वॉशिंगटन/तेहरान: ईरान के खिलाफ इजरायल की जंग में अमेरिका भी उतर गया है। रविवार सुबह तड़के अमेरिकी जेट ने ईरान की परमाणु सुविधाओं पर हमला बोल दिया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर इसकी घोषणा की। ट्रंप ने लिखा, हमने ईरान में तीन परमाणु स्थलों पर अपना बहुत सफल हमला पूरा कर लिया है। उन्होंने बताया कि ईरान की फोर्डो, नतांज और इस्फहान परमाणु सुविधा को निशाना बनाया गया और अमेरिकी लड़ाकू विमान ईरानी एयरस्पेस से सुरक्षित बाहर आ चुके हैं।
हालांकि, ट्रंप ने यह नहीं बताया कि अमेरिका ने हमले में किन लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल किया गया, लेकिन न्यूयॉर्क टाइम्स और रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि इस अभियान में कई B-2 स्टील्थ बॉम्बर्स का इस्तेमाल किया गया था। इसके पहले ऐसी रिपोर्ट आई थीं कि अमेरिका ने गुआम में अपने बी-2 बमवर्षक विमान तैनात कर दिए हैं। हालांकि, न तो वॉउट हाउस और न ही ट्रंप प्रशासन के अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की थी।
क्या है अमेरिकी बी-2 बमवर्षक?
बी-2 अमेरिका का बमवर्षक जेट है, जो एक साथ दो जीबीयू-57 मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर (MOP) बम ले जा सकता है। इसमें से हर एक बम का वजन 30000 पाउंड (13.5 टन) है, जिसे ईरान की फोर्डो सुविधा जैसे जमीन में गहराई में दबे लक्ष्यों को निशाना बनाने के लिए डिजाइन किया गया है। जमीन के अंदर गहराई में जाकर लक्ष्य को भेदने की वजह से इसे बंकर बस्टर बम कहा जाता है। ईरान की फोर्ड परमाणु सुविधा पहाड़ के नीचे 80 मीटर गहराई में स्थित है।
बी-2 बमवर्षक एक बार दो GBU-57 बंकर बस्टर बम ले जा सकता है, जिससे यह एक बार में हर मिशन में दो लक्ष्यों को निशाना बना सकता है। जीबीयू-57 60 फीट की मजबूत कंक्रीट या फिर 200 फीट की मिट्री के अंदर तक घुसकर लक्ष्य को तबाह कर सकता है। यह पेलोड के साथ दूसरी युद्ध सामग्री भी ले जाने में सक्षम है।
रेडार को मात देने में सक्षम
बी-2 बमवर्षक को इस तरह से डिजाइन किया गया है, जिससे पारंपरिक रेडार पर इसे पकड़ पाना मुश्किल हो जाता है। इसकी फ्लाइंग विंग डिजाइन, रेडार-अब्जार्वेंट मैटेरियल और कम इन्फ्रारेड सिग्नेचर के कारण इसका रेडार क्रॉस सेक्शन लगभग 0.001 वर्ग मीट है, जो एक छोटे पक्षी के बराबर है। इसकी यह क्षमता दुश्मन के क्षेत्र में इसे सुरक्षा प्रदान करती है। पारंपरिक और परमाणु दोनों तरह के हथियार ले जाने में सक्षम बी-2 बमवर्षक 40000 पाउंड के हथियार के साथ 6000 मील की दूरी बिना दोबारा ईंधन भरे पूरी कर सकता है। 1997 में पहली बार पेश किए गए इस जेट को दो पायलट उड़ाते हैं।
हालांकि, ट्रंप ने यह नहीं बताया कि अमेरिका ने हमले में किन लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल किया गया, लेकिन न्यूयॉर्क टाइम्स और रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि इस अभियान में कई B-2 स्टील्थ बॉम्बर्स का इस्तेमाल किया गया था। इसके पहले ऐसी रिपोर्ट आई थीं कि अमेरिका ने गुआम में अपने बी-2 बमवर्षक विमान तैनात कर दिए हैं। हालांकि, न तो वॉउट हाउस और न ही ट्रंप प्रशासन के अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की थी।
क्या है अमेरिकी बी-2 बमवर्षक?
बी-2 अमेरिका का बमवर्षक जेट है, जो एक साथ दो जीबीयू-57 मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर (MOP) बम ले जा सकता है। इसमें से हर एक बम का वजन 30000 पाउंड (13.5 टन) है, जिसे ईरान की फोर्डो सुविधा जैसे जमीन में गहराई में दबे लक्ष्यों को निशाना बनाने के लिए डिजाइन किया गया है। जमीन के अंदर गहराई में जाकर लक्ष्य को भेदने की वजह से इसे बंकर बस्टर बम कहा जाता है। ईरान की फोर्ड परमाणु सुविधा पहाड़ के नीचे 80 मीटर गहराई में स्थित है।
बी-2 बमवर्षक एक बार दो GBU-57 बंकर बस्टर बम ले जा सकता है, जिससे यह एक बार में हर मिशन में दो लक्ष्यों को निशाना बना सकता है। जीबीयू-57 60 फीट की मजबूत कंक्रीट या फिर 200 फीट की मिट्री के अंदर तक घुसकर लक्ष्य को तबाह कर सकता है। यह पेलोड के साथ दूसरी युद्ध सामग्री भी ले जाने में सक्षम है।
रेडार को मात देने में सक्षम
बी-2 बमवर्षक को इस तरह से डिजाइन किया गया है, जिससे पारंपरिक रेडार पर इसे पकड़ पाना मुश्किल हो जाता है। इसकी फ्लाइंग विंग डिजाइन, रेडार-अब्जार्वेंट मैटेरियल और कम इन्फ्रारेड सिग्नेचर के कारण इसका रेडार क्रॉस सेक्शन लगभग 0.001 वर्ग मीट है, जो एक छोटे पक्षी के बराबर है। इसकी यह क्षमता दुश्मन के क्षेत्र में इसे सुरक्षा प्रदान करती है। पारंपरिक और परमाणु दोनों तरह के हथियार ले जाने में सक्षम बी-2 बमवर्षक 40000 पाउंड के हथियार के साथ 6000 मील की दूरी बिना दोबारा ईंधन भरे पूरी कर सकता है। 1997 में पहली बार पेश किए गए इस जेट को दो पायलट उड़ाते हैं।
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