क्रांतिकारियों की भूमि बलिया, जो अब तक विकास की दौड़ में थोड़ा पीछे महसूस करती थी, अब एक नई गाथा लिखने को तैयार है। उत्तर प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के तहत, बलिया जिले को एक नहीं, दो नहीं, बल्कि तीन-तीन एक्सप्रेसवे से जोड़ा जा रहा है। यह सिर्फ सड़कों का जाल नहीं, बल्कि इस पूरे पूर्वांचल क्षेत्र के लिए तरक्की का एक नया हाईवे है, जो आने वाले समय में जिले की तस्वीर पूरी तरह बदल देगा।
विकास की त्रिवेणी: ये हैं वो तीन एक्सप्रेसवे
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे: बलिया पहले ही इस एक्सप्रेसवे से जुड़ चुका है, जिसने इसे लखनऊ और दिल्ली तक की सीधी पहुंच दी है।
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे: यह एक्सप्रेसवे बलिया को गोरखपुर के औद्योगिक गलियारे से सीधे जोड़ेगा, जिससे व्यापार और परिवहन के नए रास्ते खुलेंगे।
बलिया लिंक ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे: यह सबसे खास और गेम-चेंजर प्रोजेक्ट है। यह एक बिलकुल नया कॉरिडोर होगा, जो न सिर्फ आवाजाही को सुगम बनाएगा, बल्कि इसके किनारे एक नया औद्योगिक क्षेत्र भी बसाया जाएगा।
सिर्फ सड़कें नहीं, रोजगार का कॉरिडोर भी
इस योजना का सबसे बड़ा लक्ष्य बलिया को पूर्वांचल का एक नया ‘ग्रोथ सेंटर’ बनाना है। बलिया लिंक ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के साथ-साथ एक बड़ा औद्योगिक गलियारा विकसित करने की योजना है। इसका मतलब है कि यहां नई फैक्ट्रियां लगेंगी, स्थानीय स्तर पर युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे और काम के लिए बाहर जाने की मजबूरी कम होगी। UPEIDA (उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण) इस परियोजना के लिए तेजी से भूमि अधिग्रहण का काम कर रहा है, जिससे यह साफ है कि सरकार इस सपने को जल्द से जल्द हकीकत में बदलना चाहती है।
यह महा-परियोजना बलिया को न सिर्फ राज्य के दूसरे हिस्सों से जोड़ेगी, बल्कि इसे आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाकर एक नई पहचान देगी।
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