लाइव हिंदी खबर (हेल्थ कार्नर) :- इस लेख में हम आपको चाय के विभिन्न प्रकारों के बारे में जानकारी देंगे, जिससे आप इन्हें अपने घर पर आसानी से बना सकें और उनका आनंद ले सकें।
नून चाय विशेष रूप से भारत के उत्तरी हिस्सों, जैसे जम्मू और कश्मीर में लोकप्रिय है। इसके अलावा, यह राजस्थान और नेपाल के कुछ क्षेत्रों में भी मिलती है। मुनिया गुलाबी चाय कश्मीर घाटी में उगने वाली विशेष पत्तियों से बनाई जाती है। इसे बनाने के लिए इन पत्तियों को अच्छी तरह उबाला जाता है। इस चाय में शक्कर के साथ हल्का नमक भी डाला जाता है, जिससे दूध मिलाने पर इसका रंग हल्का गुलाबी हो जाता है। यह सुनने में अजीब लग सकता है, लेकिन इसका स्वाद अद्भुत है। एक बार नून चाय जरूर आजमाएं।
मसाला चाय की खुशबू अद्वितीय होती है। अदरक, काली मिर्च, लौंग, दालचीनी और इलायची के मिश्रण से बनी यह चाय जब पकाई जाती है, तो इसकी महक से ही स्वाद का अंदाजा लग जाता है। असम की मसाला चाय में मम्मी चाय के पौधे का उपयोग किया जाता है, जो इसे एक अलग स्वाद देता है। यदि आप असम जा रहे हैं, तो वहां की मसाला चाय का आनंद लेना न भूलें।
ओलांग चाय का स्वाद न तो काली चाय जितना मजबूत है और न ही हरी चाय जितना हल्का। इसकी महक ताजे फूलों या फलों जैसी होती है। यह चाय स्वास्थ्य के लिए लाभदायक मानी जाती है, क्योंकि इसमें एंटीऑक्सीडेंट और कई अन्य मिनरल्स होते हैं। यह चाय चीन की विशेषता है और इसे एक अलग बर्तन में पीसकर बनाया जाता है। भारत के दक्षिणी क्षेत्रों में यह चाय काफी प्रसिद्ध है। ईरानी चाय, जो मुंबई और पुणे होते हुए हैदराबाद में भी लोकप्रिय है, इसे मावा डालकर लंबे समय तक उबाला जाता है।
इसका स्वाद वास्तव में यादगार होता है। कई जगहों पर इसे मक्खन के साथ परोसा जाता है। यह चाय, जो भारत, नेपाल और भूटान के हिमालयी क्षेत्रों में बनाई जाती है, नमकीन होती है। इसे बनाने में एक विशेष काली चाय का उपयोग किया जाता है, जो उसी क्षेत्र में पाई जाती है। तिब्बत में इसे 'छा' के नाम से जाना जाता है और इसका स्वाद मीठा नहीं, बल्कि नमकीन होता है।
इसे बनाने का तरीका भी अलग होता है। तिब्बत में जब कोई मेहमान आता है, तो उसे एक बाउल में यह चाय परोसी जाती है, और मेहमान इसका आनंद लेते हैं।
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