सेना के लिए चाहता है। अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज तालिबान ने स्पष्ट कर दिया है कि अमेरिका को बगराम में वापसी की इजाजत नहीं दी जाएगी। वहीं चीन ने इसमें अफगान लोगों की इच्छा का सम्मान किए जाने पर जोर दिया है। चीन के बयान पर पूर्व अफगान उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने प्रतिक्रिया दी है। सालेह का कहना है कि अफगानिस्तान के संसाधनों पर हक के मामले में चीन दोहरा रवैया अपना रहा है।



अमरुल्लाह सालेह ने शुक्रवार को एक्स पर एक लंबी पोस्ट की है। इसमें उन्होंने लिखा, 'पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (पीआरसी) का कहना है कि बगराम बेस का भविष्य अफगानिस्तान की जनता को तय करना चाहिए। यह बयान महत्वपूर्ण है क्योंकि पीआरसी ने तालिबान का जिक्र नहीं किया है। ऐसा कर उन्होंने सीधेतौर पर स्वीकार किया है कि अफगानिस्तान में वैध राज्य व्यवस्था नहीं है। ऐसे में उनके लिए भी कुछ सवाल खड़ होते हैं।'



दूसरे संसाधनों की भी हो बातसालेह ने कहा है कि पीआरसी के अधिकारियों को बगराम बेस से इतर अफगानिस्तान के दूसरे प्राकृतिक संसाधन पर भी ध्यान देना चाहिए। इनमें बदख्शां और तखर प्रांतों के संसाधन शामिल हैं, जो अफगान जनता की ही संपत्ति हैं। हम उम्मीद करते हैं कि अफगानियों की इच्छा का सम्मान करते हुए चीन अपनी कंपनियों को बदख्शां और तखर प्रांत की सोने की खदानों में लूट और शोषण रोकेगा।



अमरुल्लाह ने आगे लिखा, 'तखर और बदख्शां क्षेत्र के सबसे बड़े मादक पदार्थों के तस्कर बशर नूरजई के साथ साझेदारी में सोने की खदानें चलाना चीन के लिए कोई सम्मान की बात नहीं है। चीन अगर बशर नूरजई से परिचित नहीं हैं तो उसके बारे में जानकारी कर ले। दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होने के नाते चीन को अपनी कंपनियों के मुनाफा कमाने और सोना निकालने के लिए ड्रग डीलरों के साथ साझेदारी पर पुनर्विचार करना चाहिए।'





'चीन वापस बुलाए कंपनी'सालेह ने तालिबान सरकार को गैरकानूनी बताते हुए चीन से आग्रह किया है कि काबुल से संबंधों में एहतियात बरतें। उन्होंने लिखा, 'चीन अपनी कंपनियों को तब तक के लिए वापस बुला ले, जब तक अफगानों के पास एक वैध और जवाबदेह राज्य व्यवस्था नहीं है। चीन को समझना चाहिए कि सोने की खदानों से किसे फायदा होता है। बहुत साफ है कि इससे तालिबान के दमनकारी संस्थान मजबूत होते हैं



सालेह ने कहा कि तालिबान एक राष्ट्र-विरोधी समूह है, जो टूट जाएगा। चीन निश्चिंत रहे और कृपया करके इस गुट से नाता ना जोड़े। अमरुल्लाह सालेह अफगानिस्तान के पंजशीर प्रांत से ताल्लुक रखते हैं। वह तालिबान विरोधी रुख के लिए जाने जाते हैं। सालेह पहले भी तालिबान पर निशाना साधते रहे हैं। सालेह का कहना है कि तालिबान सरकार पूरी तरह नाजायज है।
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