आज की तेज़ रफ्तार जिंदगी में जहां लोग शरीर की फिटनेस पर तो ध्यान दे रहे हैं, वहीं दिमागी सेहत को अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सिर्फ 40 मिनट की रोजाना वॉक न केवल आपके शरीर को फिट रखती है, बल्कि दिमाग को भी तेज बनाती है? जी हां, एक स्टडी में यह साबित हुआ है कि नियमित वॉकिंग से न सिर्फ याददाश्त बेहतर होती है, बल्कि उम्र बढ़ने के बावजूद दिमाग का आकार भी बढ़ सकता है।
वॉकिंग और दिमाग के बीच गहरा कनेक्शनPNAS (Proceedings of the National Academy of Sciences) में प्रकाशित एक रिसर्च में बताया गया है कि 55 से 80 वर्ष की उम्र के लोगों पर एक स्टडी की गई। इसमें दो समूह बनाए गए—पहले ग्रुप ने केवल स्ट्रेचिंग और टोनिंग एक्सरसाइज की, जबकि दूसरे ग्रुप ने सप्ताह में तीन बार 40 मिनट की वॉक की।
छह महीनों बाद जब दोनों ग्रुप्स का MRI स्कैन किया गया, तो वॉकिंग करने वाले लोगों के दिमाग के हिप्पोकैम्पस हिस्से का आकार औसतन 2% बढ़ा हुआ पाया गया। यह वही हिस्सा होता है जो याददाश्त और सीखने की क्षमता के लिए जिम्मेदार होता है। आमतौर पर बढ़ती उम्र के साथ यह हिस्सा सिकुड़ता है, जिससे डिमेंशिया और अल्जाइमर जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ता है।
वॉकिंग से मिलने वाले मानसिक फायदेयाददाश्त में सुधार
वॉकिंग करने से दिमाग के सेल्स में ऑक्सीजन का प्रवाह बेहतर होता है, जिससे ब्रेन ज्यादा एक्टिव रहता है।
तनाव और चिंता में कमी
वॉकिंग के दौरान एंडोर्फिन हार्मोन रिलीज होते हैं, जो तनाव और चिंता को कम करते हैं और मूड को बेहतर बनाते हैं।
बेहतर नींद
रोजाना वॉक करने से नींद की गुणवत्ता सुधरती है, जो दिमागी सेहत के लिए जरूरी है।
फोकस और एकाग्रता में इजाफा
हरी-भरी जगहों पर वॉक करना मानसिक शांति देता है, जिससे एकाग्रता बढ़ती है।
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तेज गति से चलें: धीमी चाल के बजाय थोड़ा तेज चलने से बेहतर असर होता है।
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नियमितता जरूरी है: हफ्ते में कम से कम 3 से 4 बार 30–40 मिनट की वॉक जरूर करें।
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प्राकृतिक वातावरण चुनें: पार्क या पेड़ों से घिरे इलाके में वॉक करने से ज्यादा ऑक्सीजन मिलती है।
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वॉक के बाद मेडिटेशन करें: 5–10 मिनट का ध्यान या गहरी सांस लेने की एक्सरसाइज मानसिक शांति को और मजबूत करती है।
अगर आप भूलने की बीमारी से बचना चाहते हैं और अपने दिमाग को तेज बनाए रखना चाहते हैं, तो आज से ही वॉकिंग को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। यह एक आसान, सस्ता और बेहद असरदार तरीका है जो न सिर्फ शरीर बल्कि दिमाग को भी फिट रखता है। याद रखें, हर कदम आपके ब्रेन के लिए एक नई ऊर्जा ला सकता है।
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