बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर सियासी घमासान मचा हुआ है। चुनाव आयोग ने करीब 65 लाख मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटाने का प्रस्ताव दिया है। आयोग के मुताबिक, इसमें 22 लाख मृत मतदाता, 36 लाख स्थानांतरित मतदाता और 7 लाख दोहरे पंजीकरण वाले मतदाता शामिल हैं। इस फैसले के बाद विपक्ष ने चुनाव आयोग पर गंभीर सवाल उठाए हैं। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी समेत कई विपक्षी नेताओं ने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर वोटों में हेराफेरी का आरोप लगाया है। इस तनातनी के बीच लोगों को पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त टीएन शेषन की भी याद आ गई। उनका एक पुराना इंटरव्यू सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने चुनाव आयोग की भूमिका को बेहद स्पष्ट और कड़े शब्दों में परिभाषित किया था।
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