महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस सरकार ने मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन योजना के लाभार्थियों के लिए ई-केवाईसी (आधार आधारित इलेक्ट्रॉनिक सत्यापन) प्रक्रिया को अनिवार्य कर दिया है। इस निर्णय का उद्देश्य योजना के लाभार्थियों के सत्यापन को और अधिक पारदर्शी और सटीक बनाना है।
गुरुवार, 18 सितंबर 2025 को राज्य सरकार ने इस संबंध में एक सरकारी आदेश (जीआर) जारी किया। इसके तहत, सभी लाभार्थियों को अपनी ई-केवाईसी प्रक्रिया दो महीने के भीतर पूरी करनी होगी।
मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन योजना महिलाओं और विशेषकर गरीब वर्ग की महिलाओं को वित्तीय सहायता, स्वास्थ्य सेवाएं, और शिक्षा के अवसर प्रदान करने के लिए शुरू की गई थी। योजना का उद्देश्य राज्य में महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देना और उन्हें सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक रूप से सशक्त बनाना है।
सरकारी आदेश में यह भी कहा गया है कि ई-केवाईसी प्रक्रिया के पूरा न होने की स्थिति में लाभार्थियों को योजना के लाभ से वंचित किया जा सकता है। इस कदम से राज्य सरकार ने उन सभी पात्र व्यक्तियों को सही तरीके से योजना का लाभ देने की कोशिश की है, जो पहले से ही इसका हिस्सा हैं।
इस आदेश के तहत ई-केवाईसी प्रक्रिया के लिए लाभार्थियों को आधार कार्ड और मोबाइल नंबर की जानकारी देना अनिवार्य किया गया है। साथ ही, यह भी सुनिश्चित किया गया है कि प्रक्रिया को सरल और सुव्यवस्थित तरीके से लागू किया जाए, ताकि कोई भी महिला इसके लाभ से वंचित न रहे।
महाराष्ट्र सरकार का कहना है कि ई-केवाईसी के जरिए न केवल योजना के लाभार्थियों का सत्यापन होगा, बल्कि यह कदम सरकारी योजनाओं में पारदर्शिता को बढ़ाएगा और भ्रष्टाचार की संभावनाओं को भी कम करेगा।
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