Newsindia live,Digital Desk: रक्षाबंधन का पावन पर्व दो हजार पच्चीस में नौ अगस्त को मनाया जाएगा यह दिन श्रावण पूर्णिमा तिथि को आता है श्रावण पूर्णिमा तिथि नौ अगस्त को सुबह करीब पौने तीन बजे से शुरू होगी और दस अगस्त को सुबह चार बजे तक रहेगी इस पावन अवसर पर भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधा जाता है और उनसे सुरक्षा का आशीर्वाद मांगा जाता हैरक्षाबंधन पर राखी बांधते समय कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए भद्राकाल को राखी बांधने के लिए शुभ नहीं माना जाता है नौ अगस्त को भद्राकाल सुबह करीब पौने तीन बजे से दोपहर पौने तीन बजे तक रहेगा इस पूरे समय में राखी नहीं बांधनी चाहिएराखी बांधने का सबसे शुभ मुहूर्त नौ अगस्त को दोपहर पौने तीन बजे के बाद शुरू होगा और यह शुभ समय रात तक रहेगा हालांकि सूर्यास्त से पहले राखी बांधना बहुत शुभ माना जाता है ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार रात में भी राखी बांधी जा सकती है क्योंकि रात का समय देवों की पूजा और उपासना के लिए उपयुक्त होता हैइसके अतिरिक्त राहुकाल में भी राखी बांधने से बचना चाहिए नौ अगस्त को राहुकाल सुबह पौने ग्यारह बजे से दोपहर सवा बारह बजे तक रहेगा इस समय में राखी बांधना शुभ नहीं माना जाता हैराखी बांधने से पहले कुछ विशेष पूजन सामग्री तैयार करनी चाहिए एक छोटी चौकी लें उस पर कलश नारियल कुमकुम चावल अक्षत हल्दी और एक दीपक रखें राखी बांधने से पहले सबसे पहले भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण को राखी अर्पित करें इसके बाद देवी लक्ष्मी और नारायण की भी पूजा करें और उनसे सुख समृद्धि की प्रार्थना करें इन नियमों का पालन करने से त्योहार का शुभ फल प्राप्त होता है
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