सूत्रों के अनुसार बीमा संशोधन विधेयक, जो बीमा क्षेत्र में 100 प्रतिशत एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) का प्रावधान करता है, आगामी मानसून सत्र में पेश किए जाने की संभावना है।
सूत्रों ने बताया कि विधेयक का मसौदा तैयार है और इसे मंजूरी के लिए जल्द ही कैबिनेट के समक्ष पेश किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कैबिनेट की मंजूरी के बाद वित्त मंत्रालय के तहत वित्तीय सेवा विभाग संसद में विधेयक पेश करने की प्रक्रिया शुरू करेगा।
सूत्रों के अनुसार, मंत्रालय को उम्मीद है कि यह विधेयक आगामी मानसून सत्र में संसद में पेश किया जाएगा। संसद का मानसून सत्र आमतौर पर जुलाई के महीने में शुरू होता है।
उल्लेखनीय है कि इस वर्ष के बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्तीय क्षेत्र में नई पीढ़ी के सुधारों के तहत बीमा क्षेत्र में विदेशी निवेश की मौजूदा सीमा को 74% से बढ़ाकर 100% करने का प्रस्ताव रखा था।
उन्होंने कहा कि यह बढ़ी हुई सीमा उन कंपनियों को उपलब्ध होगी जो अपना पूरा प्रीमियम भारत में निवेश करती हैं। विदेशी निवेश से जुड़ी वर्तमान बाधाओं और शर्तों की समीक्षा की जाएगी और उन्हें सरल बनाया जाएगा।
वित्त मंत्रालय ने बीमा अधिनियम , 1938 के विभिन्न प्रावधानों में संशोधन का प्रस्ताव किया है , जिसमें बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष निवेश को बढ़ाकर 100 प्रतिशत करना , चुकता पूंजी को कम करना और संपूर्ण लाइसेंसिंग प्रावधान शामिल हैं।
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