बेतिया, चाहे अपनी राजसी विरासत और सियासी इतिहास के लिए जाना जाता हो,या अंग्रेजी हुकूमत के दौरान एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में, हर काल में बड़ा रमना मैदान ने एक केंद्रीय भूमिका निभाई है। बेतिया राज के समय में, यह मैदान खेलों और मनोरंजक गतिविधियों का जीवंत केंद्र था, जहाँ युवा अपनी शारीरिक दक्षता का प्रदर्शन करते थे। ब्रिटिश हुकूमत के आगमन के साथ भी, इस मैदान का महत्व कम नहीं हुआ ब्रिटिश अधिकारी यहाँ पोलो जैसे शाही खेल खेला करते थे, जो इस मैदान की भव्यता और उपयोगिता को दर्शाता था। आज भी, यह मैदान बेतिया के युवाओं के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान है, जहाँ वे अपनी प्रतिभा को निखारने का प्रयास करते हैं, चाहे वह क्रिकेट हो, फुटबॉल हो या कोई अन्य खेल।
हालांकि, इस गौरवशाली इतिहास के बावजूद, बड़ा रमना मैदान आज अपनी बदहाली पर आँसू बहा रहा है। पिछले कई दशकों से, यह मैदान असामाजिक तत्वों की गतिविधियों का शिकार हो रहा है। प्रशासन को चुनौती देते हुए, इन तत्वों ने बड़े पैमाने पर मिट्टी की अवैध कटाई की है, जिसने इस हरे-भरे मैदान को गहरे गड्ढों में बदल दिया है। जहाँ कभी हरियाली थी और खिलाड़ी दौड़ते थे, वहाँ अब ऊबड़-खाबड़ ज़मीन और पानी से भरे गड्ढे हैं, जिससे इसका मूल स्वरूप और उपयोगिता लगभग समाप्त हो गई है। यह स्थिति न केवल मैदान के ऐतिहासिक महत्व का अपमान है, बल्कि स्थानीय युवाओं के लिए एक सुरक्षित और उपयुक्त खेल मैदान की कमी भी पैदा करती है।
इस मैदान के जीर्णोद्धार के लिए कई बार प्रयास हुए हैं और फंड भी पास किए गए हैं। लेकिन दुखद सच्चाई यह है कि ये प्रयास केवल कागजों पर ही सिमट कर रह गए हैं। ज़मीनी स्तर पर कोई ठोस काम नहीं हुआ, और मैदान अपनी बदहाली पर जस का तस पड़ा है। यह प्रशासनिक उदासीनता और भ्रष्टाचार का एक जीता-जागता उदाहरण है, जहाँ सार्वजनिक धन का दुरुपयोग होता है और जनता की भलाई के लिए बने प्रोजेक्ट केवल कागजी कार्रवाई तक सीमित रहते हैं।
विडंबना देखिए कि इस बदहाल मैदान से चंद कदमों की दूरी पर गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज बेतिया स्थित है, जो जिले का सबसे बड़ा अस्पताल है। अगर इस बड़ा रमना मैदान का सही ढंग से जीर्णोद्धार हो जाता है, तो यह न केवल युवाओं के लिए एक बेहतरीन खेल का मैदान बन सकता है, बल्कि शहर के लोगों और अस्पताल में आने वाले मरीज़ों के परिजनों के लिए भी एक आदर्श स्थान बन सकता है। मॉर्निंग वॉक और शाम की सैर के लिए एक सुंदर और सुरक्षित जगह मिलने से उनका शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होगा। यह मैदान बेतिया के सामाजिक ताने-बाने का एक अभिन्न अंग बन सकता है, जहाँ लोग एक-दूसरे से जुड़ें, खेलें और प्रकृति का आनंद लें।
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